उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को नहीं मिल रहा काम

हमें कोयला, तेल और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन के सक्रिय रूप की आवश्यकता है। बिजली और गैस को उत्सर्जन और जीवाश्म ईंधन दोनों के दूसरे सबसे बड़े निर्यातक के रूप में बनाने के लिए उन निर्यातकों को शामिल करने से दूर जाने की आवश्यकता है जिन्हें हम निर्यात करते हैं। जीवाश्म ईंधन सहित ईंधन का बाजार पर बहुत प्रभाव पड़ता है, जो जलवायु परिवर्तन के बाद दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा प्रदूषक बताया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि किसी भी नई जीवाश्म ईंधन परियोजना को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए और उत्सर्जन को कम करने के लिए मौजूदा परियोजनाओं को सक्रिय रूप से समाप्त किया जाना चाहिए।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को काम छोड़ने पर विवश किया जाता है। महिलाओं को बाहर निकलने से मना किया जाता है। शारीरिक श्रम के क्षेत्र में महिलाओं और पुरुषों को समान खाता दर के मामले में कम भुगतान किया जाता है और महिलाओं के लिए शिक्षित होना बहुत मुश्किल है।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि प्रधानों से मतदान करने की अपील करने के बाद उनकी कार्य शैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लगभग दस से पंद्रह हजार लोगों ने मतदान किया, इसलिए जिले में मनरेगा नकली वार्ड और वन जांच का विषय गलत है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आने वाले वर्षों में जल संकट की समस्या और अधिक गंभीर हो जाएगी। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अधिक से अधिक लोग पानी की कमी के संकट का सामना कर रहे हैं और विश्व जल दिवस केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि पानी के संरक्षण और दूसरों को इसके बारे में जागरूक करने का संकल्प है। यह उत्सव मनाने का दिन है जो शुद्ध पेयजल की अनुपलब्धता और संबंधित समस्याओं को जानने के बावजूद, देश की एक बड़ी आबादी जल संरक्षण के प्रति जागरूक नहीं है। लोगों को लोगों की समस्याओं से पानी मिलता है, वहाँ लोग पानी का महत्व नहीं समझते हैं और अनावश्यक पानी बर्बाद करते रहते हैं, लेकिन जो किसी समस्या के लिए पानी ले रहा है वह लापरवाही करता दिखाई देता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि जीवाश्म ईंधन जलाने, जंगलों को काटने और पशुधन की खेती से जलवायु और पृथ्वी के तापमान पर तेजी से प्रभाव पड़ रहा है। पृथ्वी का तापमान तेजी से प्रभावित हो रहा है, जिससे वायुमंडल में बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें और प्राकृतिक रूप से होने वाली ग्रीनहाउस गैसें हो रही हैं। गैसें ग्रीनहाउस प्रभाव को बढ़ाती हैं और ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाती हैं। ग्लोबल वार्मिंग के परिणामस्वरूप पर्यावरण में कई गंभीर परिवर्तन हो सकते हैं जो मनुष्यों के लिए हानिकारक हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि जलवायु परिवर्तन और वायु जनित बीमारियाँ क्या हैं। टी. बी. से लोगों के मरने के मामले सामने आए हैं। अधिकांश टी. बी. मौतें निम्न-मध्यम आय वाले देशों में होती हैं, जहाँ आयु वर्ग की रिपोर्ट महिलाओं की होती है। टी. बी. भी भारत में मृत्यु के शीर्ष तीन कारणों में से एक है, जिसमें हर साल लगभग 23 मिलियन लोगों को टी. बी. का पता चलता है। वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियाँ, जो सीधे जलवायु परिवर्तन से संबंधित हैं, भी लगभग हर साल बढ़ रही हैं।

जल स्रोतों को प्रदूषित करके जल संकट बढ़ता है, जिससे वे उपभोग के लिए असुरक्षित हो जाते हैं जो पहले से ही सीमित है। और स्वच्छ पानी की उपलब्धता और कम हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं। भूजल का अधिकांश निष्कर्षण वर्तमान में दो अरब से अधिक लोगों को प्रभावित करता है। स्वच्छ पेयजल की कमी का सामना करने वाले प्रत्येक चार लोगों में से एक को स्वच्छ जल की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। जल का विवेकपूर्ण उपयोग करना होगा ताकि हम जल संकट जैसी गंभीर समस्याओं से छुटकारा पा सकें। विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाने वाला, बैठने पर पानी बचाने के लिए, हर कोई स्वच्छ पानी प्रदान करने के बारे में बात कर सकता है। प्रदूषण को नियंत्रित करके पानी की बचत करना आवश्यक है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला के साथ हिंसा के प्रमुख कारणों के बारे में बता रही है

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से भ्रूण हत्या व लिंग जांच के मुद्दे पर चर्चा कर रही है।बेटी की तुलना में बेटी को वरीयता उन क्षेत्रों में प्रचलित है जहां लड़कों को लड़कियों की तुलना में अधिक महत्व दिया जाता है। घरेलू हिंसा को घरेलू हिंसा बाल शोषण के साथ-साथ हिंसा भी कहा जाता है जिसे मोटे तौर पर विवाह जैसे विवाहेतर संबंध के रूप में परिभाषित किया गया है।