उत्तरप्रदेश राज्य के बरेली जिला के हजियापुर से अलमीश मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि नीलिमा की कहानी के माध्यम से उन्हें यह पता चला की जिस प्रकार लड़कियों के साथ भेद भाव किया जाता है। यह बहुत ही गलत है। अगर कोई भी लड़की किसी भी लड़की या लड़के के साथ प्यार करती हैं, तो उन्हें समाज में गलत नजर से देखा जाता है। उन्होंने यह बताया कि लड़कियों को भी अधिकार है अपनी राह खुद चुनने का। इसलिए हमें लड़कियों के साथ भेद भाव नहीं करनी चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के बरेली जिला से ममता मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहना चाहती है कि उन्होंने नीलिमा की कहानी सुनी जिससे उन्हें बहुत सीख मिली। वह बताती है कि उनके क्षेत्र में भी प्रवासी महिलाओं एवं मजदूरों को जो लॉकडाउन के दौरान वापस आ रहे थे उन्हें रस्ते में बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा जिनमे खास कर महिलाओं एवं लड़कियों को काफी सारी दिक्कतें उठानी पड़ी

उत्तरप्रदेश राज्य के बरेली जिला के भोजीपुरा प्रखंड से शहनाज़ जी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लॉकडाउन के दौरान बहुत सी दिक्कतें आयी थी। बाहर से जो लोग आये थे उनके साथ कोई मिलता नहीं था। वैसे लोग खुद को बहुत अकेले महसूस करते थे। फिर लोगों को समझाया गया कि बहार से आने वाले लोग भी हमारे अपने है, उनकी कोरोना जांच हुई। जिसके बाद लोग उनके साथ बैठने लगे बातचीत करने लगे। जिससे उन्हें अच्छा महसुसु हो। इस तरह से धीरे धीरे लोगों के व्यवहार में बदलाव आया। साथ ही उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के समय काम छूट जाने से आर्थिक स्थिति भी बहुत ख़राब हो गयी थी। रोजमर्रा की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती थी

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बरेली से मोमिना मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें नीलिमा की कहानी सुनकर बहुत अच्छा लगा। वह कहती हैं कि कोरोना महामारी में जो लॉकडाउन होने से उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत ही ख़राब चल रही है और न ही उनके पास कोई रोजगार का साधन है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला महोबा से निशा मेरी शक्ति मेरी पंचायत के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें नीलिमा की कहानी सुनकर बहुत ही अच्छा लगा और इस कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि माहवारी के समय लड़कियों और महिलाओं को बहुत सी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने यह बताया कि लॉकडाउन के वजह से पैड के ना मिलने से गंदे कपडे का इस्तेमाल करती थी। जिससे उन्हें कई प्रकार की बीमारी का सामना भी करना पड़ा। इसलिए उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि अगर पैड न हो, तो साफ़ सुतरे सूती कपडे का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे की हम माहवारी से बच भी सकते हैं और किसी भी प्रकार की बीमारी से भी बच सकते हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला महोबा से कोमल कुमारी मेरी शक्ति मेरी पंचायत के माध्यम से यह कहती हैं कि कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाने के बाद जिस तरह से सभी प्रवासी मजदूर अपने घर को लौट रहे थे। लेकिन उनके पास न तो खाने के लिए अनाज था और न ही रहने के लिए सही घर था। प्रवासी मजदूरों ने सरकार द्वारा आवासीय योजना का जो लाभ दिया जा रहा था। उससे किसी को भी इसका को भी लाभ प्राप्त नहीं हो पाया। जिससे उन्होंने अपने आस पास के सभी मजदूरों को समझाया कि इसके लिए खुद से मेहनत करनी पड़ेगी।

उत्तरप्रदेश राज्य के बरेली जिले से सुधा कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि इस कार्यक्रम के माध्यम से यह जानकारी मिली की माहवारी के समय लड़कियों और महिलाओं को अपने पोषण पर पूरा ध्यान देना चाहिए और साथ ही माहवारी के समय पैड ना होने पर साफ़ सूती कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे की वह हर बिमारियों से बच सके। साथ ही अपने पोषण पर पूरा ध्यान देना चाहिए । जिससे की हम माहवारी से बच भी सकते हैं और किसी भी प्रकार की बीमारी से भी बच सकते हैं। 

उत्तरप्रदेश राज्य से रोशनी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उनकी बहन गर्भवती थी और उनका बच्चा ऑपरेशन के माध्यम से हुआ। उन्होंने कहा कि वह फिर से डरी हुई है क्योंकि वह फिर से गर्भवती हो गई है। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन की समस्या के कारण ऑपरेशन भी नहीं किया जा सका है। जिससे वह बहुत ही परेशान है। 

उत्तरप्रदेश राज्य के बरेली जिला के हाजियापुर से सबीना मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि इन्हे लॉकडाउन के समय काफी परेशानी झेलनी पड़ी। घर में दोनों भाई रहते थे जो इन्हे घर की छत पर जाने से मना करते थे , कहते थे तुम छत पर क्यों जा रही हो जोर से क्यों बातें कर रही हो। इतना ही नहीं टीवी देखने से भी मना करते थे, कहते थे हम देखेंगे तुम नहीं देखोगी। लॉकडाउन के कारण घर में माता पिता के बीच भी लड़ाई झगडे हुए खाने पीने को लेकर।

उत्तरप्रदेश राज्य के बरैली जिला के सगलपुर से प्रीति मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि नीलिमा की कहानी सुनकर इन्हें अच्छा लगा। वह कहती है कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और लड़कियां लॉकडॉन में कितने बड़े बड़े काम कर रही है यह सब बातें सुनने को मिल रही है।