हांगकांग के फूड सेफ्टी विभाग सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने एमडीएच कंपनी के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स्ड पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया है और लोगों को इसका इस्तेमाल न करने को कहा है. ऐसा क्यों? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

नमस्कार श्रोताओं , मैं समस्तीपुर जिले की अंजलि हूं और आज मैं आपके लिए थोड़ा अलग और तेज संस्करण लेकर आई हूं । इस रेसिपी को लापसी कहा जाता है , तो आइए जानते हैं कि लापसी बनाने के लिए हमें किन सामग्रियों की आवश्यकता है । तीन चम्मच घी । चीनी का एक छोटा टुकड़ा । आधा कप दलिया दो कप गर्म पानी के साथ थोड़ा सा एक चौथाई कप गुड़ आधा कप पानी एक चम्मच घी दो चम्मच काजू दो चम्मच सजावट के लिए बादाम और दो बड़े चम्मच किशमिश और थोड़ी इलायची पाउडर और कुछ केसर की आवश्यकता होगी । दो इलायची और दो लौंग लहसुन डालें और खुशबू आने तक भूनें । अब आधा कप दलिया डालें और पाँच मिनट के लिए या दलिया के सुगंधित होने तक धीमी आंच पर तलें । फिर दो कप गर्म पानी डालें और अच्छी तरह मिलाएं । कवर करें और प्रेशर कुकर में पाँच सीटी या दलिया के अच्छी तरह से पकने तक पकाएं । कुकर खोलें और आधा कप गुड़ और एक चौथाई कप गुड़ डालें । आधा पानी डालें और गुड़ के पूरी तरह पिघलने तक अच्छी तरह मिलाएँ । अब इसे पाँच मिनट या उससे अधिक समय तक पकाएँ जब तक कि गुड़ हल्का भूरा न हो जाए । अब एक छोटे पैन में एक बड़ा चम्मच घी गर्म करें और दो बड़े चम्मच डालें । काजू को किशमिश के साथ भूनें और सभी सूखे मेवों को सुनहरा भूरा होने तक तलें । अब भुने हुए मेवे , सूखे मेवे और इलायची पाउडर डालें और लस्सी में अच्छी तरह मिलाएँ । अंत में कटे हुए मेवों और केसर से सजाएं और इसका आनंद लें ।

नमस्कार श्रोताओं , मैं समस्तीपुर जिले की अंजलि हूं और आज मैं आपके लिए बहुत तेजी से भरने के लिए परवला की विधि लेकर आई हूं । लहसुन की तीन से चार लौंग , बारीक कटी हुई , हरी मिर्च का एक गुच्छा , चार लौंग , एक चुटकी जीरा , आधा चम्मच धनिया के बीज , दो चम्मच जीरा , एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर , एक चम्मच हल्दी , एक चम्मच गरम मसाला , एक चम्मच नींबू का रस , एक चम्मच नींबू का रस , एक चम्मच दही का सेवन करें । एक चम्मच अम्शो पाउडर एक चम्मच नमक स्वाद के लिए और फिर दो बड़े चम्मच तो आइए जानते हैं कि भरने वाला परवाल कैसे बनाया जाता है । सबसे पहले , परवाल को अच्छी तरह से धोएँ और साफ करें , फिर उन्हें एक थाली में रखें और जब परवाल हो जाए । दोनों सीरे होते हैं , दोनों को काट लें और फिर बीच से काट लें और हाथों से फैला दें और चम्मच की मदद से इसे अंदर के बीच बहुत हल्के से निकाला जाए ताकि आपका परवाल फट न जाए , उसके बाद आप इसे अलग रख दें । फिर सबसे पहले जो आता है वह है प्याज काटना , आप लहसुन और हरी मिर्च को भी कुचल सकते हैं और मिक्सर में पेस्ट बना सकते हैं , ताकि आप अपनी पसंद की सुविधा और जिस तरह से आपको खाना पसंद हो उसे कर सकें , फिर पैन में दो छोटे टुकड़े । एक कड़ाही में तेल गर्म करें , सरसों के बीज डालें , जब यह फट जाए तो प्याज , अदरक , लहसुन , हरी मिर्च और करी पत्ता डालें । अमचुर पाउडर काली मिर्च पाउडर मसाला इसे ठंडा होने दें , इसमें काली मिर्च पाउडर डालें और मसाला अच्छी तरह से पकने पर मसाला को अच्छी तरह भूनें और फिर इसे सुई की मदद से ठंडा करने के लिए रखें । जिस परवाल को मसाला से भरा जाना है , उसे उसी तरह से सभी परवाल को भरकर तैयार करना है , फिर गैस पर एक पैन डाल कर उसमें तेल डालना है , अब इस पैन में मसाला भरा परवाल डालें और इसे सात से आठ मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं जब तक कि यह नरम न हो जाए । जब यह थोड़ा सुनहरा भूरा होने लगेगा , तो हम इसे प्लेट पर निकालेंगे और फिर आप इसे गर्म खाते हैं या ठंडा खाते हैं , इसका स्वाद अच्छा लगता है और आप इसे एक से दो दिनों तक स्टोर भी कर सकते हैं ।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

भारत गंभीर भुखमरी और कुपोषण के से जूझ रहा है इस संबंध में पिछले सालों में अलग-अलग कई रिपोर्टें आई हैं जो भारत की गंभीर स्थिति को बताती है। भारत का यह हाल तब है जब कि देश में सरकार की तरफ से ही राशन मुफ्त या फिर कम दाम पर राशन दिया जाता है। उसके बाद भी भारत गरीबी और भुखमरी के मामले में पिछड़ता ही जा रहा है। ऐसे में सरकारी नीतियों में बदलाव की सख्त जरूरत है ताकि कोई भी बच्चा भूखा न सोए। आखिर बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं।स्तों क्या आपको भी लगता है कि सरकार की नीतियों से देश के चुनिंदा लोग ही फाएदा उठा रहे हैं, क्या आपको भी लगता है कि इन नीतियों में बदलाव की जरूरत है जिससे देश के किसी भी बच्चे को भूखा न सोना पड़े। किसी के व्यक्तिगत लालच पर कहीं तो रोक लगाई जानी चाहिए जिससे किसी की भी मानवीय गरिमा का शोषण न किया जा सके।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

अमी डेयरी समस्तीपुर के दूध के प्रोडक्ट की काफी तारीफ हो रही है।इसके प्रोडक्ट को खाने के लिए किसान मेला में लोगो की भीड़ उमड़ रही थी।खास बात यह है की सुध दूध से इसका प्रोडक्ट तैयार किया जाता है।