झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से एक श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि पंचायत चुनाव को लेकर पंचायत प्रतिनिधि लोग बहुत उत्सुक है की वे चुनाव में फिर से खड़ी होंगी जब वार्ड पर थी तो आज मुखिया पद पर लड़ने के लिए तैयार हो रही हैं और बता रही है कि जितना सीख पायी है पांच वर्षों में तो अब पिछे नहीं रहेंगी। हार हो या जीत हो हार नहीं मानेगी और जो अनुभव है उस पर काम करेंगी और लोगों की मदद करेंगी। चुनाव में महिलाएं लड़ने के लिए तैयार है।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के इचाक प्रखंड से रीता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है,कि अभी भी समाज में लड़कों और लड़कियों के साथ भेदभाव बहुत ज्यादा होता है। महिलाओं की मानसिकता है कि शुरू से ही बचपन से ही लड़कियों को सिखाती तुम्हे घर के सारे काम करने है तुम गुड़िया से खेलोगी और लड़का है तो बन्दुक ,कार और मोटरसाइकिल से खेलेगा। लड़कियां दो चोटी करती है अगर लड़का का दो चोटी बनाया जाता है तो समाज के लोगो द्वारा मजाक बनाते है अरे तुम बेटी या लड़की जैसा दिख रहे है। लड़कियों को ही घर का काम सिखाया जाता है अगर घर के पुरुष उसमे भागीदारी निभाते या घर के कामों में थोड़ी मदद करते है तो समाज के लोग ही कहते है कि तुम तो पुरुष के नाम पर कलंक हो जो एक लड़की की तरह घर का झाड़ू पोछा करते हो तुम्हे तो लड़की होना चाहिए। इनका मानना है कि महिला और पुरुष दोनों बराबर है। अगर हम एक दूसरे मदद करते है सपोर्ट करते है तो जीवन बहुत अच्छे से चलता है। लेकिन समाज ही रोक लगा देता है। समाज ही गलत सोच रखता है

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से एक श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि एक माहिला के पति कोरोना संक्रमित हो गए थे तो सभी उनसे कहने लगे कि अपने पति को अस्पताल में रखो घर पर नहीं रखो। कोरोना संक्रमित की पत्नी घर पर उसका पूरा ध्यान रखती थी उसे आस पड़ोस के लोग मना करते थे कि अपने पति से दूर रहो नहीं तो आपको भी कोरोना हो जायेगा परन्तु उसकी पत्नी ने कहा नहीं सब मेरे पति से दूर हो जायेंगे पर मैं नहीं हो सकती मैं उनकी सेवा करुँगी और उनको ठीक कर के दिखाउंगी। उन्होंने कहा ये बीमारी नहीं बल्कि एक अफवाह है जो लोगों के दिलो में फैला हुआ है क्या किसी को सर्दी ,खासी ,बुखार नहीं होता है। उस पत्नी ने अपने पत्नी का बहुत देखभाल सेवा और दवा करायी की उनके पति आज ठीक हो चुके हैं और उनकी पत्नी को कोरोना भी नहीं हुआ है। बीमारी कुछ भी नहीं होती है बस हमें उससे लड़ने की क्षमता होनी चाहिए अफवाओं से बचना चाहिए। बीमारी के नाम पर जो भेदभाव किया जा रहा है उससे हमें बचना चाहिए और अपने वातावरण को साफ सुथरा रखना चाहिए।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से मोना कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बता रही है कि लड़के लड़कियों के साथ बहुत भेदभाव किया गया इस कोरोना वायरस के कारण और ये बीमारी जो आया है अपने साथ बहुत भेदभाव लेकर आया है क्यूंकि भेदभाव के कारण जो अंदर की सोच है वो कम हो जाती है। कोई अगर बीमार है तो कोई जनता भी नहीं की उसे क्या हुआ है और उस बीमार व्यक्ति से नफरत करने लग जाते है इससे ये हो रहा है कि जिसे कोरोना नहीं भी हुआ है वह बिना मतलब के इस सोच में पड़ जाते है कि कोरोना हो गया है और जिंता के कारण वह और भी बीमार से ग्रस्त हो जाते हैं। इसलिए उनका कहना है की जो लोग दुरी बना लेते है नफरत करने लग जाते है ऐसे में उस बीमार व्यक्ति का मनोबल टूट जाता है इसलिए बीमारी तो अलग चीज है हमे सब के साथ प्यार से रहना है और सबका साथ देना है उनके सुख दिख में साथ देना है । हमें सबके साथ अपना सहानुभूति रखना चाहिए अगर किसी को कोरोना हो भी गया है तो उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए।

झारखण्ड राज्य के जिला हजारीबाग के प्रखंड ईचाक से राजी सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि हमारे समाज में कब तक महिलाओं को पुरुषों से कम माना जाएगा। हम आज भी देखते हैं कि हमारे आसपास के समाज में लड़कियों और महिलाओं को ही बदनाम किया जाता है फिर चाहे लड़की की गलती हो या ना हो।वह कहती है कि महिलाओं को गांव - घर तथा आसपास में अपने अधिकार को पहचाने और अपने अधिकार के लिए लड़े। लेकिन जब तक पितृसत्ता हमारे भारत देश में हावी रहेगी तब तक महिलाओं को कभी भी उनका मौका नहीं मिलेगा की वह कुछ कर सके। इसलिए वह चाहती है कि सभी एकजुट होकर अपने महिलाओं के लिए कुछ करें तथा उनके अधिकार के लिए लड़े ताकि हम भी कुछ कर सके।महिलाओं को सिर्फ एक मौका देना चाहिए ताकि वह भी कुछ कर सके।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के इचाक प्रखं के किरयतपुर पंचायत से नीरा देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बता रही हैं,कि लॉक डाउन में सब कुछ थोड़ा ठीक ही चला महिला मुक्ति संस्था में जाने से बहुत कुछ जनने का मौका मिला और पति द्वारा घर के कामो में साथ मिला

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के इचाक प्रखंड के किर्यातपुर पंचायत के किर्यातपुर गांव से दीपांजलि कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है,उनको नीलिमा की कहानी सुन कर बहुत अच्छा लगा और इस कहानी से वो प्रेरित भी हुई हैं। एसएचजी में जुड़ कर उन्हें ये मालूम पड़ा कि पढ़ लिख कर घर बैठने से कुछ नहीं होगा घर से बहार निकलने पर ही अपनी पहचान बना सकते हैं। एसएचजी महिलाओं के लिए एक सीढ़ी है जहाँ वो अपने अपने दुःख सूख और बातों को रख सकती हैं। महिलायें एकजुट होकर अपने ऊपर हो रही हिंसाओं के विरुद्ध आवाज़ उठा सकती हैं

झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के प्रखंड ईचाक से तब्बसूम खातून मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि लॉकडाउन में कोई योजना का लाभ नहीं मिला है

झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के प्रखंड ईचाक से शबनम खातून मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि लॉकडाउन के कारण उनकी बेटी बैठक में शामिल नहीं हो पा रही थी है.लॉकडाउन में सबको खाने पीने की बहुत परेशानी थी

झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के प्रखंड ईचाक से रेहाना खातून मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि वे जितना भी काम शुरू की है सब अधूरा है कोई पूरा नहीं हुआ है और इसका कारण है लॉकडाउन।