भारत गंभीर भुखमरी और कुपोषण के से जूझ रहा है इस संबंध में पिछले सालों में अलग-अलग कई रिपोर्टें आई हैं जो भारत की गंभीर स्थिति को बताती है। भारत का यह हाल तब है जब कि देश में सरकार की तरफ से ही राशन मुफ्त या फिर कम दाम पर राशन दिया जाता है। उसके बाद भी भारत गरीबी और भुखमरी के मामले में पिछड़ता ही जा रहा है। ऐसे में सरकारी नीतियों में बदलाव की सख्त जरूरत है ताकि कोई भी बच्चा भूखा न सोए। आखिर बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं।स्तों क्या आपको भी लगता है कि सरकार की नीतियों से देश के चुनिंदा लोग ही फाएदा उठा रहे हैं, क्या आपको भी लगता है कि इन नीतियों में बदलाव की जरूरत है जिससे देश के किसी भी बच्चे को भूखा न सोना पड़े। किसी के व्यक्तिगत लालच पर कहीं तो रोक लगाई जानी चाहिए जिससे किसी की भी मानवीय गरिमा का शोषण न किया जा सके।

सरकार हर बार लड़कियों को शिक्षा में प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं लाती है, लेकिन सच्चाई यही है कि इन योजनाओं से बड़ी संख्या में लड़कियां दूर रह जाती हैं। कई बार लड़कियाँ इस प्रोत्साहन से स्कूल की दहलीज़ तक तो पहुंच जाती है लेकिन पढ़ाई पूरी कर पाना उनके लिए किसी जंग से कम नहीं होती क्योंकि लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और पढ़ाई करने के लिए खुद अपनी ज़िम्मेदारी लेनी पड़ती है। लड़कियों के सपनों के बीच बहुत सारी मुश्किलें है जो सामाजिक- सांस्कृतिक ,आर्थिक एवं अन्य कारकों से बहुत गहरे से जुड़ा हुआ हैं . लेकिन जब हम गाँव की लड़कियों और साथ ही, जब जातिगत विश्लेषण करेंगें तो ग्रामीण क्षेत्रों की दलित-मज़दूर परिवारों से आने वाली लड़कियों की भागीदारी न के बराबर पाएंगे। तब तक आप हमें बताइए कि * -------आपके गाँव में या समाज में लड़कियों की शिक्षा की स्थिति क्या है ? * -------क्या सच में हमारे देश की लड़कियाँ पढ़ाई के मामले में आजाद है या अभी भी आजादी लेने की होड़ बाकी है ? * -------साथ ही लड़कियाँ को आगे पढ़ाने और उन्हें बढ़ाने को लेकर हमे किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ?

दिघलबैंक पंचायत का जिला अधिकारी ने किया दौरा विभिन्न योजनाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दिघलबैंक पंचायत भवन, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय हरूवाडांगा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बैरबन्ना, हरवाडांगा मदरसा का निरीक्षण कर विद्यालय की साफ-सफाई, बच्चों एवं शिक्षकों की उपस्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बारिश के मौसम में सभी विद्यालयों में बनने वाले मध्याह्न भोजन में विशेष साफ-सफाई रखने का निर्देश दिया।

बिहार राज्य के किशनगंज जिला के पोठिया प्रखंड अंतर्गत डुबानोची पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेलीभिट्ठा में मिड डे मिल भोजन की सामग्री उधार लेकर बनाया जा रहा है। इस आशय की जानकारी देते हुए विद्यालय के प्रधान अध्यापक अब्दुल सलाम ने बताया की विद्यालय में पिछले मार्च माह से दुकान से बकाए में मिड डे मिल भोजन के सामानों को लेकर प्रतिदिन भोजन तैयार किया जा रहा है। बकाया अधिक होने से दुकानदार सामान देने से मना कर रहा है।

पोठिया प्रखंड क्षेत्र में शनिवार को समेकित बाल विकाश परियोजना के तहत रेडी टू कुक इट का वितरण किया गया। जहां पारदर्शिता बनाये रखने हेतु अधिकारीयों ने भ्रमण कर निरीक्षण किया। आईसीडीएस के निर्देश पर प्रखंड के कुसियारी, बुधरा, छत्तरगाच्छ, कोल्था, भोटाथाना, रायपुर सहित अन्य पंचायतों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर टेक होम राशन वितरण किया गया। सेविकाओं द्वारा अपने पोषक क्षेत्र की गर्भवती, धातृ, कुपोषित, अतिकुपोषित लाभुकों के बीच विभागीय नियमानुसार चावल, दाल, सोयाबिन वितरण की गई। लोगों से अपील है कि इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ लें।

दिघलबैंक प्रखंड क्षेत्र के प्रा.वि. मोहामारी शेरशाहवादी टोला धनतौला विद्यालय में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन नहीं बनने पर अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया। अभिभावकों का आरोप था कि विद्यालय में प्रधान शिक्षक की मनमर्जी से ही मध्याह्न भोजन कभी कभी बनता है। यहां विभाग द्वारा जारी मेन्यू के आधार पर कभी भी बच्चों को भोजन नहीं परोसा जाता।अभिभावकों की मांग है कि बच्चों को प्रतिदिन मध्यान भोजन दिया जाए।

दोस्तों, योजना का पूरा खर्च केन्द्र सरकार उठाती है. राज्य सरकार का काम बुजुर्गों का पंजीयन करना, उनके लिए अन्नपूर्णा योजना कार्ड बनाना और राशन देना है. ध्यान रखे दोस्तों, कि इस योजना के तहत बनने वाले कार्ड का रंग सफेद होता है और कार्ड बन जाने के बाद बुजुर्ग नजदीकी सरकारी राशन दुकान से राशन ले सकते हैं. वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू होने के बाद तो यह सुविधा भी दी जा रही है, कि बुजुर्ग किसी भी राज्य में रहते हुए इस योजना के तहत राशन प्राप्त कर सकते हैं. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

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