हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है।सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

बारिश व जल जमाव के बीच मंडरा रहे डेंगू,मलेरिया समेत अन्य मच्छर जनित रोगों के खतरे से बचाव को लेकर गुरुवार को नगर पंचायत सिकंदरा के कार्यपालक पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार के नेतृत्व में चौक चौराहे पर फागिंग का कार्य शुरू किया गया।दरअसल पिछले दिनों रुक रुक लगातार हुई बारिश के बीच अस्पताल परिसर व प्रखण्ड कार्यालय परिसर के अलावा सरकारी बसडीपो में जलजमाव से फैली गंदगी के साथ मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को लेकर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी ने त्वरित संज्ञान लेकर फागिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया है। ज्ञात हो कि पिछले कुछ दिनों में राज्य में डेंगू ने अपना पांव पसार दिया है।जिले में भी इसके चपेट में कई लोग आ चुके हैं। इसे लेकर राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन काफी एलर्ट मोड में है। कार्यपालक पदाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों में कूलर, टंकी, फ्रीज के नीचे वाली ट्रे, हौदा, गमले आदि को अच्छी तरह से साफ करें तथा सूखने के बाद ही पानी भरें।इसके अतिरिक्त घर पर छत के ऊपर किसी प्रकार के कबाड़, पुराने टायर, मटके को भी साफ कर ढक कर रखें।ताकि किसी भी परिस्थिति में घर के परिसर में जल जमाव नहीं हो। कहा कि जल जमाव के कारण ही मच्छरों के प्रजनन बढ़ता है। बताया कि सभी वार्डों में जल जमाव वाले स्थानों को चिन्हित कर फागिंग करवाया जाएगा।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

जल—भराव वाले क्षेत्र या बाढ़ प्रभावित इलाकों में कौन—कौन सी बीमारियां होने का खतरा होता है? * बीमारी होने के प्रमुख कारण क्या हैं? * किस प्रकार के क्षेत्र बीमारी की चपेट में आ सकते हैं? * बाढ़ के बाद हुई बीमारियों से बचने के घरेलू उपाय क्या हैं? * किस प्रकार की साफ—सफाई रखना चाहिए? * किन चीजों के इस्तेमाल से बचें और कौन सी दवाएं खाएं? इन सारे सवालों का जबाब जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

बेहतर साफ-सफाई और पोषण , नौनिहालों का भविष्य हो रौशन पटना/ 30 जुलाई- राज्य मेंअत्यधिक बारिश के कारण बाढ़ का कहर छाया हुआ है। यह समय अपने साथ मच्छरों की तादाद के साथ दूषित जल और उनके द्वारा होने वाले कई प्रकार की संक्रामक बीमारियाँ भी घर में लाता है. मलेरिया भी उनमें से हीं एक है और इससे सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को होता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों के मुक़ाबले कम होती है। पहले से हीं कोविड के कारण काफी आतंक का माहौल है उपर से बारिश के मौसम ने माताओं की चिंता बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर और बढ़ा दी है। सरकार अपनी तरफ से कोरोना और बाढ़ दोनों से मुस्तैदी से जूझ रहा है साथ हीं हमारे द्वारा बरती गईं सावधानियाँ और जागरूकता हमें और हमारे बच्चों के स्वास्थ्य को ठीक रख सकता है। ऑडियो पर क्लिक कर सुने विस्तृत रिपोर्ट। श्रोताओं 8800984861पर मिस कॉल कर स्वास्थ्य, पोषण कोविड 19 और जिले की हर छोटी बड़ी खबर सुने और 3 नंबर का बटन दबा कर अपनी समस्या या प्रतिक्रिया भी साझा करे। यदि आप समार्टफोन उपयोगकर्ता है! तो मोबाईल वाणी एप्प् प्ले स्टोर से डाउनलोड कर जिले से संबंधित हर छोटी बड़ी खबर को एप्प् पर सुने और लाल वाली माइक बटन दबा कर अपनी समस्या या प्रतिक्रिया भी रिकार्ड करे। धन्यवाद

Transcript Unavailable.

पूरे महीने को मनाया जाएगा मलेरिया जागरुकता माह : डॉ सतीश - सभी प्रखंडों में मलेरिया माह की हुई शुरुआत - मुजफ्फरपुर। 6 जून जून माह को मलेरिया जागरुकता माह के रुप में मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत शनिवार को समाहारणालय, सदर अस्पताल सहित जिले के सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर की गयी। सदर अस्पताल में मलेरिया जागरुकता माह की शुरुआत करते हुए जिला संचारी रोग रोकथाम पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने कहा कि बरसात का मौसम शुरु होने वाला है ऐसे में मलेरिया रोग के बढ़ने की आशंका बनी रहती है। इस लिहाज से पूरे माह को मलेरिया जागरुकता माह के रुप मे मनाने का संकल्प लिया गया है। इसके तरह प्रत्येक पीएचसी/सीएचसी को 2 बैनर तथा 2000 पंपलेट दे दिए गये हैं। वही उनसे कहा गया है कि कोरोना संक्रमण को ध्यान मे रखते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार -प्रसार पर ज्यादा जोर दिया जाए। ओपीडी में आए बुखार के मरीज की होगी जांच डॉ सतीश कुमार ने सभी सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे ओपीडी में आए वैसे मरीज जिन्हें ठंड लगकर बुखार की शिकायत हो उनकी आवश्यक रुप से स्लाइड से मलेरिया की जांच की जाए। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में सभी प्रखंडों में स्लाइड की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। केटीएस को भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ये कालाजार के रोकथाम के साथ मलेरिया के प्रति लोगों को जागरुक करेगें। मलेरिया क्या है यह एक प्रकार का बुखार है जो ठण्ड या सर्दी (कॅंपकपी) लग कर आता है। मलेरिया रोगी का रोजाना या एक दिन छोडकर तेज बुखार आता है। जो मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया का कारण मलेरिया का कारण है मलेरिया परजीवी कीटाणु जो इतने छोटे होते है कि उन्हें सिर्फ माइकोस्कोप ही देखा जा सकता है। ये परजीवी मलेरिया से पीडित व्यक्ति के खून मे पाये जाते है। इनमें मुख्य है - 1. प्लाजमोडियम वाइवैक्स 2. प्लाजमोडियम फैल्सीफेरम मलेरिया केसे फैलता है मलेरिया जीवन चक्र के दो प्रवाह होते है, जिससे यह रोग बहुत तेजी से फैलता हैः- मलेरिया के रोगी को काटने पर असंक्रमित मादा एनोफेलिज मच्छर रोगी के खून के साथ मलेरिया परजीवी को भी चूंस लेते हैं व 12-14 दिनों मे ये मादा एनोफेलिज मच्छर भी संक्रमित होकर मलेरिया फेलाने मे सक्षम होते है तथा जितने भी स्वस्थ्य मनुष्यों को काटते है। उन्हें मलेरिया हो जाता है। इस तरह एक मलेरिया रोगी से यह रोग कई स्वस्थ्य मनुष्य में फैलता है। मलेरिया के लक्षण - अचानक सर्दी लगना (कॅंपकॅंपी लगना ,अधिक से अधिक रजाई कम्बल ओढना)। - फिर गर्मी लगकर तेज बुखार होना। - पसीना आकर बुखार कम होना व कमजोरी महसूस करना।

मच्छर जनित रोगों में डेंगू अति गंभीर रोगों की श्रेणी में आता है. इसलिए डेंगू के प्रति सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने इस मौके पर जिला स्तरीय कर्मचारियों को डेंगू के विषय में जानकारी दी. गर्मी के बाद बारिश के मौसम में डेंगू के मरीजों में बढ़ोतरी होने की संभावना होती है. इसलिए इससे निपटने की कार्य योजना पर भी विस्तार से चर्चा की गयी. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राम कुमार ने बताया कि आम लोगों के बीच सटीक जानकारी नहीं होने के कारण उनके लिए डेंगू शब्द ही खौफ़ का मुद्दा है. यदि इसके विषय में आम लोगों को पूरी जानकारी दी जाए तो लोगों के मन से डेंगू का भय ख़त्म हो सकता है. उन्होंने बताया कि जिले में समय समय पर मच्छर भगाने के लिए दवा का छिडकाव नियमित रूप से कराया जा रहा है और इसके प्रति जागरूकता भी फैलाई जा रही है ।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रुदल पंडित मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि पूर्वी गुगुलडीह पंचायत के पांडेयठेका गांव में सड़क एवं नाले नहीं बनने से वहां के लोगों को काफी परेशानी का सामना पड़ता है खास कर बरसात के दिनों में। जब सड़क में पानी का जमाव होता है तो यह एक बीमारी का कारण बन रहा है। इस समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। इससे लोग मलेरिया के शिकार हो जाते है। ग्रामीणों का कहना है कि इस पर सरकार को ध्यान देने की आवश्यता है।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.