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राज्य भर के आंगनबाड़ी केंद्रों को डिजिटल किया जाएगा। इसके लिए सूबे के एक लाख 12 हजार आंगनबाड़ी सेविकाओं को यूजर आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा। सभी सेविकाओं को ऑनलाइन आवेदन भरने व डेटा संग्रह करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सेविकाएं सभी तरह के आवेदनों को कंप्यूटर पर रखेंगी और डेटा तैयार करेंगी। आंगनबाड़ी केंद्र डिजिटल होने के बाद हर तरह के आवेदन का संग्रह कंप्यूटर पर हो सकेगा। गर्भवती महिलाओं को पोषण समय से मिल सकेगा। पहली या दूसरी बार मां बनने पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ सीधा मिल सकेगा। सेविकाएं खुद लॉग-इन करेंगी और सभी आवेदन को ऑनलाइन अपलोड करेंगी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मास्टर ट्रेनर तैयार किया जाएगा। इसके लिए 26 अप्रैल से नई दिल्ली में प्रशिक्षण होगा। आईसीडीएस के निदेशक कौशल किशोर ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में अभी सारा काम मैनुअल होता था, लेकिन अब सारा काम डिजिटल किया जाएगा। इसके लिए सेविकाओं को यूजर आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा।

आंगनवाड़ी केंद्र पर बच्चों का किया जारहा टीकाकरण बीमारी से मिलेगी छुटकारा कोटवा प्रखंड में कररिया पंचायत के वार्ड नंबर 10 पर पीएचसी के द्वारा प्रथमिक स्वाथ्य केंद्र के निर्देश में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 20 पर 0 से 5 वर्ष के बच्चों का टिकाकरण किया जारहा है, वार्ड नंबर 10 पर नियमित टिकाकरण के तहद 13 बच्चों एवं 3 गर्भवती महिलाओं को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए टिके दिए गए ,बच्चो में होने वाले विभिन्न प्रकार के बीमारियों मे खसरा,जापानी इंसेफ्लाइटिस, क्षयरोग,निमोनिया,डिप्थीरिया,टिटनेस ,चमकी बुखार सहित कई बीमारिया है ,जिनके बचाव के लिए टिके दिए जारहे है , आशा कर्मी के सहयोग से एएनएम प्रेम लाता द्वारा टीकाकरण किया जा रहा है ,नियमित टिकाकरण में गर्भवती महिलाओं को कई बीमारियों से बचाव के लिये टिके दिए तथा गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोलिया दी गई ।चिकित्सा प्रभारी डॉ गौरव कुमार ने बताया कि नियमित टिकाकरण प्रखंड के सभी पंचायतों में चलाई जा रही है ।

मेरी भी आवाज़ सुनो कार्यक्रम के अंतर्गत बालिका समृद्धि योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। बालिका समृद्धि योजना का उद्देश्य लड़कियों के जीवन स्तर में सुधार लाना है...

मोतिहारी डीएम की अध्यक्षता में सदर अस्पताल सभागार में, जेई/ एईएस पर नियंत्रण को लेकर शुक्रवार को जिला टास्क फोर्स की बैठक की गई। डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि जिले भर में एईएस/जेई पर पूर्ण नियंत्रण के लिए संबंधित विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर गंभीरता पूर्वक कार्य करना सुनिश्चित करें। आगनबाड़ी केंद्र, शिक्षा, परिवहन, जीविका, पंचायती राज विभाग,आपूर्ति विभाग, निजी संस्थान प्रचार-प्रसार कर लोगों में जागरूकता फैलाएंद्ध प्रभावित मरीज को चिन्हित कर समुचित उपचार करना सुनिश्चित करें। पीपीटी से चर्चा के क्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कई निर्देश दिए गए। कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले में एईएस/जेई का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव केलिए स्वास्थ्य विभाग व प्रभावित प्रखंडों के प्रभारी, चिकित्सा पदाधिकारियों व आशा, आईसीडीएस, जीविका के साथ ही अन्य विभागों को एलर्ट मोड में रहें। ताकि एईएस /जेई के प्रभाव से बच्चों को सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि एईएस/ जेई से ग्रसित बच्चों को अस्पतालों में 24 घण्टे इमरजेंसी इलाज की सुविधा उपलब्ध कराएं। व्यापक पैमाने पर प्रचार प्रसार कराना सुनिश्चित करें।

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बिहार राज्य के सिवान जिला के दरौदा प्रखंड क्षेत्र में चल रहे फलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है तथा स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डोर टू डोर जाकर दवा भी खिलाई जा रही है वहीं प्रखंड क्षेत्र में चल रहे फलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जहां लोगों को जागरुक करते हुए बताया जाता है कि फैलेरिया से बचने को लेकर क्या-क्या करना चाहिए तथा फलेरिया की दवा अवश्य मिले वहीं फलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डोर टू डोर जाकर भी खिलाया जा रहा है

बिहार राज्य के सुगौली में फायलेरिया रोको अभियान के तहत 15 फरवरी तक 90 हजार लोगों को खिलायी जा चुकी है दवा।

फेनहारा प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अनारा में मंगलवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर नवीन कुमार ने स्वास्थ्य कर्मी और प्रखंड के एएनएम के साथ बैठक किया बैठक में प्रखंड में चल रहे कोई ने टीकाकरण पल्स पोलियो फाइलेरिया नियमित टीकाकरण सहित अन्य कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी लिया साथ ही मौजूद सभी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए वहीं मौके पर नवल किशोर प्रसाद डॉक्टर पांडे सुशांत बीएचएम मोहम्मद इफ्तेखार मोहम्मद फारुख अशरफ सहित अन्य मौजूद

बिहार राज्य के सिवान जिला से सुधीर पांडे मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि सिवान जिला के दरौदा प्रखंड क्षेत्र में चल रहे फेलरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत डोर टू डोर जाकर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दवा दी जा रही है इस संबंध में बताया गया कि फेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को यह दावा नहीं दी जाएगी बल्कि इन्हें छोड़कर सभी उम्र के लोगों को उनके अनुसार दवा दी जाएगी