उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि सरकार हर साल संत कबीर नगर में वृक्षारोपण पर बहुत पैसा खर्च करती है, लेकिन स्थिति वैसी ही है। जहां पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, वहीं वृक्षारोपण का काम कागज तक सीमित किया जा रहा है। हर साल सरकार द्वारा योजनाएं चलाई जाती हैं कि हर जिले में इतने सारे पेड़ लगाए जाते हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और है। कागज पर प्रतिबंधित, कोई देखभाल करने वाला नहीं है, जनता इस पर ध्यान नहीं देती है, और जिम्मेदार अधिकारी भी है। अगर हम इस बात पर ध्यान नहीं देते कि वृक्षारोपण हो रहा है, तो ऐसा लगता है कि केवल दस प्रतिशत पेड़ धारा पर रह गए हैं और पेड़ कहीं और नहीं दिख रहे हैं। यानी जिम्मेदार अधिकारी इस पर ध्यान नहीं देते, जिससे वृक्षारोपण का काम काफी प्रभावित होता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि गर्मी के कारण, आम जनता कुछ छाया खोजने के बारे में चिंतित है। लोग पानी की तलाश में इधर-उधर भटकते हैं। चौराहों, बस अड्डों और विकास खंड क्षेत्रों में स्थापित कई और मशीनें बेकार पड़ी हैं। लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है। हम बात कर रहे हैं। संत कबीर नगर में मेहदावल रोडवेज बस स्टैंड पर अरो मशीन लंबे समय से खराब हालत में है। विकास खंड सिमरियामा परिसर में स्थापित आरओ मशीन प्रभावी साबित हो रही है। यहां आने वाले लोगों को बीस रुपये की खरीद-फरोख्त की बोतल लेकर अपनी प्यास बुझाने में मुश्किल होती है, फिर सरकार लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए मजबूर करती है। तो यह कहा जाता है कि शुद्ध पानी दिया जा रहा है लेकिन शुद्ध पानी लोगों तक नहीं पहुंच रहा है, अगर शुद्ध पानी मुख्य स्थानों पर बना रहता है, तो लोगों को बीस रुपये की दरांती खरीदनी होगी।

इस समय मौसम भी अपने सबसे खराब चरम पर है। आप कह सकते हैं कि यह बहुत तेज है, इस समय तैंतीस अंक, कुछ मौसम पाया गया है, लोग बाहर नहीं गए हैं। अधिक से अधिक लोग बाहर जा रहे हैं और घरों में रह रहे हैं। सड़कों पर पेड़ न होने के कारण छांव नहीं है। गर्मी से लोग परेशान हैं। और नल तालाब पोखारा कुआँ आज लगभग 85 प्रतिशत सूख गया है। ऐसा हो गया है कि लोग पैदल ही गांठों के नीचे पानी बन गए हैं, लोग इस तरफ से उस तरफ जा रहे हैं। सूरज इतना तेज है कि ऊपर का पानी उसके किनारे पर है। वह बह रहा है, वह सूख रहा है और उसी तरह मानव शरीर के अंदर हर व्यक्ति के अंदर पसीने के रूप में जो भी पानी निकल रहा है, उससे लोग भी परेशान हैं।

नमस्ते, मैं केशी चौधरी हूँ, आप मोबाइल वाणी संत कबीर नगर सुन रहे हैं। वर्तमान में, चिलचिलाती धूप और गर्मी की लहर जारी है जिसके कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार हर साल कहती है कि अमृत सरोवर का निर्माण कार्य हो रहा है, लेकिन अमृत सरोवर में पानी की एक बूंद भी नहीं है। और पक्षी धीरे-धीरे पानी की तलाश में गाँव की ओर पलायन कर रहे हैं। गाँव भाग कर पीने के लिए मजबूर, अब इस झील का मतलब समझ में नहीं आ रहा है कि जब पानी नहीं होगा, तो और पक्षी पानी नहीं पा सकेंगे। तो अमृत सरोवर के निर्माण का क्या लाभ है संत कबीर नगर जिले में अक्सर देखा जाता है कि केवल पांच प्रतिशत तालाबों और तालाबों में पानी है और

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से आलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि इस समय सूरज इतना तेज होता है कि लोग बाहर नहीं निकल पाते हैं। यह बहुत जटिल हो गया है। गर्मी अपने चरम पर है। हवाएँ नहीं चल रही हैं। ऐसा लगता है कि अब चेहरा जल जाएगा, लेकिन लोग आज बाहर जाने के लिए मजबूर हैं, भले ही वे नहीं चाहते हों।संतकबीर नगर में लगभग तैंतीस डिग्री तापमान पाया गया है, लोग बड़ी मात्रा में पानी का सेवन कर रहे हैं। लेकिन पानी की सुविधा भी धीरे-धीरे कम हो रही है। जल स्तर गिर रहा है। तेज सूरज के कारण, नदी तालाब और तालाब सूख गए हैं, नल का लगभग पानी भी धीरे-धीरे सूख रहा है, कुछ सूख गए हैं, कुछ सूखने के कगार पर हैं।

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उत्तर प्रदेश राज्य, संतकबीर नगर जिला से आलोक मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहें हैं कि, बिन मौसम बारिश के कारण जहां ठंढ बढ़ि है वहीँ किसानों को भी फसल खराब कर के नुक्सान पंहुचा रही है

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