इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?
इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?
उत्तर प्रदेश राज्य के ग़ाज़ीपुर जिला से उपेन्दर कुमार ने देवनारायण सिंह से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि हमारे क्षेत्र में बाढ़ नहीं आता है। अगर बाढ़ आये तो हमें काफी मदद होगी। इस क्षेत्र में पानी का स्तर बहुत नीचे जा चुका है। अगर नदी पोखर में जल स्तर बढ़ेगा तो हमारे क्षेत्र के जल स्रोतों में भी पानी का स्तर अच्छा होगा। इससे किसानों को भी मदद होगी। क्योंकि यहाँ की नहरों में समय से पानी नहीं आता है। ट्यूबवेल भी खराब पड़े हैं ,सरकार का ध्यान इस तरफ बिल्कुल भी नहीं है। सरकार द्वारा समस्याओं के समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर तो जारी हैं। लेकिन समस्याओं का समाधान केवल कागजों पर ही दिखता है। सरकार को गंभीरता से इन विषयों पर संज्ञान लेते हुए। जनता की भलाई के लिए कार्य करने चाहिए
यह कार्यक्रम मौसम में आ रहे बदलावों और उनसे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभावों पर केंद्रित है। इसमें बारिश के अनिश्चित पैटर्न से उत्पन्न चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में यह भी बताया जाएगा कि कैसे ये बदलाव किसानों से लेकर शहरी नागरिकों तक, सभी के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। आपने और आपके आसपास के लोगों ने बदलते बारिश के पैटर्न के बारे में क्या अनुभव किया है? क्या आपको या आपके जानने वालों को इससे कोई चुनौती झेलनी पड़ी है?
उत्तर प्रदेश राज्य के गाजीपुर जनपद में किसान नेता विजयबहादुर सिंह से हुई वार्ता में उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं पर सरकार नहीं दे रही ध्यान जानें असली वजह
जिले में बनाई गई 124 बाढ़ चौकियां...
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