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हमारे आसपास ऐसे कौन कौन सी परिस्थिति देखने को मिलती है जो एक ब्यक्ति को अवसाद ग्रस्त कर सकती है और अगर आपके किसी अपने में आज के कड़ी में बताये गए लक्षणों में से कोई लक्षण देखने को मिले तो सबसे पहला कदम आप क्या उठाएंगे ? इस तनाव भरी ज़िन्दगी में बच्चो और युवाओं को मानसिक तौर पर मज़बूत बनाने और अवसाद की स्थिति से दूर रखने के लिए माता पिता व परिवार के दूसरे सदस्यों की क्या भूमिका है ?
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू धान की नर्सरी में दवा और खाद का प्रयोग कब और कैसे करना चाहिए इसके सम्बन्ध में जानकारी दे रहें हैं।
विष्णुगढ़ प्रखंड के बनासो स्थित दौलत महतो मेमोरियल शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय प्रांगण में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मार्गदर्शित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर सुनील कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता से प्रशिक्षुओं में सृजनशीलता का सृजन होता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक प्राध्यापक राजेश कुमार वर्मा कुमारी स्वर्णा मिश्र ओंकारनाथ शर्मा अशोक कुमार सतीश चंद्र यादव शशि भूषण देव सरोज श्रीवास्तव धर्मनाथ महतो समेत कई लोग मौजूद थे।
विष्णुगढ़ प्रखंड के नवादा चरनखिया निवासी स्वर्गीय राजू राणा माता सुमित्रा देवी के पुत्र रंजीत कुमार राणा ने जेपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हुए 139 वां रैंक लाकर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया क्षेत्र में खुशी का माहौल है।
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विष्णुगढ़ प्रखंड के चेडरा हॉस्पिटल चौक के नजदीक सरकारी शराब दुकान का संचालन बीते कई वर्षों से किया जा रहा था इसी बीच हजारीबाग उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह के निर्देश पर बीते दिन जिले के सभी शराब दुकानों का अपडेट मांगा गया इसी क्रम में विष्णुगढ़ सीओ नित्यानंद दास ने शराब दुकान का निरीक्षण किया जिसमें कई गड़बड़ियां पाई गई कई अभिलेख एवं रजिस्टर तक नहीं मिल पाया इसे ध्यान में रखते हुए उत्पाद विभाग में टीम गठित कर दुकान को सील कर दिया गया।
झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता गीता सिंह ने 11 -09 -2025 को एक सन्देश रिकॉर्ड करवाया था। जिसमें बताया गया था कि हजारीबाग सदर हॉस्पिटल में पर्ची कटवाने को लेकर समस्या हो रही थी।बड़े मोबाइल से ही पर्ची कटवाया जा रहा था।जिनके पास छोटा मोबाइल था वो लोग पर्ची नही कटवा पा रहे थे।क्योंकि पर्ची कटवाने के लिए खुद का ही बड़ा मोबाइल होना जरुरी था। इस सन्देश को मोबाइल वाणी पर प्रसारित किया गया और सिविलसर्जन,उच्च अधिकारीयों एवं शेख भिखारी मेडिकल के सुपरिटेंडेंट तक यह बात पहुंचाई गई।जिसका परिणाम यह हुआ कि अब अस्पताल में छोटे मोबाइल रखने वाले व्यक्ति दूसरे के मोबाइल से खुद का पर्ची कटवा रहे हैं।
बुलिंग का सामना करना कोई आसान काम नहीं होता हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इसका शिकार है क्या आपने या आपके किसी जानने वाले ने कभी अपने जीवन में बुलिंग का सामना किया है ? आखिर क्या वजह है कि हमारे समाज में बुलिंग जैसी समस्या मौजूद है और लोग इस समस्या से जूझने के लिए मजबूर होते हैं ? अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है तो ऐसी स्थिति में वह खुद को इससे बाहर निकालने के लिए क्या कर सकते हैं ? और बुलिंग जैसी समस्या को समाज से मिटाने के लिए सामुदायिक स्तर पर किस तरह की पहल की जा सकती ?