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जिला बोकारो प्रखंड नावाडीह से महावीर कुमार महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि नावाडीह प्रखंड के कटघारा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झारखण्ड सरकार द्वारा करोड़ो रुपये की लागत से बनाया गया है।परन्तु अभी भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में समुचित व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पायी है।महावीर महतो जी कहते है कि जब वे इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ब्लीचिंग पावडर लेने पहुंचे तो वहां पर इन्हे हाथ धोने के लिए पानी तक नहीं मिला।ऐसे में सोचने वाली बात है कि जब हाँथ धोने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है, तो शौचालय की क्या हालत होगी।लाखो,करोड़ो की लागत से बनाया गया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बिल्कुल लचर हो चुकी है।इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन बने हुए दो से तीन वर्ष हो गएँ हैं ,इसके बावजूद स्वास्थ्य केंद्र का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है।साथ ही जगह जगह पर भवन में दरार पड़ जाने से छत से पानी का रिसाव होता है।यदि समय रहते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन की समुचित व्यवस्था नहीं की गयी तो यह कभी भी ध्वस्त हो सकता है।भवन के ऊपर तल्ले का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है, जो किसी के रहने लायक नहीं है।अत: इस पर जाँच कर कार्रवाई करने की जरुरत है।
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जिला बोकारो प्रखंड नावाडीह से जे.एम्.रंगीला जी मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहे है की सांसद रविंद्र कुमार पांडेय ने कहा की पंचायत सचिवालय विकास की गतिविधियों का केंद्र बिंदु होता है.सचिवालय बन चूका है आप ग्रामीण जनता पंचायत प्रतिनिधि मिल बैठ कर प्रखंड विकास की योजनाएं बनाये और विकास कार्य करे उक्त बातें गिरिडीह के सांसद रविंद्र कुमार पांडेय नावाडीह पंचायत सचिवालय के भवन निर्माण पूर्ण होने पर उद्घाटन समारोह पर कही।इससे पूर्व सांसद पांडेय ,जिप सदस्य फूलमती देवी,प्रमुख पूनम देवी तथा मुखिया लेता देवी ने संयुक्त रूप से नारियल फोड़ तथा फीता काट कर कर इसका विधिवत उद्घाटन किया।इस अवसर नावाडीह के गणमान्य लोग उपस्थित थे।
जिला बोकारो के प्रखंड नावाडीह से महावीर महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की देश जीएसटी को लेकर शुरुआती आकांछाओ से उबर चूका है।उम्मीद है की अगले साल के बजट में वित् मंत्री के पास जीएसटी की कामयाबी के लिए कहने को बहुत कुछ होगा।तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजार के लिहाजे से देखे तो यह अच्छी बात है कि रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं जीएसटी के 18 फीसदी वाले कर दायरों में रखा है।सेवा और सामानो के लिए लगने वाले कर में इतना अंतर नहीं होना चाहिए कि देश के हर प्रदेश में किसी एक चीज़ के लिए लोगो को अलग अलग मूल्य चुकाने पड़े।काला धन के मामले में राज्य द्वारा विभिन्नता को स्वीकार करने वाली मौजुदा प्रणाली कालाबाजरी और कर चोरी को बढ़ावा देती है।यह एक स्थापित कर है।काला धन की नयी प्रणाली गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स जीएसटी इसलिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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