उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से बिभा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अंचल से हुई। अंचल यह बताना चाहती है कि वह आटा चक्की लाना चाहती हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से दिवांशी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि चिप्स पैकिंग का बिजनेस करना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें आर्थिक सहायता की आवश्यकता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से बिभा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से ख़ुशी से हुईं। ख़ुशी यह बताना चाहती है कि वह पेंसिल पैकिंग का काम करना चाहती है उनको आर्थिक सहायता की जरूरत है।

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उत्तररप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से विभा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से एक पुरुष से बातचीत कर रही है ।ये कहते है कि अपना जमीन अपना अधिकार कार्यक्रम सुन कर इन्हे अच्छा लगा। जिस तरह पुरुषों को अधिकार मिलता है ,उस तरह महिलाओं को भी अधिकार मिलना चाहिए

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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से अंकिता मिश्रा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि महिला जो भविष्य के भावी नागरिकों की जन्मदात्री माँ के रूप में कार्य करती है। कई प्रकार की पीड़ाओं का सामना करती है। हर मां की इच्छा होती है कि वह स्वस्थ और मजबूत बच्चे को जन्म दे, इसके लिए जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान मां का स्वास्थ्य अच्छा रहे ताकि वह स्वस्थ और मजबूत बच्चे को जन्म दे सके।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बालमपुर से वीर बहादुर यादव , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से संतोष जी से हुई। संतोष जी बताते है कि अधिक गर्मी पड़ने का कारण है हरे पेड़ों का कटान होना और लोग वृक्ष नहीं लग रहे हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बालमपुर से वीर बहादुर यादव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि समाज में ना तो महिलाएं अपने पति का नाम लेते हैं और ना पति अपने महिला का नाम लेते हैं महिला को अगर पुकारते हैं तो उनके बच्चे के नाम से पुकारते हैं या उनके मायके के नाम से पुकारते हैं। ऐसी परंपराएं रही हैं जो उनकी रूढ़िवादी सोच हैं, पुरानी परंपराओं को आगे बढ़ाया गया है क्योंकि कुछ महिलाएं अपने पति का नाम लेने से बचती हैं क्योंकि ऐसी कई परंपराएं हैं जिन्हें हमारे पूर्वजों ने आगे बढ़ाया है। और जो बात आपने हमें बताई वह यह है कि महिलाओं को नाम नहीं लेना चाहिए, इसलिए यह पुरानी परंपरा है, इनमें से कुछ में निरक्षरता की भी कमी है, उनमें से कुछ को निरक्षर होते हुए भी इसकी जानकारी नहीं है, अगर वे शिक्षित हैं, तो हर जगह। मैंने देखा है कि शहरी इलाकों में जब महिलाएं किसी कारण से अपने पति के नाम पर अटक जाती हैं तो महिलाओं को अपने पति का नाम लेने में कोई झिझक नहीं होती।

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