पिछले कई दिनो से समस्तीपुर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।इस कड़ाके की ठंड से मवेशियों पर भी असर दिखने लगा है।जिले सहित कल्याणपुर,पूसा प्रखंड में बड़ी संख्या में मवेशी सर्दी,खासी, हफनी,बुखार की चपेट में आने लगे है।जिसमें खासकर दुधारू पशु।जिससे दुधारू पशुओं में दूध में करीब 15 से 20 प्रतिशत की कमी आई है।जिससे पशुपालक चिन्तित है।विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में लगभग 12 लाख मैट्रिक टन दूध का उत्पादन पूरे समस्तीपुर जिले में हो रहा है।जबकि ठंड से पूर्व 14 लाख मैट्रिक टन होता था।पिछले दिनों से लगातार 9 से 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान के बने रहने के कारण पशुओं की मिल्क प्रोडक्टरी व रिफ्रेक्ट्री सिस्टम पर प्रभाव पड़ रहा है।पशु चिकित्सक संजीव देव की माने तो भरपूर धूप नही निकलने से दुधारू पशुओं में कैल्शियम व कोटिको स्क्राइड की कमी हो जाती है।जिससे दूध बनना कम हो जाता है या फिर बंद हो जाता है।पशुपालक किसान में कल्याणपुर प्रखंड के सोरमार पंचायत निवासी अशोक ठाकुर,राम नरेश ठाकुर आदि ने बताया की पहले के मुकाबले ठंड बढ़ने के साथ 2 से तीन लीटर दूध में कमी आ गई है।वही पशुपालक विभाग के चिकित्सकों ने शीतलहर में पशु की खोर के ऊपर सेंधा नमक का ढेला रखने की सलाह दी है।जिससे पशु जरूरत के अनुसार उसे चाटता रहे।वही हरे चारे के साथ सुखा चारा खिलाने की सलाह दी है।

विद्यापतिनगर प्रखंड के मऊ धनेशपुर दक्षिण एवं उत्तर पंचायत में प्रखंड के पशुपालन विभाग के द्वारा वैक्सीनेशन का कार्यक्रम किया गया। इस वैक्सीनेशन के कार्यक्रम के दौरान को पशु को डकहा, लंगरी जैसी खतरनाक बीमारियों से बचने के लिए वैक्सीनेशन किया गया। वहीं किसानों ने इस कार्यक्रम के दौरान अपने-अपने पशु को खतरनाक बीमारियों से बचने के लिए वैक्सीनेशन करवाया।पंचायत पशुपालक मैत्री अभिषेक कुमार मिश्रा के द्वारा इस वैक्सीनेशन के फायदे एवं पशुपालन से संबंधित जानकारी किसानों को दी। सरकार के द्वारा बड़ी सारी योजनाएं लाई जा रही है जिससे पशुपालक बेहतर तरीके से करके अपना जीविकोपार्जन कर सकते हैं। जिसमें बकरी पालन, मुर्गा पालन एवं पशुपालन के बारे में बताया। सरकार के द्वारा चलाए जा रहे स्कीम के बारे में पशुपालक को जानकारी दी। मौके पर पशुपालक उमेश महतो, राजेश कुमार महतो ,रितेश कुमार,संजय महतो,एवं मुकेश महतो मौजूद रहे।ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा सर्दियों के मौसम में मुर्गी का आवास कैसा होना चाहिए इसकी जानकारी दे रहे है । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हम जानेंगे - बकरी के घर को साफ़ रखना क्यों जरूरी है ? अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा पशुपालन के बारे में बता रहे हैं की बकरी का कैसा हो अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

भैंस चोरी के मामले में प्राथमिकी की दर्ज एक अभियुक्त को बिनदगा जलालपुर गांव से पुलिस किया गिरफ्तार भी भेजा जेल जानकारी के अनुसार समस्तीपुर जिला के मोहनपुर ओपी क्षेत्र के पिकम जलालपुर गांव के रहने वाले एक व्यक्ति के ऊपर भैंस चोरी का मामला मोहनपुर ओपी में दर्ज था

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा पशुपालन के बारे में बता रहे हैं अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

जानकारी के अनुसार समस्तीपुर जिले के शाहपुर पटोरी प्रखंड के लगभग आधा दर्जन गांवों में इन दोनों दुधारू पशु लंपी स्किन डिजीज के चपेट में है । सरकारी स्तर पर रोकथाम की व्यवस्था नहीं होने से पशुपालक परेशान हो रहे है ।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता रत्न शंकर जानकारी दे रहे हैं की विद्यापतिनगर प्रखंड क्षेत्र के घमनी पोखर पर सरकारी पैसों से बने गोदाम वर्षों से खाली पड़े हैं। 2014 में लाखों की लागत से बने गोदाम का उपयोग में आसपास के लोग पशुओं का चारा रख उपयोग कर रहे हैं। इस गोदाम की व्यवस्था ठीक करने की जगह भवन प्रमंडल विभाग ने दूसरा नया गोदाम बना दिया। बेकार पड़े इन गोदामों को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी कमीशनखोरी के लिए किस तरह अनुपयोगी भवनों का निर्माण करा दिया हैं। इन गोदामों में जहां अनाज होने चाहिए थे, वहां पशुओं, जानवरों का डेरा है। इन गोदामों के निर्माण में सरकारी पैसों का दुरुपयोग हुआ है, या फिर इनका निर्माण के अधिकारियों ठेकेदारों ने अपनी कमाई के लिए कराया। जिसका उद्घाटन वर्ष 2014 में तात्कालिक मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा किया गया था। इस गोदाम का बिहार राज्य भवन निर्माण भवन पटना द्वारा किया गया है, लेकिन लाखों रुपए की लागत से बना 500 एमटी क्षमता वाला यह गोदाम आज भी लावारिस हालत में पड़ा हुआ है। आस-पास रहने वाले लोगों की मानें तो इसमें कभी वर्षों पहले एक बार धान गेहूं रखे गए थे। लेकिन उस के बाद से यह अनाज गोदाम खाली पड़ा है तथा उचित रखरखाव के अभाव में इसकी हालत और खस्ता होती जा रही है।ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।