बिहार राज्य के जिला मुंगेर से मुंगेर जिले में परिवार नियोजन के प्रति लोगों में काफी जागरूकता आई है। नवदम्पतियों सहित जिले के सभी लोगों में परिवार नियोजन के लिए स्थाई और अस्थाई साधनों के इस्तेमाल के प्रति काफी उत्सुकता देखी जा रही है। काफी संख्या में लोग परिवार नियोजन के लिए दोनों साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यही कारण है कि एनएफएचएस 5 के आंकड़ों के अनुसार जिले की टोटल फर्टीलिटी रेट 3.4 से घटकर 3.0 पर आ गयी है। टोटल फर्टिलिटी रेट को 3.0 से घटाकर 2.0 पर लाने के लिए 14 जनवरी से 31 मार्च तक जिले भर में मिशन परिवार विकास एवं संचार अभियान जोर-शोर से चल रहा है। लोगों में परिवार नियोजन के प्रति काफी जागरूकता देखी जा रही है- केयर इंडिया की फैमिली प्लांनिग को - ऑर्डिनेटर तस्नीम रजि ने बताया कि जिले के लोगों में परिवार नियोजन के प्रति काफी जागरूकता देखी जा रही है। इसका प्रमाण है कि सदर अस्पताल सहित जिले के सभी पीएचसी में परिवार नियोजन के लिए ऑपरेशन करवाने के लिए काफी संख्या में महिला और पुरुष पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावे जिले में परिवार नियोजन के लिए अन्य स्थाई और अस्थाई साधनों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में भी काफी सुधार हुआ है। इसका खुलासा राष्ट्रीय परिवार सर्वे 5 2019- 2020 के आंकड़ों के अनुसार हुआ है।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहे है कि जिले के सदर प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मंगलवार देशव्यापी "टीबी हारेगा, देश जीतेगा " अभियान के प्रचार- प्रसार के लिए पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुशील कुमार की अध्यक्षता में रोगी सहायता समूह की बैठक (पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग) आयोजित की गई। ग्रुप मीटिंग में सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी वीणा मिश्रा, केयर इंडिया से डीटीएल केयर डॉ. अजय आर्य, केयर इंडिया के ब्लॉक मैनेजर संजीव कुमार, ब्लॉक हेल्थ मैनजर रवि कुमार, ब्लॉक अकॉन्ट्स मैनजर कमलेश कुमार, ब्लॉक कम्युनिटी मोबेलाइज़र अंकेश रंजन सहित प्रखंड स्तर के कई अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे। मालूम हो कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) की सफलता के लिए देश भर में 'टीबी हारेगा, देश जीतेगा' चलाया जा रहा है।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है लेकिन अब यह लाइलाज नहीं है। इससे बचाव के लिए पूरी सतर्कता और सावधानी बेहद जरूरी है। इसके साथ ही सही समय पर यानी शुरुआती दौर में ही लक्षण दिखने के बाद इसकी सही जांच और समुचित इलाज कराना भी जरूरी है। प्रारम्भिक दिनों में ही इस बीमारी का सही इलाज शुरू कराने से बीमारी से स्थाई निजात तो मिलती ही है| साथ ही आप आसानी से इस बीमारी को मात भी दे सकते हैं। इसके लिए टीबी की शुरुआती लक्षण दिखते ही तत्काल जाँच कराने के साथ ही चिकित्सकीय परामर्श का पालन करना भी जरूरी है। रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के बाद तत्काल चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार अपना इलाज कराएं। इस दौरान इस बात का भी विशेष ख्याल रखें कि बीमारी के ठीक होने तक दवाई का क्रम छूटने न पाए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से अबोध कुमार ठाकुर मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि एक्सीडेंट होने पर रद्द होगी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन और ड्राइवर का लाइसेंस। इस वक्त परिवहन विभाग से जुड़ी हुई एक ताजा खबर सामने आ रही है. बिहार सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है. सरकार ने यह फैसला किया है कि अगर सड़क पर किसी गाड़ी का एक्सीडेंट होता है तो दोषी वाहनों का रजिस्ट्रेशन और साथ ही साथ चालक लाइसेंस, दोनों रद्द कर दिया जायेगा. बिहार के परिवहन सचिव ने सख्त कार्रवाई का निर्देश सभी जिलों के डीटीओ को दिया है.बुधवार को बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया कि सड़क दुर्घटना में दोषी वाहनों का रजिस्ट्रेशन और चालकों का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में परिवहन सचिव ने सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया है.राज्य में हाल के दिनों में हुई सड़क दुर्घटनाओं और दुर्घटना के फलस्वरुप मृत्यु पर परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बुधवार को सभी जिला परिवहन पदाधिकारी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की

मैटरनल मोर्टेलिटी रेट (एमएमआर) को समाप्त करने में वंडर एप कारगर - सुरक्षित संस्थागत प्रसव और सुरक्षित मातृत्व के लिए वंडर एप के जरिये की जाती है निगरानी - मातृ - शिशु मृत्यु दर को समाप्त करने के उद्देश्य से रविवार को मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने किया था वंडर एप को लॉन्च मुंगेर , 23 फरवरी | सुरक्षित संस्थागत प्रसव के दौरान मातृ - मृत्यु दर , मैटरनल मोर्टेलिटी रेट ( एमएमआर) को समाप्त करने उद्देश्य से रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने " वंडर " एप को लॉन्च किया। मालूम हो कि जून 2019 में यह एप सबसे पहले बिहार के दरभंगा जिले में लॉन्च हुआ था। उस समय दरभंगा जिले में कुल 6500 रोगियों में से गम्भीर बीमारियों से पीड़ित साढ़े 4 प्रतिशत रोगियों की पहचान (आइडेंटिफाइड) की गयी थी । इन रोगियों को बेहतर इलाज के लिए 108 ट्रांसपोर्ट सिस्टम के जरिये दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया था। उसके बाद राज्य सरकार ने एमएमआर को समाप्त करने के उद्देश्य से पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया था। गर्भवती महिला का सारा डिटेल्स जैसे विभिन्न जांच रिपोर्ट "वंडर एप्प " में सेव कर दिया जाता- केयर इंडिया की डीटीओएफ डॉ. नीलू ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा सुरक्षित संस्थागत प्रसव के दौरान मातृ - शिशु मृत्यु दर या मैटरनल मोर्टेलिटी रेट ( एमएमआर) को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी प्रयास के तहत गर्भ धारण करने के साथ ही गर्भवती महिला का सारा डिटेल्स जैसे विभिन्न जांच रिपोर्ट "वंडर एप " में सेव कर दिया जाता है। इसके बाद उसके जांच रिपोर्ट में किसी प्रकार की कमी मिलने के बाद यह एप एक अलार्म जेनरेट करता है। यह अलार्म स्वास्थ्य कर्मियों को कमी को दूर करने के लिए आवश्यक दवाओं के बारे में भी मदद करता है। स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. नर्मदा कुपूस्वामी ने किया "वंडर एप " को विकसित : उन्होंने बताया कि स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ (गायन्कोलॉजिस्ट ओबेस्टरेसियन) डा. नर्मदा कुपूस्वामी ने "वंडर एप " को विकसित किया है। वो लगातार चार दशक तक प्रैक्टिस करने के बाद अभी अमेरिका के शिकागो शहर में रह रही हैं। बताया कि नर्मदा कुपूस्वामी ने एक मोबाइल प्लेटफॉर्म विकसित किया जिसे उन्होंने वुमनस ऑब्स्ट्रीकल न्यूनेटल डेथ एवोल्यूशन एंड रिडक्शन ( डब्लू.ओ. एन. डी. ई. आर. वंडर) नाम दिया जो मैटर्नल मोर्टिलिटी रेट ( एमएमआर) को समाप्त करने में मदद करता है। " वंडर " एप के माध्यम से कैसे कम होता है मैटर्नल मोर्टिलिटी रेट ( एमएमआर) ? डॉ. नीलू ने बताया कि वंडर एप एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो निम्न और मध्यम स्तर पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को अंटेनेटल केयर के प्रति आत्म विश्वास पैदा करता है। ये सभी स्वास्थ्य कर्मी गर्भवती महिला के पंजीयन करने के साथ ही पूरे गर्भावस्था के दौरान एक निश्चित अंतराल पर निगरानी करती हैं । इसके साथ ही गर्भवती महिला का हिस्ट्री, लैब रिपोर्ट के साथ ही वाइटल साइन जैसे ब्लड प्रेशर, पल्स रेट ,ऑक्सीजन लेवल, टेम्परेचर को एप के माध्यम से निगरानी की जाती है। इसके बाद किसी तरह की प्रतिकूल स्थिति पैदा होने पर यह एप प्रतिकूलता की पहचान करने के लिए एक मैकेनिज़्म और अल्गोरिथम का निर्माण करता है। यह एप स्वास्थ्य कर्मियों को मरीज के हाई रिस्क होने पर उच्य स्तर के डॉक्टर से सम्पर्क करने के लिए अलर्ट जारी करता है।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि मुंगेर , 22 फरवरी| जिले के तीन प्रखंडों सदर प्रखंड, जमालपुर और बरियारपुर प्रखंड के 21, 13 और 11 स्वास्थ्य उप केंद्रों पर सोमवार से ई. संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत की गई। इस सेवा के माध्यम से प्रखंड क्षेत्र के उप स्वास्थ्य केंद्र पर एएनएम 4 जी सेवा से युक्त अनमोल टैब पर मरीज का नाम, पता और उसकी परेशानी रजिस्टर्ड करने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टेलीमेडिसिन हब से जुड़े डॉक्टर से ऑनलाइन चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त कर रही हैं | साथ ही बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टर की प्रिस्क्रीप्शन की सॉफ्ट कॉपी या पीओएस( पॉइंट ऑफ सेल) प्रिंटर मौजूद रहने पर हार्ड कॉपी भी मरीज को उपलब्ध करवाती हैं । मालूम हो कि रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ई. संजीवनी टेलीमेडिसिन सर्विस सहित अश्विन वेब पोर्टल, वंडर एप्प सहित कई सेवाओं की ऑनलाइन शुरुआत की थी। इसके साथ ही राज्य के 1700 स्वास्थ्य केंद्रों पर ई. संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा शुरू करने के साथ ही ओपीडी सेवा के साथ ई. प्रिस्क्रीप्शन की प्रिन्टिंग करने की भी व्यवस्था की गई है ।

निक्षय पोषण योजना से टीबी मरीजों को पोषक आहार के लिए मिलती है 500 रुपये प्रति माह की आर्थिक प्रोत्साहन राशि डायरेक्ट बेनिफिसरी ट्रांसफर ( डीबीटी) का लाभ लेने के लिए टीबी का इलाज करवा रहे मरीजों को "निक्षय पोषण " नामक वेबपोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद जारी करवाना पड़ता है नोटिफिकेशन . इस योजना के तहत टीबी मरीज के साथ- साथ प्राइवेट डॉक्टर और ट्रीटमेंट सपोर्टर को भी मिलती है आर्थिक प्रोत्साहन राशि मुंगेर, 20 फरवरी| केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना " निक्षय पोषण योजना " के तहत टीबी मरीजों को पोषक आहार के लिए 500 रुपये प्रति माह की दर से इलाज शुरू होने के छह महीने तक आर्थिक प्रोत्साहन राशि दी जाती है। डायरेक्ट बेनिफिसरी ट्रांसफ़र (डीबीटी) स्कीम के तहत यह आर्थिक सहायता राशि दी जाती है | इसके लिए टीबी मरीजों को सबसे पहले जहां वो टीबी का इलाज करवा रहे हैं उस प्राइवेट डॉक्टर या अपने नजदीकी टीबी पर्यवेक्षक से मिलकर अपना सारा डिटेल्स (अकाउंट्स) " निक्षय पोषण" वेब पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद नोटिफिकेशन जारी करवा लेना आवश्यक है।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहे है कि बरियारपुर प्रखंड के खड़िया गांव में स्वास्थ्यकर्मी और आईसीडीसी कर्मियों ने जागरूकता रैली निकाली। और घर- घर जाकर लोगों को जागरूक किया। मुंगेर, 17 फरवरी | राज्य सरकार के द्वारा जनवरी से 31 मार्च 2021 तक परिवार नियोजन के महत्व और जरूरत के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से राज्य भर में मिशन परिवार विकास एवं संचार अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के साथ केयर इंडिया के द्वारा राज्य भर में ई. रिक्शा के माध्यम से आरोग्य दिवस के दिन प्रत्येक सप्ताह बुधवार और शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्र के समीप माइकिंग के जरिये लोगों को परिवार नियोजन के महत्व और जरूरत के साथ ही परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। है।

हर वर्ग के लिए फिट हो आम बजट.आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में 2021 वर्ष का केंद्रीय बजट पेश करेंगे इस बजट को लेकर जब मोबाइल वाणी मुंगेर की आवाज के रिपोर्टर आम लोगों से इनकी राय लेने को गए तो लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई लोगों ने बताया कि इस बजट में किस वस्तु की कीमत कम हो एवं किस वस्तु के दाम बढ़ेंगे इसको लेकर अभी से ही चर्चा होनी चाहिए आम उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत ना बढ़े इस पर ध्यान देने की जरूरत है खासकर रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमत में कमी की जाए ग्रहणी ओ का कहना है कि लगातार बढ़ रही महंगाई से मुश्किल हो गया है आम बजट ऐसा हो जिससे घरेलू बजट पर असर नहीं पड़े इस बजट में जीवन रक्षक दवाओं की कीमत भी कम हो कुछ लोगों ने यह भी बताया कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में वृद्धि नहीं होनी चाहिए ऐसी व्यवस्था हो क्योंकि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत बढ़ने से वक्ता वस्तुओं की भी कीमत बढ़ जाती है विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक कर पूरी खबर को सुने और बने रहे मोबाइल वाणी के साथ आपका अपना सामुदायिक मीडिया चैनल सबसे आगे सबसे पहले हर पल पल की खबर सुनते रहे 092787 01369 पर मिस कॉल कर जिले का हर छोटी बड़ी खबर को सुनें और तीन नंबर का बटन दबाकर इस बजट को लेकर अपनी राय प्रतिक्रिया रिकॉर्ड करें धन्यवाद

अस्थमा, मधुमेह व ब्लडप्रेशर जैसे रोगों से करें बचाव शारीरिक गतिविधियों और आहार के प्रति रखें ध्यान ठंड बढ्ने के साथ–साथ हमारे परिवार के बुजुर्गों में स्वास्थ्य संबन्धित समस्या बढ्ने लगती हैं। विशेष रूप से 60 वर्ष से ऊपर के लोगों में सर्दी-जुकाम या अस्थमा और दूसरे श्वसन संबन्धित रोगों के बढ्ने से उनके लिए काफी मुश्किलें बढ़ जाती हैं। यही नहीं कोरोना संक्रमण की संभावनाएं तो बनी ही हुई हैं। लिहाजा इस दौरान बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर विशेष निगरानी रखें ताकि उनको इन असुविधाओं से बचकर सामान्य जीवन जीने में मदद मिल सके। ऑडियो पर क्लिक कर सुने विस्तार से।