किशनगंज डीएम तुषार सिंगला ने की शिक्षा विभाग के कार्यक्रमों की समीक्षा, मैराथन बैठक में डीएम ने संबंधित पदाधिकारियों को 9 सूत्रीय टास्क दिए, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और क्वालिटी फूड से किसी तरह की समझौता नहीं करने की हिदायत दी गई है, वहीं शिक्षकों की लेटलतीफी और बच्चों की हाजिरी को लेकर सख्त हिदायत दिए हैं

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में एक महिला क्या सोचती है... यह जानना बहुत दिलचस्प है.. चलिए तो हम महिलाओं से ही सुनते हैं इस खास दिन को लेकर उनके विचार!! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.

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किशनगंज जिला में अब तक 17 फर्जी शिक्षकों की हुई पहचान सक्षमता परीक्षा के दौरान ऐसे शिक्षक आए पकड़ में

किशनगंज: पोठिया के जगडूबा स्कूल के शिक्षक राहुल कुमार का डॉक्यूमेंट फर्जी निकला

आईसीटी लैब शिक्षक दिघलबैंक के पटना के गर्दनीबाग में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

अपर मुख्य सचिव,शिक्षा विभाग, बिहार सरकार का किशनगंज भ्रमण. बीपीएससी टीआरइ 1 और 2 द्वारा चयनित शिक्षकों से लिया फीडबैक, शिक्षा कार्यालय और विद्यालयो में इंफ्रास्ट्रक्चर पर दिया जोर, प्रशिक्षुओं को स्पष्ट कहा ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय में पढ़ाना होगा ,महिला प्रशिक्षुओं से स्कूटी सीखने पर जानकारी लिया और सभी शिक्षको का उत्साहवर्धन किया है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बीपीएससी के द्वारा शिक्षको की नियुक्ति और उनके योगदान के उपरांत सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बच्चो का नियमित विद्यालय आना प्रारंभ हुआ है ,जो काफी प्रसंसनीय है।उन्होंने डायट में प्रशिक्षुओं से फीडबैक लेने के क्रम में शिक्षा विभाग के प्रयास पर जानकारी दी। आगामी शिक्षक नियुक्ति टीआरइ 3 और 4 जल्द प्रारंभ करने की बात कही है। सभी प्रशिक्षु शिक्षक को अपना आवंटित विद्यालय अवश्य देख लेने को कहा और विद्यालय में बच्चों की सुविधा यथा बेंच,डेस्क ,शौचालय ,भवन निश्चित रूप से उपलब्धता पर जोर दिया। शिक्षको को अपना मनोबल ऊंचा रखने तथा पढ़ाई का कार्य करने पर ध्यान देने का निर्देश दिया। डायट की व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता व्यक्त किया। प्रशिक्षु शिक्षकों ने काफी गर्मजोशी से अपर मुख्य सचिव का स्वागत किया। अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने कई विद्यालय का निरीक्षण किया। सर्वप्रथम प्राथमिक विद्यालय बस्ताकोला,कोचाधामन में अपर मुख्य सचिव पहुंचे।विद्यालय के प्रधानाध्यापक से पठन पाठन पर जानकारी लिया तथा बच्चो से कई जानकारियां ली।उत्क्रमित मध्य विद्यालय,मोहनमारी का भी निरीक्षण किया गया। यहां उन्होंने एमडीएम को भी देखा तथा विद्यालय में बच्चो की उपस्थिति और शिक्षा के स्तर का अवलोकन किया। साथ में डीएम तुषार सिंगला,जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार व अन्य मौजूद रहें।

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।