उत्तरप्रदेश राज्य के बरेली जिला के भोजीपुरा प्रखंड से शहनाज़ जी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लॉकडाउन के दौरान बहुत सी दिक्कतें आयी थी। बाहर से जो लोग आये थे उनके साथ कोई मिलता नहीं था। वैसे लोग खुद को बहुत अकेले महसूस करते थे। फिर लोगों को समझाया गया कि बहार से आने वाले लोग भी हमारे अपने है, उनकी कोरोना जांच हुई। जिसके बाद लोग उनके साथ बैठने लगे बातचीत करने लगे। जिससे उन्हें अच्छा महसुसु हो। इस तरह से धीरे धीरे लोगों के व्यवहार में बदलाव आया। साथ ही उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के समय काम छूट जाने से आर्थिक स्थिति भी बहुत ख़राब हो गयी थी। रोजमर्रा की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती थी

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उत्तरप्रदेश राज्य के करेली गांव से विनीता मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है,कि कोरोना वायरस के कारण घर से बाहर आना जाना भी बंद है,और बहुत दिक्कतें भी आ रही है ,गांव में कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज़ भी निकला है, जिसके कारण परेशानी हो रही है।

उत्तरप्रदेश राज्य के महोबा जिला के पचरा गांव से फूलारानी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वह मेरी पंचायत मेरी शक्ति से जुड़ी हुई है।वह कहती है कि लॉकडाउन के कारण बहुत दिक्कतें आ रही है।उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है क्योकि मजदूरी नहीं लग रही है।वही जो बाहर से आये है उन्हें स्कूल में रखा गया और उन्हें खाना नहीं मिल रहा है तथा बिजली की भी सुविधा नहीं है जिसकारण परेशानी हो रही है।वही वह कहती है कि न ही मनरेगा में कुछ काम मिल रहा है और न ही इसके लिए प्रधान समस्या सुनते है

उत्तरप्रदेश राज्य से शहनाज मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि इनके गाँव में बाहर से आये लोगों के साथ गलत व्यवहार नहीं किया गया था।वही कहती है कि उन सभी का जाँच किया गया था तथा गांव आने के बाद दुबारा जाँच किया गया था इसलिए सब कोई एकसाथ रहते है। उन्होंने बाहर से आये लोगों के साथ कभी भेदभाव नहीं किया है तथा गांव के लोगों ने भी कभी भेदभाव नहीं किया है।वही वह कहती है कि नीलिमा की कहानी सुनकर अच्छा लगा

यह जरुरी नहीं है कि बाहर से आनेवाला हर इंसान कोरोना फैलाएगा इसलिए प्रवासी लोगों से शारीरिक दुरी बनाए रखें ,लेकिन दिलों के बीच दुरी न आने दें।