बिहार राज्य के जमुई जिला के खैरा प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता संजीत कुमार ने देवानंद सोरेन से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने बताया कि उनके गांव में अप्रैल मध्य के बाद पानी की किल्लत शुरू हो जाती है।अप्रैल मध्य के बाद चापाकल पानी देना कम कर देता है। कुछ चापाकल अभी भी दो चार बाल्टी पानी के बाद पानी देना बंद कर देती है। मई में लोग जंगल से आने वाले पानी तथा कुँआ पर आश्रित हो जाते हैं।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।