महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सभी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार ने नई पहल की है । इसके तहत अब महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं को तीन वृहद परियोजनाओं में समाहित कर संचालित किया जाएगा, जिसमें मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति शामिल होंगे ।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
राज्य में 121.25 करोड़ रूपये की लागत से नये कृषि भवन को तैयार किया गया है. राजधानी पटना के मीठापुर में अवस्थित इस भवन में कृषि विभाग के सारे कार्यालय होंगे. नया कृषि भवन 23.80 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि भवन का उद्धघाटन किया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
किसान भाईयो के लिए केला फसल के सिगाटोका रोग के रोकथाम के लिए सुझाव।ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी खबर को।
पोषण माह: अब घर बैठे करें मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
‘मोरल बूस्टिंग थेरेपी' से ठीक हो रहे कोरोना के मरीज • सकारात्मक भावों से विकसित होती है एंटी बॉडी • मल्टिपल डिजीज वाले कोरोना संक्रमित हो रहे ठीक सीतामढ़ी। 17 जून: दुनिया अभी कोरोना की दवा बनाने में जुटी है, लेकिन अपने गांव-कस्बे के डॉक्टर दो कदम आगे बढ़ चुके हैं। हौसला बढ़ाकर गंभीर रोगों से पीड़ित कोरोना के मरीजों को ठीक कर रहे हैं। सीतामढ़ी कोविड केयर सेंटर के इंचार्ज डॉ एसपी झा और उनकी टीम के प्रयासों से यह मुमकिन हो रहा है। सकारात्मक भावों से विकसित होता है एंटी बॉडी : डॉ. एसपी झा का कहना है कि केवल मरीजों के साथ अपनापन का भाव प्रकट कर दीजिए, उनकी आधी बीमारी दूर हो जाती है। ऐसा व्यवहार कोरोना के मरीजों के लिए रामबाण औषधि का काम करता है। उन्होंने अपने प्रयासों से ऐसा साबित कर दिखाया है। मल्टीपल डिजीज से पीड़ित कोरोना के मरीज उनके सेंटर से ठीक होकर घर लौटे हैं। केस-1: परिहार से एक 46 वर्ष का कोरोना संक्रमित व्यक्ति सीतामढ़ी कोविड केयर सेंटर पर भर्ती कराया गया। वह डायबिटीज का बहुत पुराना मरीज था। ब्लड प्रेशर भी था। स्थिति गंभीर थी। डॉ एसपी झा ने बताया कि हमने मरीज का इलाज और उसकी देखभाल तत्परता से की। मरीज को बताया कि आपके मुहल्ले के कई लोग हमारे अच्छे दोस्त हैं। आप घबराइए नहीं, हम जल्द आपको ठीक कर के घर भेजेंगे। मरीज की स्थिति में धीरे- धीरे सुधार होने लगा। 18 दिनों की मेहनत के बाद वह पूरी तरह ठीक हो गया। केस- 2: सीतामढ़ी की एक कोरोना संक्रमित महिला की कोख में एक नन्ही जान पल रही थी। खतरा दोगुना था। चिन्ता और तनाव से बच्चे की सेहत पर असर पड़ता। डॉ. एसपी झा ने महिला का हौसला बढ़ाया। इसमें डॉ पूनम और डॉ. निकेता का बेहतर सहयोग मिला। उनकी टीम ने मरीज की देखभाल शुरू की। अपनत्व का भाव इलाज में बड़ा फैक्टर बनकर उभरा। अपेक्षा से अधिक बेहतर परिणाम मिले। महिला स्वस्थ होकर घर जा चुकी है। ये सिर्फ बानगी भर हैं। डॉ एसपी झा के अनुसार कोरोना को मात देने में समाज भी सकारात्मकता संजीवनी बन सकती है। सोशल डिस्टेंसिंग ज़रूर रखें, लेकिन दिल में दूरी न बनने दें।
टिड्डी से कैसे करे वचाव ,सुनिये कृषि विभाग के पौधा सरक्षंण विभाग के अधिकारी सारण से अरविंद कुमार सिंह से
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय सूबे में शराबबंदी अभियान की समीक्षा, अपराध नियंत्रण व साम्प्रदायिक सदभाव के विषय को ले कर बिहार की यात्रा पर निकलेंगे,जिसकी शुरुआत वह सीमांचल क्षेत्र से करेंगे।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
देश के पहले पीकू अस्पताल का गौरव मुजफ्फरपुर के हाथ :- एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम एवं जापानी इंसेफलाइटिस से पिड़ीत रोगियों के लिए जिले में बने देश के पहले सौ बेड के शिशु गहन चिकित्सा अस्पताल सह अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन शनिवार को वीडियो क्राफ्रेसिंग के माध्यम से किया। पीकू अस्पताल का निर्माण लागत 72 करोड़ रुपये है।वही इंसेफेलाइटिस वार्ड पर 2.96 करोड़ रूपये तथा मातृ- शिशु अस्पताल(सदर अस्पताल परिसर) की लागत 13. 42 करोड़ रूपये है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी को संबोधित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि निर्धारित समय सीमा के अंदर पीकू भवन का निर्माण सरकार के दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प को जाहिर करता है। उन्होंने कहा कि लोगों ने काम का अवसर दिया तो लोगों की सेवा करना हमारा धर्म है। उन्होंने इसके लिए जनप्रतिनिधियों, स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ,चिकित्सक गणों, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को धन्यवाद दिया। पीकू भवन पूर्णत: वातानुकुलित है। पीकू के सभी बेड पर पाइपलाइन के माध्यम से ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। साथ ही प्रत्येक बेड पर कैमरे लगे हैं हैं जिससे मरीज के परिजनों बाहर से ही अपने मरीज को देख सकते हैं, अधिक जानकारी के लिए ऑडियो क्लिक करें, अगर आप साधारण मोबाइल उपभोगता है तो हमारे टॉल फ्री नंबर 9211791369 पर कॉल करके सुन सकते हैं, अगर आप स्मार्ट फ़ोन उपभोगता हैं तो "गूगल प्ले स्टोर" से "मोबाइल वाणी ऐप" डाउनलोड करें।
पूरे महीने को मनाया जाएगा मलेरिया जागरुकता माह : डॉ सतीश - सभी प्रखंडों में मलेरिया माह की हुई शुरुआत - मुजफ्फरपुर। 6 जून जून माह को मलेरिया जागरुकता माह के रुप में मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत शनिवार को समाहारणालय, सदर अस्पताल सहित जिले के सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर की गयी। सदर अस्पताल में मलेरिया जागरुकता माह की शुरुआत करते हुए जिला संचारी रोग रोकथाम पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने कहा कि बरसात का मौसम शुरु होने वाला है ऐसे में मलेरिया रोग के बढ़ने की आशंका बनी रहती है। इस लिहाज से पूरे माह को मलेरिया जागरुकता माह के रुप मे मनाने का संकल्प लिया गया है। इसके तरह प्रत्येक पीएचसी/सीएचसी को 2 बैनर तथा 2000 पंपलेट दे दिए गये हैं। वही उनसे कहा गया है कि कोरोना संक्रमण को ध्यान मे रखते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार -प्रसार पर ज्यादा जोर दिया जाए। ओपीडी में आए बुखार के मरीज की होगी जांच डॉ सतीश कुमार ने सभी सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे ओपीडी में आए वैसे मरीज जिन्हें ठंड लगकर बुखार की शिकायत हो उनकी आवश्यक रुप से स्लाइड से मलेरिया की जांच की जाए। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में सभी प्रखंडों में स्लाइड की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। केटीएस को भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ये कालाजार के रोकथाम के साथ मलेरिया के प्रति लोगों को जागरुक करेगें। मलेरिया क्या है यह एक प्रकार का बुखार है जो ठण्ड या सर्दी (कॅंपकपी) लग कर आता है। मलेरिया रोगी का रोजाना या एक दिन छोडकर तेज बुखार आता है। जो मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया का कारण मलेरिया का कारण है मलेरिया परजीवी कीटाणु जो इतने छोटे होते है कि उन्हें सिर्फ माइकोस्कोप ही देखा जा सकता है। ये परजीवी मलेरिया से पीडित व्यक्ति के खून मे पाये जाते है। इनमें मुख्य है - 1. प्लाजमोडियम वाइवैक्स 2. प्लाजमोडियम फैल्सीफेरम मलेरिया केसे फैलता है मलेरिया जीवन चक्र के दो प्रवाह होते है, जिससे यह रोग बहुत तेजी से फैलता हैः- मलेरिया के रोगी को काटने पर असंक्रमित मादा एनोफेलिज मच्छर रोगी के खून के साथ मलेरिया परजीवी को भी चूंस लेते हैं व 12-14 दिनों मे ये मादा एनोफेलिज मच्छर भी संक्रमित होकर मलेरिया फेलाने मे सक्षम होते है तथा जितने भी स्वस्थ्य मनुष्यों को काटते है। उन्हें मलेरिया हो जाता है। इस तरह एक मलेरिया रोगी से यह रोग कई स्वस्थ्य मनुष्य में फैलता है। मलेरिया के लक्षण - अचानक सर्दी लगना (कॅंपकॅंपी लगना ,अधिक से अधिक रजाई कम्बल ओढना)। - फिर गर्मी लगकर तेज बुखार होना। - पसीना आकर बुखार कम होना व कमजोरी महसूस करना।
कोरोना के खिलाफ जागरुकता रथ को सिविल सर्जन ने दिखाई हरी झंडी -इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट फाउंडेशन और प्लान इंटरनेशनल की पहल - कोरोना संक्रमण के बारे में लोगों को करेगा जागरुक वैशाली। 29 मई कोरोना के रोकथाम व जागरुकता फैलाने के उद्येश्य से सदर अस्पताल से शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ इंद्रदेव रंजन ने प्रचार रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। यह प्रचार रथ एक सप्ताह तक राजापाकर प्रखंड में जाकर कोरोना के प्रति लेागों को जागरुक करेगा। इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट फाउंडेशन और प्लान इंटरनेशनल के इस पहल पर सिविल सर्जन ने संस्था को बधाई दी। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ इंद्रदेव रंजन ने रथ को झंडी दिखाते हुए लोगों से अपील भी की। उन्होंने कहा कि खुद को सुरक्षित रखें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें। इसके लिए हम सभी को बाहर निकलते वक्त या खांसते या छींकते वक्त मास्क पहनना अनिवार्य है। बाहर से जब भी आएं 20 सेकेंड तक अपने हाथ को जरुर धोएं। घर में जूतों का प्रवेश वर्जित करें। कोविड 19 के लक्षणों में सूखी खांसी, सर्दी, सांस लेने मे तकलीफ है। अगर इस तरह की कोई दिक्कत हो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर अपनी जांच जरुर कराएं। वहीं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ज्ञान शंकर ने कहा कि हमें जागरुक रहने की जरुरत है। अफवाहों पर ध्यान न दें। रथ रवाना करते हुए जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ शिव कुमार रावत ने कहा कि हम सब साथ मिल कर ही कोरोना से विजय पा सकते हैं। बशर्ते कि ससमय अपनी जांच कराएं तथा अस्पताल के द्वारा निर्देशित नियमों का पालन करें। जिला मलेरिया पदाधिकारी ने आईडीएफ के जिला समन्वयक राजन गौतम को इस प्रयत्न के लिए धन्यवाद दिया। मौके पर सिविल सर्जन डॉ इंद्रदेव रंजन, एसीएमओ डॉ ज्ञान शंकर, सीडीओ डॉ शिव कुमार रावत, मेडिकल ऑफिसर डॉ विजय कुमार, मनोज कुमार, अभिनव कुमार सहित अन्य शामिल थे।