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उत्तरप्रदेश राज्य से रेणु मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि इस कार्यक्रम को सुनती है और अपने आस पास के लड़कियों और महिलाओं को उनके साथ हो रहे हिंसा से लड़ने को समझती है। साथ ही वह कही भी कार्यक्रम में भाग लेती है। जिसमे लड़कियों और महिलाओं के साथ हो रहे हिंसा के बारे में समझाया जाता है। वह उसे ध्यान से सुनती है

उत्तरप्रदेश राज्य के महोबा जिला से सुधा मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वह वह मेरी पंचायत मेरी शक्ति से जुड़ी है।नीलिमा की कहानी सुनकर जानकारी हुई किस तरह महिला के साथ भेदभाव तथा हिंसा होने पर उसके प्रति जागरूक होना चाहिए।वही वह कहती है कि लॉकडाउन के कारण कई लड़कियों की पढ़ाई रुक गई क्योकि उनके परिवारवालों का कहना है कि अब खर्च नहीं हो पायेगा,वही कई लड़कियों की शादी भी कर दी गयी है।फिर कार्यकरम से जुड़कर समझाया गया है कि लड़कियों की पढ़ाई को बीच में न रोके क्योकि ये परेशानी कुछ दिन की है फिर सबकुछ ठीक हो जायेगा। वह कहती है कि लड़कियों को मौका मिलना चाहिए,वह भी आगे बढ़ सकती है तथा अपने परिवारवालों का नाम रौशन करेंगी।वही लड़कियों के लिए आंगनबाड़ी में कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है,उन्हें आयरन की गोली नहीं दी जा रही है।वही बच्चों को टीका भी नहीं लगाया जा रहा है जिसकारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने लोगों के काम, एक दूसरे से मिलने जुलने को इस प्रकार रोक दिया है। मनो जैसे चलती गाड़ी के पहिये ख़राब होने पर वह रुक जाता है और चिड़चिड़ापन होने के कारण हम कुछ भी कर बैठते है। ठीक उसी प्रकार यह कोरोना वायरस के कारण जो यह लॉकडाउन किया गया है। जिससे लोग मानसिक तनाव के शिकार होते जा रहे है। कामो का बंद होना और एक दूसरे से मिलना जुलना बंद होना यह एक मानसिक तनाव को आमंत्रण करता है। जिसके चलते लोग गलत कदम उठा रहे है और अपने परिवारों से बात विचार नहीं कर पा रहे है। इसलिए हमें यह जरुरी है कि आप जब किसी को भी मानसिक तनाव में देखें तो उनके साथ बैठकर उनसे बात करें और उनकी मानसिक तनाव को दूर करने की कोशिश करें। अगर हम ऐसा करते हैं और लोगों को एक दूसरे के तनाव दूर करने के लिए मदद करने को कहते है, तो हम ऐसा करके कई लोगों की जान भी बचा सकते हैं

कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने लोगों के काम, एक दूसरे से मिलने जुलने को इस प्रकार रोक दिया है। मनो जैसे चलती गाड़ी के पहिये ख़राब होने पर वह रुक जाता है और चिड़चिड़ापन होने के कारण हम कुछ भी कर बैठते है। ठीक उसी प्रकार यह कोरोना वायरस के कारण जो यह लॉकडाउन किया गया है। जिससे लोग मानसिक तनाव के शिकार होते जा रहे है। कामो का बंद होना और एक दूसरे से मिलना जुलना बंद होना यह एक मानसिक तनाव को आमंत्रण करता है। जिसके चलते लोग गलत कदम उठा रहे है और अपने परिवारों से बात विचार नहीं कर पा रहे है। इसलिए हमें यह जरुरी है कि आप जब किसी को भी मानसिक तनाव में देखें तो उनके साथ बैठकर उनसे बात करें और उनकी मानसिक तनाव को दूर करने की कोशिश करें। अगर हम ऐसा करते हैं और लोगों को एक दूसरे के तनाव दूर करने के लिए मदद करने को कहते है, तो हम ऐसा करके कई लोगों की जान भी बचा सकते हैं

जब इंसान खुद के साथ साथ दूसरों की परवाह भी करता है तो वो समाज में इंसानियत का उदाहरण पेश करता है। पंजाब में रहने वाला एक व्यक्ति कुछ इसी प्रकार सभी के लिए एक उदाहरण बना। जीत गई जिंदगी के तहत इस व्यक्ति की कहानी सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर।

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