उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से श्रीदेवी सोनी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि लू से बचने के लिए घरेलु उपचार लाभकारी है। लू तब ही लगता है जब शरीर में पानी की कमी होती है। इसीलिए गर्मियों में पानी की कमी नहीं होने देना है। गर्मियों में आम पन्ना पीना चाहिए यह ठंडा पेय पदार्थ है। निम्बू पानी भी अच्छा होता है। इमली का बीज भी लू से बचाव करता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से श्रीदेवी सोनी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि 97 प्रतिशत पानी खारा है जो पानी पीने योग्य नहीं है। सही मायने में 1 प्रतिशत पानी ही पीने योग्य है। लेकिन औद्योगीकरण ,शहरीकरण,बढ़ता प्रदूषण ,जनसंख्या में निरंतर वृद्धि के साथ, प्रत्येक व्यक्ति को पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है ,पानी की समस्या विकराल रूप ले रहा है। बारिश आने से पानी की समस्या दूर होगी ,यही सोच के कारण लोग जल संरक्षित नहीं करते है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से अंकिता ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि अपने जीवन से जुड़े महिलाओं को अपने फैसले लेने का अधिकार मिलना चाहिए। समाज में महिलाओं को उनके अधिकार प्राप्त करवाने के लिए उन्हें सक्षम बनाना बहुत ज़रूरी है। महिला सक्षम होगी तो परिवार को बढ़ाएगी। महिलाएँ आत्मनिर्भर रहेगी तो अपने बच्चों को भी आत्मनिर्भर बनाएगी

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से श्री देवी सोनी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि हमें पानी को बचाना चाहिए। पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए। किसी को भी सचेत रूप से पानी बचाना चाहिए क्योंकि गर्मियों में हमें बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए ताकि वे कम पानी का उपयोग करें और इसे बचा सकें ताकि अन्य लोग इसका उपयोग कर सकें।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जल संरक्षण के लिए जरुरी है की हम सभी को इसके प्रति जागरूकता फैलानी होगी। जल संरक्षण का सबसे अच्छा जरिया है, जल के दुरूपयोग को कम करना। एक दिन में पानी की कितनी बाल्टियाँ बर्बाद होती हैं और उन्हें कम करने का प्रयास करें।किसानों को पानी को बर्बाद होने से बचाने के लिए कई अलग-अलग तरीके अपनाने चाहिए। सिंचाई प्रणालियों का उपयोग करके जल संरक्षण में योगदान देना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से काजल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों के लिए पानी एक बहुमूल्य उपहार है। पृथ्वी पर जीवन के लिए जल का संरक्षण करना बहुत महत्वपूर्ण है। भविष्य में पानी की कमी को रोकने के लिए हमें पानी का संरक्षण करने की आवश्यकता है। भविष्य में पानी की कमी की समस्या को हल करने के लिए जल संरक्षण ही पानी बचाने का एकमात्र तरीका है। पानी की कमी वाले क्षेत्रों में बच्चे शिक्षा के अपने बुनियादी अधिकार तक पहुँचने में असमर्थ हैं और औद्योगिक कचरे के कारण अपने मूल अधिकारों से भी वंचित हैं। पानी के प्रमुख स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं, अधिकांश विकासशील देश स्वच्छ पानी की कमी और गंदे पानी के कारण होने वाली बीमारियों से पीड़ित हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पानी की कमी से सूखा,भूख आदि जैसी बीमारियां और स्थितियां पैदा होती है। जल प्रदूषण और मछलियों और अन्य जलीय जीवन को नुकसान पानी में कचरा फेंकने के कारण होता है। पानी बचाने के लिए नहाते समय नल को खुला रखने के बजाय बाल्टी का उपयोग करें। अपने बगीचे को पानी देते समय पाइप का उपयोग न करें ,बल्कि बाल्टी का उपयोग करें। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से काजल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमें प्यास बुझाने, धोने, सफाई करने, खाना पकाने आदि के लिए पानी की आवश्यकता होती है। जैसे ऑक्सीजन के बिना जीवन नहीं है वैसे ही पानी के बिना कोई अस्तित्व नहीं है । यह यहाँ पृथ्वी पर समुद्र, महासागर आदि के रूप में धरती पर मौजूद है।जल संरक्षण पानी की अनावश्यक बर्बादी को कम करके उसके कुशल उपयोग का अभ्यास है। जल संरक्षण का महत्व और भी आवश्यक हो जाता है क्योंकि मीठे पानी का एक सीमित स्रोत है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से वीर बहादुर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि पिछले वर्ष की तुलना में पानी का स्तर नीचे हो गया है ।ऐसे में पानी बचाने का प्रयास करना चाहिए। अगर कही भी टोटी से पानी बह रहा है, तो जनता का जिम्मेदारी है कि वो इसे बंद कर दें। पानी को अधिक से अधिक बचाए

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कई राज्यों में कन्या सम्बंधित योजनाएं लागु है। जैसे-कन्या के जन्म पर उसके माता-पिता को नगदी देना,कुछ पॉलिसी में किश्तों पर भुगतान किया जाता है। जो कन्या के विवाह के समय परिपक्व होती है। स्थानीय पंचायत को भी कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए। स्थानीय नेता को जनता को शिक्षित तथा जागरूक करने के लिए अपने क्षेत्र से शिक्षित लोगों को नियुक्त करना चाहिए। ताकि लोगों की सेवा ली जा सके और कन्या भ्रूण हत्या को रोका जा सके। कन्या भ्रूण हत्या विरोधी अभियानों में, महिलाओं को अभियान में सबसे आगे होना चाहिए। सूचना देने वालों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। इस कुप्रथा के प्रभाव और गंभीरता के बारे में व्यापक मीडिया कवरेज होनी चाहिए।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।