बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइलवाणी संवाददाता अमित कुमार सविता कहते हैं कि सिकन्दरा प्रखंड के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में मूलभूत सुविधाएँ भी नदारद है। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के बड़े बड़े दावे प्रखंड में दम तोड़ती नजर आ रही है। विडंबना यह है कि बिहार में अर्शे से सरकार तो बदली ,अस्पताल की बड़े बिल्डिंग में तब्दील तो हो गयी। लेकिन मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। यह अस्पताल पीने के पानी , साफ सफाई, स्वच्छ शौचालय ,से आज भी वंचित है। प्रखंड में सरकारी अस्पताल सिर्फ हाथी की दांत बनकर रह गयी है। मरीजो ने बताया कि सप्ताह तक बेड की सीट भी नही बदली जाती है। हमलोग बाहर से दवाई लाते है। यहाँ तक पीने का पानी भी खरीदकर लाते है। इलाज के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। ज्यादा बोलने पर रेफर करने की धमकी भी दी जाती है।जब कोई जनप्रतिनिधि या सामजसेवी स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत करने की कोशिश करते है तो ये कार्यालय से बाहर चले जाते है या तो मोबाइल स्विच ऑफ कर अपने डयूटी का निर्वहन करते है।सरकारी अस्पताल की लचर व्यवस्था में प्रखंडवासियो में जनाक्रोश वयाप्त है। वही रक्तबीर प्रखंड निवासी सुमन सौरव ने बताया कि बिल्डिंग तो बन गयी ,उसके अंदर सुविधाएं भी मौजूद है सिर्फ उसका रख-रखाव ठीक नही है। ये प्रखंड अस्पताल को बीमारू अस्पताल बना दी गयी है। अस्पताल में रोगी इलाज कराने नही बल्कि रेफर होने के लिए आते है।