नमस्ते, मैं केशी चौधरी हूँ, आप मोबाइल वाणी संत कबीर नगर सुन रहे हैं। वर्तमान में, चिलचिलाती धूप और गर्मी की लहर जारी है जिसके कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार हर साल कहती है कि अमृत सरोवर का निर्माण कार्य हो रहा है, लेकिन अमृत सरोवर में पानी की एक बूंद भी नहीं है। और पक्षी धीरे-धीरे पानी की तलाश में गाँव की ओर पलायन कर रहे हैं। गाँव भाग कर पीने के लिए मजबूर, अब इस झील का मतलब समझ में नहीं आ रहा है कि जब पानी नहीं होगा, तो और पक्षी पानी नहीं पा सकेंगे। तो अमृत सरोवर के निर्माण का क्या लाभ है संत कबीर नगर जिले में अक्सर देखा जाता है कि केवल पांच प्रतिशत तालाबों और तालाबों में पानी है और

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से आलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि इस समय सूरज इतना तेज होता है कि लोग बाहर नहीं निकल पाते हैं। यह बहुत जटिल हो गया है। गर्मी अपने चरम पर है। हवाएँ नहीं चल रही हैं। ऐसा लगता है कि अब चेहरा जल जाएगा, लेकिन लोग आज बाहर जाने के लिए मजबूर हैं, भले ही वे नहीं चाहते हों।संतकबीर नगर में लगभग तैंतीस डिग्री तापमान पाया गया है, लोग बड़ी मात्रा में पानी का सेवन कर रहे हैं। लेकिन पानी की सुविधा भी धीरे-धीरे कम हो रही है। जल स्तर गिर रहा है। तेज सूरज के कारण, नदी तालाब और तालाब सूख गए हैं, नल का लगभग पानी भी धीरे-धीरे सूख रहा है, कुछ सूख गए हैं, कुछ सूखने के कगार पर हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से राम प्रकाश चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की आये दिन भूजल स्तर घटते जा रहे है और प्रशासन इसपर कोई कार्यवाही नहीं कर रहि है

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत गाँव में अमृत सरोवर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जलाशय के निर्माण से गाँव वालों को लाभ हो रहा है या सरकार या गाँव के मुखिया या ठेकेदार को इसका लाभ मिल रहा है। गाँव में अमृत सरोवर का निर्माण कर रही है ताकि पानी को संरक्षित किया जा सके और उस पर बहुत पैसा खर्च किया जा सके लेकिन इस समय यह अक्सर अमृत सरोवर में देखा जाता है। पर्याप्त पानी नहीं है, पानी केवल चुनिंदा स्थानों पर ही दिखाई देता है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि जहां भी अमृत सरोवर बनता है, लोग मछली का पालन करते हैं। सरकार अमृत सरोवर के निर्माण पर बहुत पैसा खर्च करती है। लेकिन यह केवल दिखावा मात्र रह जाता है अमृत सरोवर का पानी पीने योग्य नहीं रहता

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी. चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से जल जीवन मिशन के अंतर्गत होने वाले कार्य के बारे में बता रहे है

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से रामप्रकाश सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं की जो सरकार द्वारा जो योजनायें चलाया जा रहा है गाँव-गाँव में जल जीवन मिशन कनेक्शन भी दे रहे हैं लेकिन पानी ठीक से नहीं गिर रहा है और सारी परेशानियां बढ़ रही हैं। सरकार की योजनाएं पूरी तरह से गायब हो रही हैं और लोग परेशान हैं। कनेक्शन दे दिए गए हैं और अब पानी नहीं आ रहा है। सभी गर्मी में पानी की प्रतीक्षा कर रहे हैं एक योजना के बारे में कहा जाता है कि पहले दस वर्षों से चल रही है। निर्मल भारत योजना में भी आज तक निर्मल जल पीने की कोई उम्मीद नहीं है। पाइप से लगे हैंडपाइप कहीं खड़े हैं, वे भी चले गए हैं। निर्मल भारत योजना का मिशन, हैंडपाइप भी क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है। इसलिए सरकार की जो योजनाएं चल रही हैं, वे पूरी तरह से गायब हो गई हैं।

नासिक में रहने वाली मयूरी धूमल, जो पानी, स्वच्छता और जेंडर के विषय पर काम करती हैं, कहती हैं कि नासिक के त्र्यंबकेश्वर और इगतपुरी तालुका में स्थिति सबसे खराब है। इन गांवों की महिलाओं को पानी के लिए हर साल औसतन 1800 किमी पैदल चला पड़ता है, जबकि हर साल औसतन 22 टन वज़न बोझ अपने सिर पर ढोती हैं। और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

जल ही जीवन है। यह पंक्तियाँ हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। आज के समय में जब दुनिया शुद्ध जल की कमी से जूझ रही है, यह पंक्तियाँ और सार्थक हो जाती हैं। भारत में जल संकट लगातार गहराता जा रहा है। कई राज्य हैं जो भूजल की कमी के चरम बिंदु को पार कर चुके हैं। हर साल 22 मार्च के दिन विश्व जल दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे जीवन में जल के महत्व और उसके संरक्षण को समर्पित है।इस विश्व जल दिवस पर पानी की बर्बादी को रोके और जल को प्रदूषित होने से बचाये। मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से आप सभी को विश्व जल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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