बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला से हमारी श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है की माता पिता को अपने बच्चो समझना चाहिए।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानि की NCRB के हालिया रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में 23,178 गृहिणियों ने आत्महत्या की थी। यानी देशभर में हर दिन 63 और लगभग हर 22 से 25 मिनट में एक आत्महत्या हुई है। जबकि साल 2020 में ये आंकड़ा 22,372 था। जितनी तेज़ी से संसद का निर्माण करवाया, सांसद और विधायक अपनी पेंशन बढ़ा लेते है , क्यों नहीं उतनी ही तेज़ी से घरेलु हिंसा के खिलाफ सरकार कानून बना पाती है। खैर, हालत हमें ही बदलना होगा और हमें ही इसके लिए आवाज़ उठानी ही होगी तो आप हमें बताइए कि *---- आख़िर क्या वजहें हैं जिनके कारण हज़ारों गृहणियां हर साल अपनी जान ले लेती हैं? *---- घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए ? *---- और क्या आपने अपने आसपास घरेलू हिंसा को होते हुए देखा है ?

गरीबी, मंहगाई, कर्ज से तंग आकर गरीब परिवार नहीं ले पाते हैं सही निर्णय। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी खबर को।

विद्यापति नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत मऊ गांव में एक परिवार के गृह स्वामी, उनकी मां, पत्नी और दो मासूम पुत्रों की सामुहिक खुदकुशी करने के बाद उन शवों का पोस्टमार्टम समस्तीपुर सदर अस्पताल में किया गया। जहां गठित मेडिकल बोर्ड के चिकित्सकों की टीम ने उन शवों का अंत्यपरीक्षण कर रविवार की देर रात स्वजनों को सौंप दिया। गंगा की सहायक नदी वाया के तट पर उन शवों का दाह संस्कार प्रशासनिक देखरेख में रविवार की देर रात स्वजनों, रिश्तेदारों व ग्रामीणों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। उधर, एक ही घर से निकली पांच अर्थियों को देख गांव में गमगीन माहौल हो गया। एक घर से परिवार के सभी पांच लोगों की अर्थी एक साथ निकली तो हर किसी का दिल दहल उठा, तो परिजनो और रिश्तेदारों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। वहीं, मौजूद लोगों की भी आंखें नम हो गई। हर कोई मनोज के इस फैसले को लेकर अपनी-अपनी दलीलें दे रहे थे। सभी पांचों शवों को मुखाग्नि मनोज के छोटे दामाद खुसरूपुर निवासी आशीष मिश्रा ने दी तो उपस्थित सैकड़ो लोगों की आंखें नम हो गईं। मौके पर सीओ अजय कुमार, एसएचओ प्रसुंजय कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे। परिवार के पांच लोगों की खुदकुशी में सूदखोरों का आतंक भी सामने आ रहा है। तीन लाख कर्ज का ब्याज के साथ सूदखोर 18 लाख मांग रहे थे। इसे लेकर परिवार को प्रताडि़त किया जा रहा था। मृतक मनोज की बड़ी बेटी काजल ने पुलिस को बताया कि दादा ने मेरी शादी में गांव के एक व्यक्ति से तीन लाख रुपये कर्ज लिए थे। वह ब्याज जोड़कर 18 लाख रुपये की मांग मेरे दादा और पिता से कर रहा था। हर दिन सूदखोर घर आकर गाली-गलौज करता था। इससे तंग आकर दादा ने पहले ही खुदकुशी कर ली थी। कुछ दिन पूर्व एक कर्ज देने वाला पिता जी का आटो लेते गया था। इससे घर की स्थिति पूरी तरह बिगड़ गई थी। पिता के पास दो कमरे की झोपड़ी के अलावा कुछ नहीं था। घर के पास खाली थोड़ी सी जमीन पर भी लोगों ने कब्जा कर रखा है।

गरीब कर्ज ले तो खुदकुशी करें एवं माल्या एवं नीरव ऐसे लोग ऐस करें।

विद्यापति नगर प्रखंड अंतर्गत मऊ गांव में एक परिवार के पांच सदस्यों के शव उनके आवास पर लटके हुए पाए गए जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया. परिवार की मौत के लिए न्याय की मांग करते हुए मनोज की बेटी ने आरोप लगाया कि उक्त मामला आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का है. उसने टिप्पणी की कि साहूकारों ने मनोज की हत्या कर दी क्योंकि वह उन्हें 3 लाख रुपये वापस करने में असमर्थ था, जो उसने तीन महीने पहले छोटी बेटी की शादी के लिए उधार लिया था. उन्होंने कहा कि वे मामला दर्ज कराने की धमकी देकर उन्हें प्रताड़ित और ब्लैकमेल करते थे. वह डर गया क्योंकि उसे कानून और व्यवस्था के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं थी. समस्तीपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) हृदय कांत के मुताबिक, मृतक परिवार के सदस्यों की पहचान मनोज झा, उनकी पत्नी सुंदरमणि देवी, दो बच्चों सत्यम कुमार (10) और शिवम (8) और मनोज की मां सीता देवी के रूप में हुई है. ह्रदयकांत ने कहा कि मामले की जांच को आगे बढ़ाने के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की एक टीम को काम सौंपा गया है. पुलिस ने बताया कि मनोज तंबाकू (खैनी) की दुकान चलाता था और उसके दो बेटे और दो बेटियां हैं. उन्होंने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है. वहीं, इस हादसे की तस्वीर इतवार को सुबह से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसमें बताया जा रहा है कि परिवार ने भूख और गरीबी से तंग आकर आत्महत्या जैसा कदम उठाया है. इस मामले में लोग बिहार सरकार के साथ ही वहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर सवाल उठा रहे हैं.

स्व० सुशांत सिंह राजपूत के पिता श्री के०के० सिंह द्वारा पटना में स्व० सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित दर्ज कराए गए मामले की सी०बी०आई० से जांच कराने हेतु राज्य सरकार ने अनुशंसा भेज दी है।

युवाओं ने सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी खबर को।

जिला के हथौरी थाना क्षेत्र के रहटौली गांव से अपने पिता एवं भाई के साथ घर आ रहे मानसिक रूप से विक्षित युवक ने गाला को हसुआ से रेत कर आत्महत्या कर लिया।युवक की पहचान बेगूसराय जिला के खोदावंदपुर थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव निवासी राजाराम दास के पुत्र मनोहर दास के रूप हुई है।युवक के पिता राजाराम दास ने बताया कि 2 दिन पूर्व नारायणपुर से भागकर रहटौली गांव पहुंच गया।खोजबीन करने के दौरान पता चला कि युवक राहटौली नानी गांव में हैं। आज रविवार की सुबह युवक के पिता युवक को बाईक पर बैठा कर आ रहे थे ।तभी मनोहर शौच करने की बात कही। एरौत गांव के पास रोका बाईक रोकते ही युवक बाइक से उतर कर भागने लगा। पीछे से उनके भाई एवं पिता दौरे लेकिन तब तक मनोहर गेहू काट रहे लोगो से हसुआ छीन कर अपनी गला रेत लिया ।घटना की सूचना रोसड़ा थाना को दी गई मौके पर रोसड़ा थाना अध्यक्ष अमित कुमार अपने दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए समस्तीपुर भेज दिया।वही रोसड़ा थाना अध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि मृत युवक के पिता राजाराम ने बताया कि युवक का दिमागी हालत ठीक नहीं था। उसकी इलाज चल रही थी। इस संदेश को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।