उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से रमजान अली मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि बस्ती जिले के ब्लॉक सांवघाट के तहत ग्राम सभा पारा खरारा में करोड़ों रुपये की लागत से पानी टैंक बनायीं गयी है लेकिन अब पानी की आपूर्ति टैंक द्वारा की जाती है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास बगीचा है जिसके पास का पाइप टूट जाने से पानी बहता रहता है जिसे जल्द से जल्द प्रशासन ध्यान दे और ठीक करवाये।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि उनके गांव की नाली बहुत ख़राब है जिसके वजह से लोगों को आवाजाही में परेशानी होती है

कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से लता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की सड़क खराब होने से आने जाने में परेशानी होती है

उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिले से हमारे श्रोता जानकारी दे रहे हैं की,वाराणसी जिला में विंडो ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वहां से स्वच्छता अभियान की आशा बहुएं गांव में जाकर स्वच्छता के बारे में समझ रही है लेकिन गांव में अभी तक देखा जाए तो ऐसे ही सब पड़े हैं जैसे कि ना तो गलत पहनना और नहीं नाली की व्यवस्था है जबकि पानी बहता है जिस बीमारी होती है और गड्ढा खान के बर्तन धोते हैं उसका भी अपनी उसी में जमा रहता है तो यह सब सुधर नहीं हो पा रहा है तो किस लिए इसलिए माना जाए की स्वच्छता अभियान चला रहा है चला जा रहा है जो वह जमीनी स्तर पर कोई फर्क पड़ता है

उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट क्षेत्र से मोबाइल वाणी संवाददाता बता रहा है कि, मैं आज चित्रकूट में सौरभ सिंह मालवानी से बात करूंगा। हम चित्रकोट जिले के ताला तीर गांव में जाते हैं और पाते हैं कि वहां सड़कें अच्छी नहीं हैं और जल निकासी अच्छी नहीं है। नालियों की कमी के कारण पानी सड़कों पर बहता है, जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है और गर्मी के दिनों में नालियों से होकर गुजरना पड़ता है। नाली का पानी सड़क पर कीड़े छोड़ देता है, जिससे लोगों को बीमारियाँ भी होती हैं, इसलिए मैं अनुरोध करना चाहता हूँ कि तलत तेलता गाँव का रास्ता बंद कर दिया जाए।

अपने सिद्धार्थनगर के छोटे से गांव पचोद उसे चौधरी कला में अपने इधर जो जल निगम की व्यवस्था है वहां पर पानी नहीं आ रहा है काफी दिनों से नाल टूट पड़ा हुआ है और नल में जो है अपनी आई नहीं रहा है और कहीं पर देखी तो अपनी ही गिर रहा है दिन रात ऐसी व्यवस्था चल रही है इस पर विचार कीजिए और इसको आगे तक शेयर कीजिए जहां तक जाकर यह ठीक हो सके

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

भूमि न मिलने से 100 बेड के अस्पताल का निर्माण अधर में

जिला शाहजहांपुर में ब्लाक मदनपुर के ग्राम लश्करपुर में बनी नहर बनी किसानों की फसल की बर्बादी का कारण नहर के नहर के अधिकारियों को सूचना दी गई फिर भी नहर की मरम्मत नहीं कराई गई और इस समय नहर के पानी से गेहूं की फसल डूबी पड़ी है ग्रामीणों ने इसकी सूचना नहर के के को जब दी तब उन्होंने कहा कि नहर हमने बंद करवा दी है लेकिन टूटी हुई नहर को बनाया नहीं गया है जिससे नहर का पानी खेतों में बह रहा है इसकी जानकारी लश्करपुर के पवन सिंह ने दी उन्होंने बताया कि यहां पर रविंद्र सिंह बलिंदर सिंह अरुण सिंह आदि लोगों के खेतों में जल भराव हो गया है अतः नहर विभाग से जल्द से जल्द नहर बनवाने की गुहार लगाई है