बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार सिंह जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि भाई-बहन का प्यारा त्योहार यानि रक्षाबंधन इस माह के 26 तारीख को पड़ रहा है।यह त्यौहार सुरक्षा का वचन लेकर आता है। एक ओर जहां बहन अपने भाई को प्यार और विश्वास से राखी बांधती है वहीं, भाई अपनी बहन को सारी उम्र सुरक्षा का वचन देता है। इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार 26 अगस्त यानि रविवार को मनाया जायेगा।
बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि भारत कृषि प्रधान देश है और सत्तर प्रतिशत लोग कृषि पर ही निर्भर है। सरकार कृषि के लिए दिन प्रति दिन नए-नए तकनीक का घोषणा कर रही है,फिर भी किसान अपने कार्य में सफल नहीं हो रहे है। अगर सरकार चाहती है कि किसान की आय दुगनी हो और किसान आत्मनिर्भर बने,तो सरकार को सबसे पहले सिंचाई की समुचित व्यवस्था करनी होगी। किसान भाइयों का कहना है कि सिचाईं के आभाव में खेती करना संभव नहीं है।
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से भीम राज मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि आज के समय में हर जगह इलाज में सबसे ज़्यादा खर्च होता है,वैसे देखा जाये, तो चिकित्सा उतनी महँगी नहीं है,जितनी बना दी गयी है। हर स्तर पर कमीशनखोरी एवं भ्रष्टाचार का बोलबाला है। ज़्यादा कमीशन के लालच में डॉक्टर हज़ारों रु में पुरे जांच लिख देते है,जिसकी कोई ज़रूरत भी नहीं होती है। ऐसा सारे डॉक्टर नहीं करते है। आज देश में अगर कुछ ज़रूरत है,तो सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था के भ्रष्टाचार को ख़त्म करने की,इससे देश की तस्वीर काफी सुधर सकती है।
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से भीम राज मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि देश की चिकित्सा व्यवस्था डराने वाली है। कुछ खास अस्पतालों को छोड़कर बाकी सभी अस्पतालों में स्थिति भयावह है। इनमें न तो उचित व्यवस्था है और न मरीजों को देखने के लिए पर्याप्त डॉक्टर। आज गरीब मजबूरी में ही सरकारी अस्पतालों में जाता है, जबकि निजी अस्पतालों के इतने नखरे हैं कि वहां अमीरों के भी पसीने छूट जाते हैं। गरीबों की इस पीड़ा पर भाजपा सरकार ने मरहम लगाने का प्रयास किया है और देश के दस करोड़ परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा देने की योजना बनाई है। इस योजना के लाभार्थी अपनी बीमारी का इलाज देश के किसी भी अस्पताल में करा सकेंगे, जो अभी विशेषकर गरीबों के लिए सपने की तरह है। हालांकि इस योजना को टीयर-2 और टीयर-3 वर्ग वाले नगरों व गांवों में संजीदगी से लागू करना होगा, क्योंकि अधिकतम योजनाएं यहां आते-आते कमजोर हो जाती हैं। फिर डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने पर भी सरकार को गंभीरता से काम करना होगा। डॉक्टरों की पर्याप्त संख्या अस्पतालों में लगने वाली लंबी-लंबी लाइनें छोटी कर देंगी।
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बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि अप्रैल माह से आरम्भ हुए बेमौसम बारिश ने किसानो को रोने पर मजबूर कर दिया है। पहले गेंहू व चना के फसलों को नुकसान पहुँचाया फिर आंधी तूफान एवं बारिश ने आम और प्याज को नुकसान पहुँचाया। जिसके कारण किसान भाई रोने पर मजबूर हो गए। किसानो का फसल पर ही अपने परिवार का भरण-पोषण निर्भर करता है।अब किसानो के समक्ष करो या मरो की स्थिति उतन्न हो गयी है।
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि रतनपुर पचांयत के स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण कुछ समय पहले ही करवाया गया था। आज के समय में वो स्वास्थ्य उपकेंद्र खुद अस्वस्थ हो गया है। कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल कर रहे है। जिससे ग्रामीणों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही साथ लोगो को स्वास्थ्य योजना की जानकारी भी नहीं मिल पा रही है। स्वास्थ्य उपकेंद्र अपनी बर्बादी पर खुद आंसू बहा रही है।
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से डब्लू पंडित जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि गिदौर प्रखंड के सभी पंचायतों में प्रधानमंत्री राष्ट्रिय स्वास्थ्य सुरक्षा बिमा योजना का लाभ जन-जन तक पहुँचाने के लिए आशा कार्यकर्त्ता सभी के घर-घर जाकर सर्वे कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 अप्रिल को सभी पंचायतों में ग्राम सभा आयोजित कर आयुष्मान भारत दिवस मनाया गया। इस योजना के तहत लाभुकों के परिवार वालों को 5 लाख रु तक के चिकित्सा बिमा का लाभ देने का प्रावधान है।इसलिए जिनका जिनका सर्वे अभीतक नहीं हुआ है,वे जाकर आशा दीदी से मिले और इस योजना का लाभ उठाये।
बिहार राज्य के जमुई जिला गिद्धौर प्रखंड से भीम राज मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं कि जिस तरह से जलवायु परिवर्तन हो रही है,उससे कृषि पैदावार के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि भी प्रभावित हो रही है।इस परिस्थिति को देखने के बाद हमारा संभल जाना जरुरी है।अब भी अगर हम नहीं संभले तो हमे आने वाले समय में भयंकर विनाश के लिए तैयार रहना होगा।अगर समय रहते प्रकृति का दोहन बंद नहीं हुआ तो आने वाले समय में हमारी मुलभुत जरूरत की चींजे भी हमारी पहुँच से दूर होगी।हम तात्कालिक विकास की ओर इस तरह से भाग रहे हैं।यह विकास संपूर्ण विकास नहीं है,हमें अपने भविष्य के लिए इस ओर गंभीरता से मिल कर विचार-विमर्श की जरुरत है।वर्तमान में सम्पूर्ण विकास की जगह केवल औद्योगीक विकास हो रहा है।हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए।तब ही यह संपूर्ण विकास का सपना साकार हो पायेगा