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कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने लोगों के काम, एक दूसरे से मिलने जुलने को इस प्रकार रोक दिया है। मनो जैसे चलती गाड़ी के पहिये ख़राब होने पर वह रुक जाता है और चिड़चिड़ापन होने के कारण हम कुछ भी कर बैठते है। ठीक उसी प्रकार यह कोरोना वायरस के कारण जो यह लॉकडाउन किया गया है। जिससे लोग मानसिक तनाव के शिकार होते जा रहे है। कामो का बंद होना और एक दूसरे से मिलना जुलना बंद होना यह एक मानसिक तनाव को आमंत्रण करता है। जिसके चलते लोग गलत कदम उठा रहे है और अपने परिवारों से बात विचार नहीं कर पा रहे है। इसलिए हमें यह जरुरी है कि आप जब किसी को भी मानसिक तनाव में देखें तो उनके साथ बैठकर उनसे बात करें और उनकी मानसिक तनाव को दूर करने की कोशिश करें। अगर हम ऐसा करते हैं और लोगों को एक दूसरे के तनाव दूर करने के लिए मदद करने को कहते है, तो हम ऐसा करके कई लोगों की जान भी बचा सकते हैं

कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने लोगों के काम, एक दूसरे से मिलने जुलने को इस प्रकार रोक दिया है। मनो जैसे चलती गाड़ी के पहिये ख़राब होने पर वह रुक जाता है और चिड़चिड़ापन होने के कारण हम कुछ भी कर बैठते है। ठीक उसी प्रकार यह कोरोना वायरस के कारण जो यह लॉकडाउन किया गया है। जिससे लोग मानसिक तनाव के शिकार होते जा रहे है। कामो का बंद होना और एक दूसरे से मिलना जुलना बंद होना यह एक मानसिक तनाव को आमंत्रण करता है। जिसके चलते लोग गलत कदम उठा रहे है और अपने परिवारों से बात विचार नहीं कर पा रहे है। इसलिए हमें यह जरुरी है कि आप जब किसी को भी मानसिक तनाव में देखें तो उनके साथ बैठकर उनसे बात करें और उनकी मानसिक तनाव को दूर करने की कोशिश करें। अगर हम ऐसा करते हैं और लोगों को एक दूसरे के तनाव दूर करने के लिए मदद करने को कहते है, तो हम ऐसा करके कई लोगों की जान भी बचा सकते हैं

जब इंसान खुद के साथ साथ दूसरों की परवाह भी करता है तो वो समाज में इंसानियत का उदाहरण पेश करता है। पंजाब में रहने वाला एक व्यक्ति कुछ इसी प्रकार सभी के लिए एक उदाहरण बना। जीत गई जिंदगी के तहत इस व्यक्ति की कहानी सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर।

जीत गई जिंदगी कार्यक्रम में आपका स्वागत है। इसमें हम सुनेंगे कि किस तरह हमे साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ जीत हासिल करनी है।दोस्तों स्वास्थ्यकर्मी का साथ देकर हम उनकी हिम्मत बढ़ा सकते है