उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारे देश में महिलाओं की स्थिति में बदलाव आया है, लेकिन गांव की महिलाओं में यह बदलाव ज्यादा नहीं देखा जा रहा है।अनपढ़ होने के कारण पारिवारिक वित्तीय समस्याएं उनके जीवन का हिस्सा बन जाती हैं। भारत में महिलाओं को उनके अनुसार ना जीने नही दिया जाता है और ना ही कार्य करने दिया जाता है । उनकी जीवन शैली और आदतों को उनके चरित्र से जोड़ा जाता है ।आधुनिक समाज में महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। महिला शिक्षित होती है, उसके पास नौकरी होती है और कभी-कभी परिवार, विशेष रूप से विवाहित महिला, भी नौकरी की उम्मीद करती है। अधिकांश भारतीय परिवारों में महिला से घर के सभी काम करने की उम्मीद की जाती है। यह उम्मीद की जाती है कि वे एक आदर्श बहू बन जाएँ और घर के सभी काम अच्छे से करें। जैसे अच्छा खाना बनाना , घर को पूरी तरह से साफ-सुथरा रखना, आदि ।भारतीय समाज में कुछ बदलाव की आवश्यकता है।महिलाओं से घर के साथ बाहर के काम की उम्मीद रखने वाले पुरुषों को भी बाहर के काम के साथ घर के काम करने चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है कि कम आय वाले परिवारों की अधिक महिलाओं को रोजगार दिया जाए। कार्यबल भागीदारी में लैंगिक समानता हासिल करने से भारत के सकल घरेलू उत्पाद,जीडीपी में 27 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, हालांकि श्रमिक शक्ति में महिलाओं की भागीदारी में कमी आ रही है।देश में कुल 33.4 करोड़ कामकाजी उम्र की महिलाएं हैं, जिनमें से एक 12.8 करोड़ शहरों में रहती हैं जिनमें से केवल बीस प्रतिशत कार्यबल का हिस्सा हैं। भारत की शहरी कामकाजी उम्र की 83 प्रतिशत महिलाएं कम आय वाले परिवारों से आती हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से नीलू ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि सरकार द्वारा लड़कियों को सामान अधिकार देने के लिए बेटी बचाव बेटी पढाओ अभियान लाया गया। अभी भी देखा जाता है कि लोग बेटियों से ऊपर बेटों को अधिक पढ़ाते है और सम्मान देते है। बल्कि अब लोगों को जागरूक करने की ज़रुरत है जितना सम्मान और दर्जा लड़कों को मिलता है उतना ही लड़कियों को भी मिलना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की भारत के राष्ट्रपति मोहनदास करमचंद गांधी ने ठीक ही कहा था कि अगर हम एक पुरुष की परवरिश करते हैं, तो हम केवल एक व्यक्ति की परवरिश कर रहे हैं, लेकिन अगर हम एक महिला की परवरिश करते हैं, तो हम एक पूरे परिवार की परवरिश कर रहे हैं। शिक्षा किसी भी युग में मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है। शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति को जीवन का मार्ग चुनने और उसके आधार पर जीने का अधिकार देती है। महिला दुर्व्यवहार का शिकार जागरूकता की कमी के कारण होती हैं। महिलाओं के अशिक्षित होने का कारण है समाज में व्याप्त रूढ़िवादी सोच

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की हमारा समाज एक पितृसत्तात्मक समाज है।पुरुषों के लिए एक रक्षक और सेवक की भूमिका निभाने के लिए और महिलाओं के लिए इस पुरुष प्रधानता को निभाने के लिए वे पुरुष प्रधानता के सभी नियमों का पालन करती हैं। क्योंकि पुरुषों को डर होता है की अगर महिलायें घर से बाहर निकल कर हर कार्य करने लगेगी तो उनका अस्तित्व खतरे में होगा

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से अंकिता मिश्रा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि देश का विकास और परिवार का उज्जवल भविष्य के लिए महिलाओं का सशक्त होना बहुत ज़रूरी है। महिला सशक्तिकरण के लिए दहेज़ प्रथा ,हिंसा,बाल मज़दूरी मिटाना ज़रूरी है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को सम्मान मिला है

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से अंकिता मिश्रा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत हरियाणा में हुई थी .हरियाणा में लिंगानुपात में बहुत गड़बड़ी थी। इसके बाद पूरे देश में यह योजना लागु किया गया

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से वीर बहादुर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि वास्तव में समाज में महिलाओं की पहचान कम होती है। महिलाओं को आगे आना चाहिए ताकि उनकी पहचान हो और महिलाओं को छूट भी देना चाहिए। लड़कियों को पढ़ाए ताकि भविष्य में वो अपनी पहचान बना पाए

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की सरकार ने महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए कई कानून बनाए। प्री-स्कूल शिक्षा को अनिवार्य बना दिया गया। लड़की की सहमति के बिना शादी पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अब महिलाएं अपनी इच्छा के अनुसार कोई भी पुनः प्रशिक्षण ले सकती हैं। महिलाओं के उत्पीड़न का यथासंभव उन्मूलन और दंड प्रणाली में व्यापक सुधार आर्थिक आत्मनिर्भरता शिक्षा का अधिकार सामाजिक संस्थानों में महिलाओं की भागीदारी महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण को निर्धारित करती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से नीलू , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान हमारी सरकार ने शुरू किया है ताकि लड़कियों को कोई परेशानी न हो और उन्हें पढ़ना लिखना सिखाया जा सके।