किसी भी शहर की वैसे तो कई पहचानें हो सकती हैं, आप की पहचान क्या है यह आपको खुद ढूंढना पड़ेगा, हां यह शहर आपकी मदद कर देगा बिना यह जाने के आप कौन है, कहां से आए हैं, और किसलिए आए हैं। यह इलाहाबाद में ही संभव है कि यह राजनीति की पाठशाला भी बनता है, तो धर्म का संगम भी इसी के हिस्से है, धर्म और अधर्म के बीच झूलती राजनीति को सहारा और रास्ता दिखाने वाली तालीम और साहित्य भी इसी शहर की पहचान हैं। इस सब के बावजूद कोई अगर प्रेम न कर पाए तो फिर उसके मानव होने पर भी संदेह होने लगता है।
सबसे पहले, एक बड़े कटोरे में 2 घंटे के लिए 1 कप चना दाल भिगोए।पानी को निकालें और 20 मिनट तक एक तरफ रखें।मिक्सी में सूखा चना दाल को स्थानांतरण करें।1 इंच अदरक, 2 मिर्च और 1 टीस्पून जीरा भी डालें।बिना पानी डाल के एक कोर्स पेस्ट में ब्लेंड करें।अब चना दाल पेस्ट को एक बड़े मिश्रण कटोरे में स्थानांतरण करें।आगे 2 टेबलस्पून धनिया, 3 टेबलस्पून डिल पत्तियां, 2 टेबलस्पून करी पत्तियां, चुटकी हींग और ½ टीस्पून नमक डालें।स्क्वीज़ करें और उन्हें अच्छी तरह से संयोजित करें।इसके अलावा, तेल के साथ अपना हाथ ग्रीस करें और छोटी गेंदों को तैयार करें, वड़ा को फ़्लैट करें।और गर्म तेल में गहरी तलें। या प्रीहीट करके 180 डिग्री सेल्सियस पर 25 मिनट के लिए या जब तक यह सुनहरा और कुरकुरा नहीं होता है, तब तक बेक करें।जब तक दाल वड़ा सुनहरा और कुरकुरा होने तक फ्राई करें।अंत में, मसाला चाय के साथ चना दाल वड़ा का आनंद लें।
एक मोटे तली वाले पैन में तेल डालकर गर्म करें. उसमें राई और जीरा डालें और चटकने दें.लहसुन डालें और उसे सुनहरा होने तक भूनें.इसके बाद प्याज़ और हरी मिर्च डालकर नरम होने तक पकाएं.अब लाल मिर्च पाउडर और बेसन को डालें.बेसन से हल्की महक आने पर उसमें नमक और फिर गुनगुना पानी डालें और लगातार चलाते हुए 10 मिनट तक पकाएं.उसके बाद ढक्कन लगाकर 5 मिनट तक और पकाएं.ढक्कन हटाने के बाद ऊपर से थोड़ा तेल डालें और ठीक से मिलाते हुए चलाएं.कटी हुई धनिया पत्ती से छिड़कें.
केला का कोफ्ता बनाने के लिए सबसे पहले केले के ऊपर और नीचे से डंठल काट कर पानी से अच्छी तरह से धो लें। उसके बाद एक कूकर में एक गिलास पानी और केलो को डालकर कूकर को बंद करके गर्म होने के लिए रख दें। एक सिटी आने के बाद गैस को बंद कर दें और ठंडा होने दें। जब केले ठंडे हो जाएं तब केलो को छील लें। एक बाउल में केले को मैश करके डाल दें। फिर बाउल में बेसन, बारीक घिसा हुआ अदरक, हरी मिर्च, बारीक कटा हुआ हरा धनियाँ और स्वादनुसार नमक डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। एक कड़ाही में कोफ्ते तलने के लिए तेल डालकर गर्म होने के लिए रख दें। बाउल में से थोड़ा सा मिश्रण लेकर अपनी पसंद के आकार में कोफ्ते बना कर गर्म तेल में डाल दें। जब कोफ्ते गोल्डन ब्राउन हो जाएं तब उन्हें कड़ाही में से निकाल कर एक प्लेट में रख लें। एक मिक्सी के जार में बारीक कटा हुआ टमाटर, हरी मिर्च और अदरक को डालकर महीन पीस लें। पेस्ट को एक बाउल में निकाल लें। फिर मिक्सी के जार में काजू और मलाई डालकर महीन पेस्ट बना लें। एक कढ़ाई में दो चम्मच तेल डालकर गर्म होने के लिए रख दें। जब तेल गर्म हो जाएं तब कड़ाही में जीरा और हींग डालकर भून लें। उसके बाद कड़ाही में बारीक कटी हुई प्याज डालकर भून लें। जब प्याज भून जाएं तब कड़ाही में धनियाँ पॉउडर, स्वादनुसार लाल मिर्च पॉउडर और हल्दी पॉउडर डालकर मिला लें। एक मिनट पकाने के बाद कड़ाही में टमाटर का पेस्ट डाल फ्राई करें। दो मिनट बाद कड़ाही में काजू वाला पेस्ट डालकर पकाएं। जब मसाला तेल छोड़ दें तब कड़ाही में एक जरुरत के अनुसार पानी डालकर मिक्स कर लें।जब ग्रेवी में उबाल आने लगे तब कड़ाही में तले हुए कोफ्ते, स्वादनुसार नमक और गरम मसाला डाल कर मिक्स कर लें। पाँच मिनट पकाने के बाद गैस को बंद कर दें। स्वादिष्ट केले के कोफ्ते की सब्जी बनकर तैयार है।
गैस पर या आग में नेनुआ को अच्छी तरह से पका लें इसके बाद इसे ठंडा पानी में डाल कर उसका छिलका उतार लें अब बारीक कटा प्याज और हरी मिर्च नमक स्वादानुसार एक चम्मच सरसों का तेल डाल कर इसमें नेनुआ को डाल कर मैशर से मैश कर लें। इसके बाद नींबू का रस मिला कर सर्व करें।
परवल को धो ले फिर दोनों तरफ के किनारे काट लेंगे। परवल के बीच में कट लगा लेंगें।अब सारे परवलों को जाली स्टेंड या तवे पर रख कर धीमी आंच पर अच्छी तरह से पका लीजिए,जब परवल पक जाये तो लहसुन ,हरी मिर्च भी पका लेंगे।ठंडा होने पर परवल, हरी मिर्च और लहसुन की कलियों को कूट कर या मिक्सी की जार में डाल कर पीस लीजिये।अब इसमें हम नमक, तेल, अमचूर पाउडर, डाल कर अच्छे से मिक्स करे परवल का चोखा बनकर तैयार है।
नमस्कार श्रोताओं , मैं समस्तीपुर जिले की अंजलि हूं और आज मैं आपके लिए बहुत तेजी से भरने के लिए परवला की विधि लेकर आई हूं । लहसुन की तीन से चार लौंग , बारीक कटी हुई , हरी मिर्च का एक गुच्छा , चार लौंग , एक चुटकी जीरा , आधा चम्मच धनिया के बीज , दो चम्मच जीरा , एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर , एक चम्मच हल्दी , एक चम्मच गरम मसाला , एक चम्मच नींबू का रस , एक चम्मच नींबू का रस , एक चम्मच दही का सेवन करें । एक चम्मच अम्शो पाउडर एक चम्मच नमक स्वाद के लिए और फिर दो बड़े चम्मच तो आइए जानते हैं कि भरने वाला परवाल कैसे बनाया जाता है । सबसे पहले , परवाल को अच्छी तरह से धोएँ और साफ करें , फिर उन्हें एक थाली में रखें और जब परवाल हो जाए । दोनों सीरे होते हैं , दोनों को काट लें और फिर बीच से काट लें और हाथों से फैला दें और चम्मच की मदद से इसे अंदर के बीच बहुत हल्के से निकाला जाए ताकि आपका परवाल फट न जाए , उसके बाद आप इसे अलग रख दें । फिर सबसे पहले जो आता है वह है प्याज काटना , आप लहसुन और हरी मिर्च को भी कुचल सकते हैं और मिक्सर में पेस्ट बना सकते हैं , ताकि आप अपनी पसंद की सुविधा और जिस तरह से आपको खाना पसंद हो उसे कर सकें , फिर पैन में दो छोटे टुकड़े । एक कड़ाही में तेल गर्म करें , सरसों के बीज डालें , जब यह फट जाए तो प्याज , अदरक , लहसुन , हरी मिर्च और करी पत्ता डालें । अमचुर पाउडर काली मिर्च पाउडर मसाला इसे ठंडा होने दें , इसमें काली मिर्च पाउडर डालें और मसाला अच्छी तरह से पकने पर मसाला को अच्छी तरह भूनें और फिर इसे सुई की मदद से ठंडा करने के लिए रखें । जिस परवाल को मसाला से भरा जाना है , उसे उसी तरह से सभी परवाल को भरकर तैयार करना है , फिर गैस पर एक पैन डाल कर उसमें तेल डालना है , अब इस पैन में मसाला भरा परवाल डालें और इसे सात से आठ मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं जब तक कि यह नरम न हो जाए । जब यह थोड़ा सुनहरा भूरा होने लगेगा , तो हम इसे प्लेट पर निकालेंगे और फिर आप इसे गर्म खाते हैं या ठंडा खाते हैं , इसका स्वाद अच्छा लगता है और आप इसे एक से दो दिनों तक स्टोर भी कर सकते हैं ।
एक बाउल में लौकी की प्यूरी लें. इसमें चावल का आटा, सूजी, दही, जीरा पाउडर, हरी मिर्च का पेस्ट, अदरक का पेस्ट और 1 चम्मच पानी मिलाएं.इन सारी चीजों को अच्छे मिलाकर 30 मिनट के ऐसे ही रख दें.अब गैस पर पैन रखें. पैन में बैटर को डालें और चीला शेप में फैलाए.अब इसमें ग्रेट किया हुआ पनीर डालें और धनिया के पत्ते डालें. इस पर थोड़ा तेल डालें. इसे दोनों तरफ से सेक लें.ऐसे तैयार हो जाएगा. आपका चीला. अब इसे टोमैटो सॉस या हरी चटनी के साथ परोस सकते हैं.इसमें विटामिन सी, आयरन, प्रोटीन और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं.
बिहार राज्य के समस्तीपुर जिले से अंजली कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से लवंग लतिका बनाने के लिए एक प्याले में मैदा और घी डालकर मिलाते हुए पानी की मदद से पूरी के जैसा सख्त आटा गूंथ लीजिए. इतना आटा लगाने में ¼ कप से थोडा़ ज्यादा पानी लगता है. आटे को ढककर 20 मिनिट के लिये रख दीजिये, आटा सैट हो जाएगा.मावा को कढा़ई में डालकर धीमी और मीडियम गैस पर लगातार चलाते हुए हल्का कलर चेंज होने तक भून कर तैयार कर लीजिए और प्लेट में निकाल लीजिए.काजू, बादाम को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लीजिए और इलायची को छीलकर, पाउडर बना लीजिए.भूने हुए मावा में पाउडर चीनी, बारीक कटे काजू, बादाम डालकर सभी चीजों को मिक्स होने तक मिलाएं.आटे के सैट होने के बाद आटे को मसल कर ठीक कीजिये और छोटी-छोटी लोइयां तोड़ लीजिए. एक लोई उठाईये और हथेली से दबा कर चपटा करें और 2.5 - 3 इंच के व्यास में पतली पूरी बेल लीजिए. अब इसके ऊपर 1 चम्मच स्टफिंग डालें और पूरी को चारों ओर से फोल्ड करते हुए लौंग की मदद से बंद कीजिये और प्लेट में रख दीजिए. इसी तरह से सारी लवंग लतिका बनाकर तैयार कर लीजिए. इतने आटे में लगभग 20 -21 लवंग लतिका बनकर तैयार हो जायेंगी.कढ़ाई में घी डाल कर हल्का गरम कीजिये. घी के मध्यम गरम होने पर इसमें 4-5 लवंग लतिका डालिये, और उन्हें धीमी आग पर गोल्डन ब्राउन होने तक पलट-पलट कर तल लीजिये, तले हुये लवंग लतिका प्लेट में निकाल लीजिये. सारी लवंग लतिका इसी तरह से तल कर तैयार कर लीजिये.एक बर्तन में 1 कप चीनी और आधा कप पानी मिलाकर आग पर चाशनी बनने के लिये रखिये.चीनी पानी में घुल जाय, उसके बाद 2 मिनिट तक और पकायें. चाशनी के घोल से लेकर 1-2 बूंद प्लेट में टपकायें. अंगूठे और अंगुली के बीच चिपका कर देख लीजिए, चाशनी उंगली और अंगूठे के बीच चिपकनी चाहिये, गैस बंद कर दीजिए और चाशनी को थोडा़ ठंडा करके, तले हुये लवंग लतिका इसमें डाल दीजिये. 1 मिनिट इसमें रहने दीजिए ताकि ये मीठा रस सोखकर मीठे और स्वादिष्ट हो जाएं. अब इन्हें चाशनी से प्लेट में निकाल लीजिए.लवंग लतिका बनकर तैयार हैं. लवंग लतिका को एक सप्ताह तक खाया जा सकता है और फ्रिज में रखकर 15 दिनों तक खाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता रत्न शंकर ने बताया की विद्यापतिनगर डीएसपी विवेक कुमार शर्मा ने विद्यापतिनगर थाना में लंबित कांडों की समीक्षा की। उन्होंने थाना क्षेत्र में लंबित कांड, वर्तमान में दर्ज प्राथमिकी, प्रगति एवं अनुसंधान कार्रवाई आदि के बारे में दस्तावेजों का निरीक्षण किया। डीएसपी शर्मा ने लंबित कांडों की जांच एवं जरूरी कार्रवाई, अनुसंधान आदि समय-सीमा के अंदर पूरा कर कांड का निष्पादन करने संबंधी दिशा-निर्देश संबंधित थाना प्रभारी को दिए। अनुसंधान कर्ता के साथ बातचीत के क्रम में क्षेत्र में व्याप्त विधि व्यवस्था का भी उन्होंने जायजा लिया। समीक्षा के दौरान थानाध्यक्ष फिरोज आलम, अपर थानाध्यक्ष पुलिस चौधरी, एसआइ अर्जुन राम, अख्तर अंसारी, कृष्णा नन्द झा, रंजीत कुमार आदि मुख्य रूप से उपस्थित हुए।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।