सरकार को भारत रत्न देने के अलावा किसानों को उनके अधिकार भी देने चाहिए , आखिर उनकी मांग भी तो बहुत छोटी सी है कि उन्हें उनकी फसलों का बेहतर मूल्य मिले। हालांकि किसानों की इस मांग का आधार भी एम एस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें हैं जो उन्होंने आज से करीब चार दशक पहले दी थीं। इन चार दशकों में न जाने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने का वादा करके न जाने कितनी सरकारें आईं और गईं, इनमें वर्तमान सरकार भी है जिसने 2014 के चुनाव में इन सिफारिशों को लागू करने का वादा प्रमुखता से किया था। -------दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, क्या आपको भी लगता है कि किसानों की मांगो को पूरा करने की बजाए भारत रत्न देकर किसानों को उनके अधिकार दिलाए जा सकते हैं? --------या फिर यह भी किसानों को उनके अधिकारों को वंचित कर उनके वोट हासिल करने का प्रयास है.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा गेंहू की फसल में सिंचाई प्रबंधन के बारे में बता रहे है । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

पेटरवार प्रखंड अंतर्गत अरजुवा पंचायत के  मैदान में शुक्रवार को प्रखंड स्तरीय किसान मेला सह उद्यान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. किसान मेला में मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद की अध्यक्षा सुनीता देवी, विशिष्ट अतिथि गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो की पत्नी सह विधानसभा स्तरीय विधायक प्रतिनिधि कौशल्या देवी, जिला कृषि पदाधिकारी उमेश तिर्की, बेरमो अनुमंडल कृषि पदाधिकारी निशा कुल्लू, जिप सदस्या माला कुमारी, अरजुवा मुखिया उर्मिला देवी, उलगड्डा मुखिया अरबिंद कुमार मुर्मू, पंसस रितेश बास्के, समाज सेवी चितरंजन साव, लालबहादुर शर्मा आदि ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता हैं. जिनका समाज व राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है. सभी किसान आधुनिक वैज्ञानिक तरीके से खेती कर अधिक से अधिक आय अर्जित करें. सरकार की ओर से प्रदत्त सुविधा व लाभ जरूर प्राप्त करें. इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर व फीता काट कर किया गया. उद्यान प्रदर्शनी में किसानों द्वारा लगाए गए प्रादर्शो का निरीक्षण किया गया. उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 75 किसानों को पुरस्कार दे कर पुरस्कृत किया गया. बीज कंपनियों द्वारा कई स्टॉल लगाया गया था. मौके पर पेटरवार प्रखंड प्रभारी कृषि पदाधिकारी अरविन्द कुमार, केवीके के कृषि वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ अनिल कुमार सिंह, बीटीएम मोतीलाल, आत्मा के उप परियोजना निदेशक राजन मिश्रा, गोमिया के बी टी एम बबलू सिंह, कसमार के सुरेश रजक, नावाडीह बी टी एम अरुण कुमार, चन्दनकियारी की हर्ष लागूरी, एटीएम नवीन कुमार, नन्दलाल महतो, बेनीलाल महतो, दुर्गा प्रसाद सहित बीज -खाद व दवा बिक्रेता व ग्रामीण उपस्थित थे.

पेटरवार प्रखंड अंतर्गत अरजुवा पंचायत सचिवालय परिसर में प्रखंड स्तरीय किसान मेला सह उद्यान प्रदर्शनी 2024 का आयोजन दो फरवरी को किया जायगा- उक्त जानकारी प्रखंड प्रभारी कृषि पदाधिकारी अरविन्द कुमार ने देते हुए बताया कि मौके पर आयोजित किसान गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों की ओर से विभिन्न ऋतुओं में होने वाली फसलों की उत्पादन के विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियां दी जायेगी. साथ ही विभिन्न फसलों के उत्पादन का प्रदर्शनी लगाया जायगा. अपने उत्पादन का उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले किसानों को पुरस्कार दे कर पुरस्कृत किया जायगा.     

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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा लोबिया की खेती के बारे में बता रहे है । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

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पेटरवार तथा आस -पास क्षेत्रों में इस वर्ष जाड़ा ऋतू में पाला, कोहरा व ज्यादा ठण्ड पड़ने से खेत -बाड़ी में लगी साग सब्जी में बहुत बुरा असर पड़ा है. इधर 15-20 दिनों में अधिकतर दिनों में मौसम खराब रहा. पाला, कोहरा तो पड़ा ही दूसरी ओर कड़ाके की ठण्ड पड़ने से भी लगी सब्जी पर बुरा असर पड़ा है. अहले सुबह से लेकर दस बजे दिन तक कोहरा या पाला पड़ना खेती के लिए प्रतिकूल स्थिति है. ऐसी स्थिति से क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. दारीद, लुकईया, उतासारा, कोजरम, बांगा, ओरदाना, ओबरा, जेबरा, चंद्रपूरा, अरजुवा, गागा, कोह, जाराडीह, चरगी, रुकाम, बुंडू, कोनारबेडा सहित अन्य गाँवो में लोगों की मुख्य आजीविका कृषि है. जबकि प्रत्येक वर्ष खेत बारी में लगी फसले अतिवृष्टि, अनावृष्टि, पाला, ओला कोहरा आदि से फसल चौपट हो जाती है. जबकि किसान ऊँची दर पर बीज, खाद, किट नाशक का प्रयोग करते हैं. तथा ट्रैक्टर से जुताई, मजदूरी भी बढ़ते दर में भुगतान करना पड़ता है. इस वर्ष भी इस समय प्रखंड के विभिन्न गाँवो में लगी आलू पाला पड़ने से मर गया है. प्याज का बिचड़ा नष्ट हो गया. फूल गोभी, बंध गोभी, टमाटर, बैगन, के पौधों सहित अन्य साग -सब्जी पर बुरा असर पड़ा है. खेत में लगी खीरा व तरबूज के छोटे छोटे पौधे मर गए. अन्य साग सब्जी की वृद्धि रुक गया. जिसका उपज पर बुरा प्रभाव होगा. चरगी पंचायत के चरगी ग्राम निवासी कृषक राधेश्याम बेदिया बताते हैं कि पाला कोहरा से मेरा आलू व प्याज का बिचड़ा मर गया. फूल गोभी व पत गोभी में भी मौसम का बुरा असर हुआ है. इसके अलावे अन्य साग सब्जी पर मौसम का बुरा असर पड़ा है. अरजुवा पंचायत अंतर्गत गागा ग्राम के चिरुवा बेडा निवासी महिला कृषक विभा देवी कहती हैं कि मौसम के दुष्प्रभाव से बाड़ी में लगी खीरा, झींगी, खरबूज, प्याज आदि के पौधों पर बुरा असर पड़ा है. सभी फसलों का ग्रोथ रुक गया है पौधे रुग्ण हो गए हैं जिससे अपेक्षित उपज नहीं मिल पायेगी.  मौसम के दुष्प्रभाव से हुई फसलों की क्षति से किसानों में मायूसी व्याप्त है.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा ,रबी फसलों में खरपतवार प्रबंधन की जानकारी दे रहे है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

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