पीपराकोठी किसान मेला --------------------------–- देश में सिर्फ चार जातियां हैं गरीब, किसान, युवा व नारीशक्ति। समाज में जातियों को बांटने वाले अपने पूरे जाति के विकास के बजाय परिवार के विकास में लगे रहते हैं। जबतक समाज को बांटने का काम होगा तबतक देश का विकास संभव नहीं है। इसके पूर्व जिसने भी प्रभु श्रीराम को काल्पनिक बताया है वह वर्तमान समय में उनके के सामने नतमस्तक हैं। उक्त बातें रविवार को केविके परिसर में आयोजित तीन दिवसीय किसान कल्याण मेला 2024 के दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय  किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कही। कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, नीति आयोग कृषि के वरिष्ठ सलाहकार डा नीलम पटेल, राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डा पीएस पांडेय, केविके प्रमुख डा अरविंद कुमार सिंह, ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। अतिथियों का स्वागत केविके प्रमुख डा अरविंद कुमार सिंह ने मोमेंटो, पुष्प गुच्छ व शाल भेंट कर किया। कहा कि हमारे देश के धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि भगवान कृष्ण गोपालक थे, बलराम किसान थे, यहां तक कि राजा महाराजा हल चलाते थे। कृषि हमारे समाज, जीवन व संस्कृति का हिस्सा है जो अन्य देशों में नहीं है। मोदी सरकार ने अपने शासनकाल में ही स्वामी नाथन के सिफारिशों को लागू किया। इसी दस वर्ष में धारा 370 हटाया, नारीशक्ति वंदन, अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण कार्य किये। पहले भूमिहीन किसान को मजदूर की श्रेणी में रखा था अब उन्हें छोटे किसान के रूप में लाते हुए सम्मानित करने का काम कर सरकार रही हैं। सरकार सभी वर्ग के लोगों के विकास के लिए कृतसंकल्प है।