पी . एन . कॉलेज , पारसा में छात्रों ने हंगामा किया इंटरमीडिएट सत्र में कॉलेज में नामांकित इंटरमीडिएट के दो हजार तेइस और पच्चीस छात्रों ने वहां से नामांकन के हस्तांतरण का विरोध किया । विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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अनुमंडलीय अस्पताल सोनपुर के डॉक्टरों ने बायोमेट्रिक पद्धति से हाजिरी बनाने का किया विरोध प्रदर्शन, अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टरों ने अस्पताल की विधि व्यवस्था की खोली पोल, डॉक्टर के हड़ताल से मरीज रहे परेशान सोनपुर । बायोमेट्रिक पद्धति से उपस्थिती को आधार मानकर वेतन भुगतान का निर्धारण किए जाने को लेकर सोनपुर अनुमंडलीय चिकित्सालय के चिकित्सकों ने कला बिल्ला लगाकर बुधवार को कार्य का बहिष्कार किया है। इसे लेकर चिकित्सालय में विरोध प्रदर्शन किया गया वही इस दौरान अस्पताल में ओपीडी सेवा समेंत अन्य कई कार्य बाधित रहा। वही अस्पताल पहुंचे रोगी तथा अटेंडेंट को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। डॉक्टर का कहना था कि विगत दो महीने से वेतन का भुगतान नहीं होने के कारण यह कदम उठाया गया।अस्पताल में समुचित संसाधनों एवं सहयोगी की कमी इसके अलावा डॉक्टरों को जहां पदस्थापित किया जाता है वह आवास की समुचित व्यवस्था नहीं है ऐसे में बायोमेट्रिक पद्धति से उपस्थित बनाना संभव नहीं। बायोमेट्रिक पद्धति द्वारा उपस्थिति को आधार मानकर वेतन भुगतान का निर्धारण किया जाना जबकि डॉक्टर के कार्य अवधि का कोई निर्धारण नहीं है। विनोद प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का कहना था की चिकित्सा सेवा के अलावा उनसे भीआईपी प्रोटोकॉल मेला ड्यूटी तथा इंजुरी संबंधित मामले को लेकर कोर्ट कार्य आदि सेवाओं में समय का निर्धारण नहीं रहता है। अधिकतर अस्पताल में चिकित्सकों के रिक्ति का बने रहना इसके कारण कार्य अवधि से अतिरिक्त समय तक उपस्थित रहने की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में बायोमेट्रिक पद्धति से उपस्थित बनाना चिकित्सकों के लिए एक भारी समस्या है। डॉक्टर ने अस्पताल की विधि व्यवस्था के पोल खोलते हुए कहां की यहां मानसिक ,हड्डी, चर्म रोग के डॉक्टर नहीं है साथ ही यहां पर पर्याप्त मात्रा में विभिन्न प्रकार के रोगों की दवाई ऑपरेशन जरूरत सामग्री भी उपलब्ध नहीं होती है । मरीजो को बाहर से दवाएं खरीदने पड़ते हैं ऐसे में डॉक्टरों को काफी परेशानी का सामना करते हुए मरीजों को समझा बूझकर किसी तरह से अपने कार्य को निर्वाहन करते हैं। सरकार पहले अस्पताल में अनेक समस्याओं का समाधान करें बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी लेना कतई सही नहीं है। विरोध प्रदर्शन करने वाले में डॉक्टर संजीव कुमार ,डॉ मुकेश कुमार, डॉक्टर संतोष कुमार ,डॉक्टर मनीषा बुद्ध प्रिया ,डॉ अदिल अहमद जैदी ,डॉ रंजीत कुमार, डॉक्टर पूनम सिंह, डॉक्टर कुमारी प्रतिमा,डॉ सौम्या, डॉ प्रियंका, डॉक्टर प्रीति सिंह सहित दर्जनों डॉ ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । डॉक्टर के हड़ताल से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा जहां इमरजेंसी छोड़कर अन्य बीमारी से ग्रसित मरीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और सैकड़ो मरीज वापस घर लौट गए ।

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CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।

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