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बिहार राज्य के सरन जिले से सोनी सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहती है कि,सितंबर माह को जिले में राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में आईसीडीएस विभाग के द्वारा मनाया जा रहा है। इस दौरान समाज से कुपोषण को मिटाने के लिए समुदाय स्तर पर तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ-साथ पोषण के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आम जनों को जागरूक भी किया जा रहा है। जागरूकता रथ व ऑडियो-वीडियो, सोशल मीडिया के माध्यम से आईसीडीएस के द्वारा पोषण पर जागरूकता फैलाया जा रही है। इसी कड़ी में पोषण के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कम्युनिटी रेडियो का साथ भी मिल रहा है। शहर का एकमात्र रेडियो स्टेशन रेडियो मयूर 90.8 एफएम के द्वारा पोषण पर जागरूकता संदेश फैलाया जा रहा है। कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से आईसीडीएस विभाग के पदाधिकारियों ने पोषण अभियान को जन आंदोलन के रूप में तब्दील करने के लिए सारण वासियों से अपील की है तथा इसमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जा रहा है।

बिहार राज्य के सरन जिले से सोनी सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहती है कि, समाज कल्याण विभाग के समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) निदेशालय ने आम जनता को पोषण और प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है . कोई भी व्यक्ति टॉल फ्री नंबर 18001215725 पर फ़ोन कर पोषण और प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ECCE) से जुड़ी जानकारियां घर बैठे प्राप्त कर सकता है.

धरती के दूजे होते भगवान डॉक्टर ,कोरोना संक्रमित व्यक्ति के अंतिम दाहसंस्कार में शामिल रहे सोनपुर-- धरती के दूजे भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर एक तरफ मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने से लेकर अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रयत्न में लगे रहते हैं लेकिन जब डॉक्टर अपने टीम के साथ इस कोरोना महमारी में अपनी जान जोखिम में डालकर भी कोरोना के सेंपलिंग करने से लेकर कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद भी उसकी दाह संस्कार में अपने सहकर्मियों के साथ उसकी अंतिम संस्कार करती है तो वाकई में यह शिद्ध कर दिए सोनपुर अनुमंडल अस्पताल प्रबंधक डॉ मृत्युंजय पांडे व चिकित्सा प्रभारी हरिशंकर चौधरी ने की इस पृथ्वी के दूजे भगवान डॉक्टर होते हैं जिन्होंने अपने टीम के साथ संक्रमित व्यक्ति के अंतिम दाहसंस्कार तक करने में पीछे नहीं रहे । ऐसा ही एक मामला सारण जिले के सोनपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर पंचायत के बैजलपुर केशव निवासी 55 वर्षीय शैलेश प्रसाद की मौत शनिवार के सुवह में हो गया है । इस बात की जनकारी सारण जिला संवाददाता संजीत कुमार को देते हुए डॉ मृत्युंजय पांडये ने बताया कि शैलेश प्रसाद का कोरोना सैंपलिंग की जाँच सोनपुर एएनएम ट्रेनिगं सेंटर में 15 अगस्त को की गयी थी जिसमे उसका जाँच रिपोर्ट में कोरोना से संक्रमित पाया गया । वह डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रसित भी था । इस खबर के सुनते ही गांव में कोहराम मच गया वही सोनपुर अनुमंडल अस्पताल प्रबंधक मृत्युंजय पांडये ने अपने टीम के साथ बैजलपुर केशव पहुँच कर मृतक के परिजनों को पीपी कीट पहनाकर मृतक के दाहसंस्कार कराया । जिससे अन्य लोगों को संक्रमण का प्रभाव न पड़े । वहीं स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि राजकुमार राय व धर्मेंद्र कुमार ने इस दर्दनाक हादसा की खबर स्थानीय प्रशासन के साथ अस्पताल प्रबंधक व प्रभारी को जनकारी अवगत करायी । परिवार जनों को रो-रो के बुरा हाल है ।

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नेहा और संध्या ने सर्वाधिक अंक प्राप्त कर अपने सारण जिले में चौथा सोनपुर में प्रथम स्थान प्राप्त कर विद्यालय, गांव तथा परिवार का मान बढ़ाया सोनपुर-- सोनपुर प्रखंड के केपीएसपी हाई स्कूल की नेहा कुमारी और संध्या कुमारी ने मैट्रिक परीक्षा-2020 में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर जिले में चौथा स्थान प्राप्त किया है । विद्यालय का मान बढ़ाया है।नेहा कुमारी को जहां 452 अंक मिला है,वहीं संध्या कुमारी को 434 अंक प्राप्त हुआ है । सोनपुर प्रखंड के भरपुरा टोला निवासी विनोद साह और माता मीनू देवी की पुत्री नेहा कुमारी वही उपेन्द्र साह और माता लक्ष्मी देवी की पुत्री संध्या कुमारी मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं।जहां नेहा कुमारी के पिता मजदूर हैं,वहीं संध्या कुमारी के पिता अपना स्वरोजगार करते हैं।दोनों छात्राओं की मां एक कुशल गृहिणी की भूमिका निभाती हैं। *नेहा कुमारी और संध्या कुमारी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और विद्यालय के शिक्षकों को दिया है । नेहा कुमारी का कहना है कि अगर दृढ़ संकल्प कर लिया जाय,तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है,वहीं संध्या कुमारी कहती है कि मेरी सफलता का राज समय सारणी से पढ़ना एवं कमजोर विषयों पर विशेष ध्यान देते हुए अध्ययन किया जाना है।* जहां नेहा कुमारी बैंक में प्रोबेशनरी अधिकारी(पी.ओ.) बनकर अपने पिता के सपने को साकार करना चाहती है,वहीं संध्या कुमारी शिक्षिका बनकर ज्ञान बांट कर समाज की सेवा करना चाहती है।वह यह भी कहती है कि अपनी पढ़ाई पूरी करके अपने संतोष कुमार सिंह सर जैसे शिक्षिका बनना चाहती हूं । जिससे समाज के लोगो में जागृति उतपन्न कर एक अच्छे समाज के निर्माण में अपना अहम भूमिका निभा सकू । वही नेहा कहती हैं कि कोई भी विद्यार्थी अगर अपने मंजिल तय करने के लिए अपने लक्ष्यों को पूरा किया जा सकता है विना लक्ष्य के कोई भी मुकाम हासिल नहीं हो सकता है । दोनों सहेली दृढ़ता के साथे एक दूसरे से आगे निकलने में हर वक्त प्रयत्नशील रहती है ।

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