उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बरेली के भोजीपुरा से सरोज देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि इन्हे नीलिमा की कहानी बहुत अच्छी लगी की किस तरह लड़कियों को आगे बढ़ना चाहिए और पीरियड्स के समय उन्हें किस तरह की परेशानी आती है .इन सबके के बारे जानकारी मिली और ये सब भी मिलकर आगे बढ़ना चाहती है

उत्तर प्रदेश राज्य के जिला बरैली से मोबाइल वाणी के माध्यम से अफ़रोज़ बता रही हैं की नीलिमा की कहानी से बहुत शिक्षा मिली है की महिलाओ को अपने प्रजनन और स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहियें और मासिक धर्म के समय दो आयरन की गोली खानी चाहियें जिससे की खून की कमी ना हो

उत्तरप्रदेश राज्य के बरेली जिला से तमन्ना ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्हें नीलिमा की कहानी से बहुत सीख मिली है। उन्हें किशोरियों के प्रजनन एवं स्वास्थ्य पर जानकारी मिली जिससे इनकी काफी समझ बढ़ी है। साथ ही ये किशोरियों को बताती है कि साफ़ सफाई का ध्यान रखना चाहिए एवं मासिक धर्म के समय साफ़ कपडे का इस्तेमाल करनी चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बरेली से शबनम कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि माहवारी से जुड़ी जानकारी सुन कर अच्छा लगा। नीलिमा की कहानी सुन कर अच्छा लगा की किस तरह महिलाओं को माहवारी में दिक्कतें होती है और किस तरह उन्हें अपना ख्याल रखना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बरेली के खंजनपुर के ग्राम दबोरा से नेहा मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि वे काफी बार नीलिमा की कहानी सुनी है। ये बैठक करवाती है जिनमे लड़कियां शामिल रहती है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बरेली से खुशबु कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हे नीलिमा की कहानी सुन कर बहुत अच्छा लगा इसलिए कि माहवारी के दौरान लड़कियो को किस तरह अपनी साफ़ सफाई रखनी चाहिए और किस तरह अपनी सुरक्षा करनी चाहिए। इन्हे नीलिमा की कहानी से बहुत जानकारी मिली

उत्तरप्रदेश राज्य के बरेली जिले से आशा मोबाइल वाणी के माध्यम से यह कहती हैं कि हमें अपनी बेटियों से माहवारी को लेकर बात करनी चाहिए। जिससे बेटियाँ बोलने से न डरे

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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला महोबा से निशा मेरी शक्ति मेरी पंचायत के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें नीलिमा की कहानी सुनकर बहुत ही अच्छा लगा और इस कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि माहवारी के समय लड़कियों और महिलाओं को बहुत सी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने यह बताया कि लॉकडाउन के वजह से पैड के ना मिलने से गंदे कपडे का इस्तेमाल करती थी। जिससे उन्हें कई प्रकार की बीमारी का सामना भी करना पड़ा। इसलिए उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि अगर पैड न हो, तो साफ़ सुतरे सूती कपडे का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे की हम माहवारी से बच भी सकते हैं और किसी भी प्रकार की बीमारी से भी बच सकते हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला महोबा से बबली मेरी शक्ति मेरी पंचायत के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें नीलिमा की कहानी सुनकर बहुत ही अच्छा लगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से यह जानकारी मिली की माहवारी के समय लड़कियों और महिलाओं को अपने पोषण पर पूरा ध्यान देना चाहिए और साथ ही पैड ना होने पर साफ़ सूती कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे की वह हर बिमारियों से बच सके। उन्होंने यह भी कहा कि हमें प्रवासी मजदूरों की भी सहायता करनी चाहिए। क्योंकि लॉकडाउन के कारण उनके पास खाने से लेकर स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही हमें उन प्रवासी महिलाओं और लड़कियों की भी सहायता करनी चाहिए जो माहवारी के समय बहुत सी दिक्कतों का सामना करती हैं।