संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल क्षेत्र में गर्मी में शहर से देहात तक पानी की किल्लत बढ़ गई है। कस्बे में कई हैंडपंप और देसी नल सूख चुके हैं। जो चल रहे हैं, वहां पानी बहुत कम निकल रहा है।पानी के लिए लोग चक्कर लगा रहे हैं। वहीं जलस्तर गिरने से घरों में लगे मोटर पानी नहीं उठा रहे हैं।कस्बे के केवटलिया अव्वल, बहबोलिया, पुरवा मोहल्ला के लोगों के अनुसार हैंडपंप पिछले कई दिनों से पानी नहीं दे रहा है। वहीं कुछ ने कहा कि काफी देर हैंडपंप चलाने के बाद बमुश्किल एक बाल्टी पानी निकल पा रहा है। कस्बे का दर्जा तो मिल गया। पानी की टंकी बने वर्षों बीत गए। कई मोहल्लों में पाइप लाइन भी बिछाई जा चुकी है। लेकिन टोटी का पानी अभी तक लोगों को मयस्सर नहीं हुआ। पेयजल व्यवस्था का हाल बुरा बना हुआ है। हैंडपंप सूख चुके हैं। अब पीने के लिए जार का पानी खरीद रहे हैं। स्थिति दयनीय है, लेकिन जिम्मेदार बेखबर हैं। मेंहदावल क्षेत्र में गर्मी में जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। इससे हैंडपंप में पानी कम आ रहा है। कमोबेश यह समस्या हर जगह देखने को मिल रही है। मोटर के पानी न उठाने से पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में भी जलस्तर तेजी गिरने से हैंडपंप बेपानी हो रहे हैं। यहां तो लोग किसी तरह व्यवस्था कर ले रहे हैं। लेकिन शहर में विकल्प के तौर पर कुछ नहीं है, जहां से पानी की पूर्ति की जा सके।केवटलिया वार्ड के सतीश कुमार ने कहा कि एक सप्ताह से पानी की किल्लत है। अब तो नल ही सूख गया। 80 फीट गहराई वाले नल से एक बूंद पानी नहीं आ रहा है। जार खरीदकर प्यास तो बुझा ले रहे हैं, लेकिन नहाने और कपड़ा धुलने के लिए पानी की दिक्कत हो रही है। मोटर में पानी न आने से रीबोर कराने को मजबूर होना पड़ रहा है। बहबोलिया के शंशाक, विवेक ने कहा कि हैंडपंप ने पानी देना बंद किया तो लगा कि खराब हो गया। दूसरा पाइप डलवा दिए फिर भी समस्या बनी हुई है। किसलावती ने कहा कि मोटर से भी पानी नहीं निकल रहा है। जहां पानी निकलता है कई बार जाना पड़ता है। धूप में दूर से पानी लाना बड़ा मुश्किल का काम हो गया है।

चुनाव जीतने के बाद लोकतंत्र के बड़े-बड़े वादे खत्म हो जाते हैं, कोई भी इस क्षेत्र पर ध्यान नहीं देता है, न ही लोगों से कोई उम्मीद है और न ही चुनाव होने पर। भी आ जाता है तो पब्लिक में हुआ है, हम आपको जो भी सहायता चाहिए देंगे, लेकिन कोई सहायता नहीं है। महिलाओं को भी परेशान किया जाता है। आरक्षण देने के बाद भी वे महिलाओं से पीछे रहते हैं और परेशान भी होते हैं, उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलती, चाहे वह पुरुष हो या महिला, उन्हें भी सुविधा नहीं मिलती।

भारत सरकार की योजनाएं बना हुआ लेकिन तालाब में पानी नहीं है, गड्ढे में पानी नहीं है, सरोवर में पानी नहीं है ।गर्मी इतनी अधिक है। पशु-पक्षी परेशान हो जाते हैं। लेकिन उन्हें भी पानी नहीं मिलता है। सरकार को भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

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उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे एक श्रोता से बात किया उन्होंने बताया की पानी का सप्लाई सही से नहीं आता है और सड़क भी सही नहीं है

उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि ग्राम पंचायतों में अगर पंचायत की मुखिया महिला है तो उसका अधिकार उसके पति के पास है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि वह भी जाता है। जिस तरह से यह अपना विकास कार्य कर रहा है, यह देखा जाता है कि प्रखंडों में भी महिलाओं की संख्या कम हो जाती है, जबकि सरकार महिलाओं के लिए लगभग पैंतीस प्रतिशत आरक्षित करती है। लेकिन वास्तविकता यह है कि बैठक के दौरान महिलाएं मौजूद नहीं होती हैं और पुरुष अपने स्थान पर कुर्सी पर बैठते हैं और यहां अपने अधिकार का दावा करते हैं। कृषि में महिलाओं के अधिकार भी सरकार द्वारा दिए गए हैं, जो एक तरह से प्रभावी साबित हो रहे हैं, लेकिन महिलाएं बाहर जाकर घर पर नहीं रह पा रही हैं। आज भी बड़ी संख्या में महिलाएं अनपढ़ हैं, जिसके कारण वे अपनी नौकरी खो देती हैं।

उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि मतदान के बाद प्रधानमंत्री के वोटों की गिनती होती है मंत्री पद पर प्रधानमंत्री और नेताओं को बदलने के बाद, लेकिन अब जनता का वोट लेने के बाद नेता फिर से नहीं दिखाई देते हैं। क्षेत्र में और चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, क्योंकि इस समय जब चुनाव खत्म हो गए हैं तो नेता जनता को याद नहीं कर रहे हैं। वे महिलाओं और गरीबों को हटाने और शिक्षा, बेरोजगारी आदि की बात करते हैं, लेकिन देखा जाता है कि चुनाव खत्म होते ही नेता अपने पद छोड़ देते हैं। लेकिन अगर जनता जाती है और फिर भोली-भाली जनता उसी स्थिति में रहती है, तो इसके लिए जनता को भी कड़ा सबक दिया जाना चाहिए

उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि धूप और गर्मी के कारण आम जनता परेशान है, जबकि कुछ लोग मर भी रहे हैं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अगर हम संपत्ति की रक्षा नहीं करते हैं, तो आने वाले समय में लोगों के लिए उसी तरह परेशानी होगी, देखा जाता है कि एक तरह की ऊँची भुजा वाली सड़क बनती है, जिससे बहुत सारे पेड़ काटे जाते हैं। बड़े-बड़े पेड़ न होने से सड़क के किनारे छाया नहीं रहती है जिससे लोग धूप का शिकार हो जाते हैं। पाँच सौ साल पुराने पुराने पेड़ लगाए जाते थे ताकि सड़क पर चलने वाले लोग छाया का बहुत आनंद ले सकें, लेकिन आज सरकार द्वारा बागानों की उचित देखभाल की जा रही है। इसके अभाव में सड़क के किनारे जो भी पौधे लगाए जा रहे हैं वे छोटे हैं या आधे से अधिक पौधे देखभाल की कमी के कारण मर जाते हैं, जिसके कारण लोग खुले आसमान में सड़कों पर चलते हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि वे लू का शिकार हो जाते हैं, इसलिए यह सोचने की बात है कि हम सभी को आने वाले समय में पेड़ लगाना चाहिए और जीवन बचाना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि महिलाओं पर दहेज उत्पीड़न, शिक्षा जैसे अत्याचार हो रहे हैं, हालांकि सरकार का दावा है कि महिलाओं को हर तरह की सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन आज समाज में उन्हें परेशान किया जा रहा है।जिसका मुख्य कारण शिक्षा की कमी है। शिक्षा के अभाव में आज महिलाएं जागरूक नहीं हो पा रही हैं। महिलाएं चुपचाप काम करती हैं, यही कारण है कि वे समाज में केवल घर पर खाना पकाने के काम में लगी हुई रहती हैं और सामाजिक असमानता के कारण महिलाएं आज बहुत पीछे हैं। तो इसे आगे लाने के लिए सभी को शिक्षित करने की आवश्यकता है.सरकार को महिलाओं के दहेज़ अत्या के कारणों को जाँचना चाहिए

संतकबीरनगरः कार और बाइक सवार में आमने-सामने जोरदार भिड़न्त बाइक के उड़े परखच्चे बाइक सवार की हालत गंभीर मची चीख-पुकार स्थानीय लोगों ने एम्बुलेंस के माध्यम से भेजा अस्पताल चिकित्सकों ने जिला अस्पताल किया रेफर पूरा मामला संतकबीरनगर के बेलहर थाना क्षेत्र बेलवा सेगर धुसुकपुरवा गांव का है बाइक सवार कम्पियर गंज का रहने वाला था और कार चालक मेंहदावल कस्बे का रहने वाला था