उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से श्रीदेवी सोनी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि लैंगिक समानता प्राप्त करना और सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना हम सभी पर निर्भर करता है। जिस तरह से वो अपनी लड़ाई लड़ती है इसमें सभी को प्रोत्साहित करना चाहिए और जागरूक करना चाहिए । हिलाएँ और लड़कियाँ दुनिया की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं और इसलिए इसकी आधी क्षमता का प्रतिनिधित्व करती हैं, लेकिन जो असमानताएँ हर जगह बनी हुई हैं ,महिलाएँ अभी भी विश्व स्तर पर श्रम के क्षेत्र में पुरुषों की तुलना में लगभग तेइस प्रतिशत कम कमाती हैं और महिलाएँ पुरुषों की तुलना में अवैतनिक हैं। और घरेलू और देखभाल के काम में लगभग तीन गुना अधिक घंटे बिता सकते हैं .

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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से नीलू , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि कई मजदूर अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए काम करते हैं और कई लोग उन्हें पसंद करते हैं। वह अपने घर को चलाने के लिए कड़ी म्हणत करते है , जैसै सड़क का निर्माण करना आदि।

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से वीर बहादुर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि यह एक बड़ी विडंबना है कि महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। महिलाओं को किसी भी निर्णय में भाग लेने नहीं दिया जाता है। मुख्य कारण यह है कि महिलाओं को लोग शिक्षा से वंचित रखते है। शिक्षा के अभाव में महिलाएँ शोषण का शिकार होती है। समाज में महिलाओं को पुरुष के बराबर नहीं समझा जाता है। यह कार्यस्थल में देखने को मिलता है कि सामान काम का वेतन सामान नहीं मिलता है।

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मज़दूरों को सही से मज़दूरी नहीं मिलने पर उन्हें समस्या होती है। सरकार को इन समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए ताकि मज़दूरी की रोजी रोटी पर संकट न उत्पन्न हो

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से श्रीदेवी सोनी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि युवा लोग नौकरी से घरेलु आय बढ़ाते है और उपभोगता खर्चे में वृद्धि हुई है। नौकरियाँ और वेतन से आय में बढ़ोतरी होती है ,इससे मुद्रास्फीति में वृद्धि हो रही है

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से श्रीदेवी सोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि केन्द्री मंत्रिमंडल ने महँगाई भत्ते में चार प्रतिशत को शामिल करने की मंजूरी दे दी है, अब कर्मचारियों को भी पचास प्रतिशत महँगाई भत्ता मिलेगा

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से नीलू यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अक्सर मनरेगा में काम करने के बाद मजदूरों को वेतन के लिए परेशान होना पड़ता है। इस बात का सरकार को ध्यान रखना चाहिए की मनरेगा मजदूरों को समय से उनका वेतन भुगतान किया जाये

किसी भी समाज को बदलने का सबसे आसान तरीका है कि राजनीति को बदला जाए, मानव भारत जैसे देश में जहां आज भी महिलाओं को घर और परिवार संभालने की प्रमुख इकाई के तौर पर देखा जाता है, वहां यह सवाल कम से कम एक सदी आगे का है। हक और अधिकारों की लड़ाई समय, देश, काल और परिस्थितियों से इतर होती है? ऐसे में इस एक सवाल के सहारे इस पर वोट मांगना बड़ा और साहसिक लेकिन जरूरी सवाल है, क्योंकि देश की आबादी में आधा हिस्सा महिलाओं का है। इस मसले पर बहनबॉक्स की तान्याराणा ने कई महिलाओँ से बात की जिसमें से एक महिला ने तान्या को बताया कि कामकाजी माँओं के रूप में, उन्हें खाली जगह की भी ज़रूरत महसूस होती है पर अब उन्हें वह समय नहीं मिलता है. महिलाओं को उनके काम का हिस्सा देने और उन्हें उनकी पहचान देने के मसले पर आप क्या सोचते हैं? इस विषय पर राय रिकॉर्ड करें