उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से प्रिंशु पांडेय की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से नितिन से हुई। नितिन यह बताना चाहते है कि वह किराना स्टोर खोलना चाहते है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा मसूर फसल की बुवाई से सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा कुमारी ने रीता से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वोकपड़े का शॉप खोलना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें आर्थिक सहयोग की जरूरत है।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा कुमारी ने अंजनी से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो बकरी पालन का कार्य करना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें आर्थिक सहयोग की जरूरत है।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा कुमारी ने मीनाक्षी से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो मिर्च पैकिंग का कार्य करना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें आर्थिक सहयोग की जरूरत है।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा कुमारी ने शीला से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो गाय पालन का कार्य करना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें आर्थिक सहयोग की जरूरत है।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा कुमारी ने दीपा मिश्रा से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो हल्दी पैकिंग का कार्य करना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें आर्थिक सहयोग की जरूरत है।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा कुमारी ने पार्वती से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो झाड़ू बनाने का कार्य करना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें आर्थिक सहयोग की जरूरत है।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा कुमारी ने महिमा से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो इरेजर पैकिंग का कार्य करना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें आर्थिक सहयोग की जरूरत है।

पिछले छह महीने से चल रहे कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपनी आवाज़ ' को काफी हद तक श्रोताओं ने सराहा है और सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कई श्रोताओं ने इस कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिया । कार्यक्रम के माध्यम से समाज में कई परिवर्तन आ रहा है। एक महिला को पति के देहांत के बाद ससुराल से निकाल दिया गया ,मायके से सहयोग तो मिला पर भाई की तरफ से सहयोग नहीं मिला। पिता को पैतृक संपत्ति में बेटी का अधिकार की जानकारी नहीं थी ,पर कार्यक्रम के ज़रिये पिता को समझाया गया जिसके बाद उन्हें जमीन में हिस्सा मिला ,जिसके माध्यम से वो सशक्त और आत्मनिर्भर बनी। वहीं एक महिला उर्मिला देवी का कहना है कि इनके घर में अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुना जाता है और इस कार्यक्रम से प्रभावित हो कर विचार में बदलाव आया और यह निर्णय लिया कि वो अपनी बेटी को दहेज़ न देकर जमीन का हिस्सा देंगी। दोस्तों , भले ही कार्यक्रम समाप्त हो रहा है लेकिन समाज में बदलाव की बयार धीरे धीरे ही सही बहने लगी है।