झारखंड राज्य के हज़ारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से एक श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि एक माहिला के पति कोरोना संक्रमित हो गए थे तो सभी उनसे कहने लगे कि अपने पति को अस्पताल में रखो घर पर नहीं रखो। कोरोना संक्रमित की पत्नी घर पर उसका पूरा ध्यान रखती थी उसे आस पड़ोस के लोग मना करते थे कि अपने पति से दूर रहो नहीं तो आपको भी कोरोना हो जायेगा परन्तु उसकी पत्नी ने कहा नहीं सब मेरे पति से दूर हो जायेंगे पर मैं नहीं हो सकती मैं उनकी सेवा करुँगी और उनको ठीक कर के दिखाउंगी। उन्होंने कहा ये बीमारी नहीं बल्कि एक अफवाह है जो लोगों के दिलो में फैला हुआ है क्या किसी को सर्दी ,खासी ,बुखार नहीं होता है। उस पत्नी ने अपने पत्नी का बहुत देखभाल सेवा और दवा करायी की उनके पति आज ठीक हो चुके हैं और उनकी पत्नी को कोरोना भी नहीं हुआ है। बीमारी कुछ भी नहीं होती है बस हमें उससे लड़ने की क्षमता होनी चाहिए अफवाओं से बचना चाहिए। बीमारी के नाम पर जो भेदभाव किया जा रहा है उससे हमें बचना चाहिए और अपने वातावरण को साफ सुथरा रखना चाहिए।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से मोना कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बता रही है कि लड़के लड़कियों के साथ बहुत भेदभाव किया गया इस कोरोना वायरस के कारण और ये बीमारी जो आया है अपने साथ बहुत भेदभाव लेकर आया है क्यूंकि भेदभाव के कारण जो अंदर की सोच है वो कम हो जाती है। कोई अगर बीमार है तो कोई जनता भी नहीं की उसे क्या हुआ है और उस बीमार व्यक्ति से नफरत करने लग जाते है इससे ये हो रहा है कि जिसे कोरोना नहीं भी हुआ है वह बिना मतलब के इस सोच में पड़ जाते है कि कोरोना हो गया है और जिंता के कारण वह और भी बीमार से ग्रस्त हो जाते हैं। इसलिए उनका कहना है की जो लोग दुरी बना लेते है नफरत करने लग जाते है ऐसे में उस बीमार व्यक्ति का मनोबल टूट जाता है इसलिए बीमारी तो अलग चीज है हमे सब के साथ प्यार से रहना है और सबका साथ देना है उनके सुख दिख में साथ देना है । हमें सबके साथ अपना सहानुभूति रखना चाहिए अगर किसी को कोरोना हो भी गया है तो उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए।

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला के सिमरिया प्रखंड के लोक प्रेरणा केंद्र की एक किशोरी अंशु कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से अपने जीवन में आने वाले बदलाव के बारे में बता रही हैं,कि उनका बचपना तो ऐसे ही अपने माता पिता के साथ गुजरा और फिर जब वो 12 या 13 वर्ष की हुई तो लोक प्रेरणा केंद्र की बैठक में जाने लगी तो वहां जाने से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। एक लड़की का क्या अधिकार है उसे खुद से कैसे आगे बढ़ना चाहिये इस तहरा लोक प्रेरणा केंद्र की बैठक में जाने से उन्हें बहुत उत्साहित प्रतीत होता था। लोक प्रेरणा केंद्र से जुड़ने के बाद उन्हें ऐसा लगा जैसे उन्हें एक नया जीवन मिल गया है

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के चुरचू प्रखंड के जरवा पंचायत से बबिता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है,कि

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के इचाक प्रखंड के किर्यातपुर पंचायत के किर्यातपुर गांव से दीपांजलि कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है,उनको नीलिमा की कहानी सुन कर बहुत अच्छा लगा और इस कहानी से वो प्रेरित भी हुई हैं। एसएचजी में जुड़ कर उन्हें ये मालूम पड़ा कि पढ़ लिख कर घर बैठने से कुछ नहीं होगा घर से बहार निकलने पर ही अपनी पहचान बना सकते हैं। एसएचजी महिलाओं के लिए एक सीढ़ी है जहाँ वो अपने अपने दुःख सूख और बातों को रख सकती हैं। महिलायें एकजुट होकर अपने ऊपर हो रही हिंसाओं के विरुद्ध आवाज़ उठा सकती हैं

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड से सहिया किरण देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है,कि जब से नीलिमा की कहानी सुनी हैं तब से सभी महिला सशक्त हो गयी हैं ,पहले तो घर से निकलने का भी समय नहीं मिलता था और इज़ाज़त भी नहीं मिलती थी परन्तु नीलिमा की कहानी सुनने के बाद अब वो घर से निकलती हैं। नीलिमा की कहानी से उन्हें बहुत हिम्मत मिलती है जब वो कमजोर पड़ जाती हैं तब ,और महिलाओं को बताते हैं कि अब महिलायें सशक्त हो गयी हैं,और इन्हे अब किसी भी महिला पर हो रही हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठानी होगी

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला के सिमरिया प्रखंड से अनामिका कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहती है,कि नीलिमा की कहानी से बहुत कुछ सिखने का मौका मिला है,जैसे की बाल विवाह क़ानूनी अपराध है हमेसे रोकना चाहिये। लड़कियां केवल घर का काम करने के लिए नहीं होती हैं वो अपने पैरों पर खड़े हो कर कदम चुम सकती हैं। लड़कियों को आज़ादी देना चाहिये की वो स्कूल जाये कॉलेज जाये अपनी पढ़ाई करें। किशोरियों की जो बैठक होती है उसमे जाना चाहियें और सीखना चाहिये कि बहाल विवाह को कैसे रोका जाये और हमें एक दूसरे का सहयोग करना चाहिये

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला के सिमरिया प्रखंड से अनामिका कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहती है,कि नीलिमा की कहानी से हमें ये पता चलता है,कि लड़कियों को आगे बढ़ते रहना चाहिये क्यूंकि लड़कियों को हर जगह सम्मान नहीं मिलता है। नीलिमा की कहानी से हमें ये पता चलता है,कि लड़कियों को आगे बढ़ने देना चाहिये पढ़ने लिखने देना चाहिये वो आगे चल कर नौकरी कर सकती हैं वो अपने माता पिता के लिए सहारा बन सकती है लड़कियां एक माँ बहन और बीवी होती है

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला के ग्राम सिंद्वारि पंचायत गोड़ाई से सरस्वती देवी मोबाइल वाणी से ये बताना चाहतीं हैं ,कि वो एक छोटे से समूह से निकल कर तेजश्वनी परियोजना से जुड़ी कर युवा उत्प्रेरक कर कार्य करती है,जिस से जो आमदनी होती है उससे एक स्कूटी खरीदी और फिर अपने गांव का भ्रमण करती हैं

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के चुरचू प्रखंड से उषा मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है,कि लॉक डाउन के दौरान महिलाओं के साथ पहुत सी परेशानियां हुई क्यूंकि पहले पुरुष लोग घर पार नहीं होते थे तो किसी प्रकार का रोक टोक नहीं होता था। लॉक डाउन के कारण पुरुष लोग घर पर होते है तो रोका टोका जाता है। एक नज़र से देखा जाये तो महिलाओं के साथ शोषण हो रहा है