अधिकांश व्यक्तिगत पट्टे पुरुषों के नाम पर होते हैं. सामुदायिक अधिकारों में भी महिलाओं को भी कम प्रतिनिधित्व दिया जाता है. इसके चलते महिलाएं केवल खेत मजदूर बनकर रह जाती हैं. महिलाओं को इसका नुकसान यह होता है कि बैंक, बीमा तथा दूसरी सरकारी सहायता का लाभ नहीं उठा पाती है, जो उनके लिए चलाई जा रही हैं.

गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू आम के छोटे पौधों में लगने वाले तना छेदक कीड़े और उसके उपचार की जानकारी दे रहे हैं ।

पति की मृत्यु के बाद विधवा का उसकी ज़मीन पर अधिकार कोई दया नहीं, बल्कि उसका कानूनी हक़ है। ज़रूरत इस बात की है कि क़ानून की जानकारी, प्रशासनिक सहयोग और सामाजिक समर्थन तीनों एक साथ मिलें। तभी विधवाओं के लिए “क़ानून में अधिकार” वास्तव में “ज़मीन पर अधिकार” बन पाएगा। तब तक आप हमें बताइए कि , *--- क्या आपके गांव/मोहल्ले में विधवाओं के नाम ज़मीन का म्यूटेशन आसानी से होता है? *--- पंचायत या स्थानीय नेता विधवा अधिकारों की रक्षा में किस तरह की भूमिका निभा रहे हैं? *--- बेदखली के मामलों में प्रशासन कितनी जल्दी कार्रवाई करता है? *--- और क्या कानूनी सहायता केंद्र गांवों तक प्रभावी ढंग से पहुँच पा रहे हैं?

आज दिनांक 12.12.2025 को पुलिस लाइन गाज़ीपुर में श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय, गाज़ीपुर द्वारा यूपी 112 की 07 नई गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर जनपद के विभिन्न थानों के लिए रवाना किया गया। यह कदम जनपद में पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया, गश्त क्षमता और सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने सूचित किया है कि वित्त वित्त (सामान्य) अनुभाग-3, उ0प्र0 शासन के अनुपालन में अवगत कराना है कि वित्त विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष 17 दिसम्बर को प्रदेश के प्रत्येक जनपद में पेंशनर दिवस आयोजित किये जाने व पेंशनर्स दिवस को प्रभावकारी एवं सार्थक रूप से आयोजित किये जाने एवं जनपद के समस्त विभागाध्यक्षों/कार्यालयाध्यक्षों तथा जनपद के सभी पेंशनर्स संगठनों के पदाधिकारियों को पेंशनर दिवस में अनिवार्य रूप से बैठक में प्रतिभाग करने का निर्देश दिया गया है

जुलाई 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदिवासी महिलाओं को पैतृक संपत्ती में अधिकार को लेकर एक अहम फैसला देते हुए कहा कि केवल लिंग के आधार पर महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हक से वंचित नहीं किया जा सकता है.

उत्तर प्रदेश राज्य के देवरिया जिला से दिनेश कुमार राय ने बताया कि ये दृष्टिबाधित और बीमार हैं। इनको पेंशन नही मिल रहा है और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इलाज के लिए भी पैसे नही है। सहायता चाहिए

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गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू आलू के फसल में लगने वाला झुलसा रोग का उपचार की जानकारी दे रहे हैं ।

आपदा राहत के दौरान भी महिलाओं की स्थिति चुनौतीपूर्ण रहती है। राहत शिविरों में कई बार अकेली महिलाओं, विधवाओं या महिला-प्रधान परिवारों की जरूरतें प्राथमिकता में नहीं आतीं। तब तक आप हमें बताइए कि , *--- जब किसी महिला के नाम पर घर या खेत होता है, तो परिवार या समाज में उसे देखने का नज़रिया किस तरह से बदलता है? *--- आपके हिसाब से एक गरीब परिवार, जिसके पास ज़मीन तो है पर कागज नहीं, उसे अपनी सुरक्षा के लिए सबसे पहले क्या कदम उठाना चाहिए?"? *--- "सिर्फ 'रहने के लिए छत होना' और उस छत का 'कानूनी मालिक होना'—इन दोनों स्थितियों में आप एक महिला की सुरक्षा और आत्मविश्वास में क्या अंतर देखते हैं?"