बिहार राज्य के जमुई जिले से रजनी कुमार सिंह जी कहते है कि मोबाइल वाणी पर मलेरिया को लेकर अभियान चलाया जा रहा है,जिसका उद्देश्य समाज में जागरूकता लाना है। इन्होने खैरा प्रखंड के पी.एच.सी के युवा चिकित्सक डॉक्टर मनीष कुमार जी से मलेरिया अभियान पर साक्षात्कार लिया,जिसमे मनीष जी का कहना है कि मलेरिया, मच्छर से होने वाली बीमारी है और यह सिर्फ मादा एनोफिलिस मच्छर के काटने से फैलती है।जहाँ पानी का जमाव ज्यादा हो, वही ये मच्छर अंडा देना शुरू करता है। जैसे की अभी बरसात का समय चल रहा है और जगह-जगह पानी जमाव की स्थिति बनी हुई है और साथ ही हम गाय को नाद में चारा भी देते है और इस नाद में कई दिनों तक पानी जमा हुआ रहता है,जिसमे मच्छर प्रजनन करते है और इसी से मच्छरों का पनपना शुरू होता है। मलेरिया से बचाव के लिए सबसे पहले डी.डी.टी का पाऊडर छिड़काव जरूर करना है,दूसरा है गढ्डा, नाद ,टायर आदि में जल का जमाव बंद करना होगा। घर में हम मच्छरदानी का उपयोग कर अपने आप को मच्छर से बचा सकते है,साथ ही बदन को खुला नहीं छोड़ना है।मलेरिया के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की और से साफ-सफाई का व्यवस्था है,कचड़े को बाहर और सही जगह निपटाने का भी व्यवस्था है आदि। सरकार को नाली की सफाई व्यवस्था में ध्यान देने की जरुरत है।
जिला मुंगेर से रजनीश कुमार जी मोबाईल वाणी के माध्यम से सुरेंदर प्रसाद जी से साक्षात्कार ले रहे हैं जिसमे उन्होंने बताया कि मलेरिया एक वैक्टर जनित रोग है। ये क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इससे बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। इसके अलावा साफ़ सुथरा रहना चाहिए। और जल जमाव हो तो उसे निकल देना चाहिए। टी टी पी का छिड़काव भी करवाना चाहिए
बिहार के जिला जमुई से दिलीप पांडेय जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि अमूमन गर्मी में पानी के लिए लोगों के भटकने की बात समझ में आती है। बरसात में भी पानी के लिए जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़े तो यह व्यवस्था के लिए एक गंभीर सवाल है। जिला मुख्यालय से छह किमी की दूरी पर मलयपुर की बड़ी आबादी को शुद्ध पेयजल के लिए जान जोखिम में डालना पड़ता है।महिलाएं बरसाती नदी आंजन पार कर नदी के दूसरे कछार पर बालू से पानी निकालती हैं। मलयपुर बस्ती की रहने वाली रनिया देवी, महादलित टोले की कारी देवी, सुखमिनिया देवी बताती हैं कि उनके घर के आसपास के चापाकल शुरुआती गर्मी में ही दम तोड़ दिया था। तब से वह खराब पड़ा है। पानी के लिए आंजन नदी ही एकमात्र साधन है। नदी में पानी आ जाने के बाद उन्हें नदी पार कर दूसरे कछार पर जाना पड़ता है जहां बालू में गड्ढा खोदकर पानी निकालती हैं। नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी होती है तो इनके सामने पानी की समस्या गंभीर हो जाती है। पानी के लिए भटकना पड़ता है और आंजन नदी का जलस्तर कम होने का इंतजार भी करना पड़ता है।मलयपुर बस्ती से सटे आंजन नदी के ठीक सामने शिवमंदिर और थोड़ी दूर आगे बढ़ने पर साव टोला में लगा चापाकल पिछले छह महीने से खराब पड़ा है। एनएच-333 से सटे कर्मशाला के समीप के चापाकल से भी अब पानी नहीं निकलता है। अधिकांश चापाकल पंचायत व पीएचईडी विभाग द्वारा लगाया गया है लेकिन इन बंद चापाकल के मरम्मत की बात पर सभी ने आंखें मूंद ली है।
Transcript Unavailable.
रजनी कुमार,जिला जमुई से मोबाइल वाणी के माध्यम से जमुई के सांसद चिराग पासवान से महिला हिंसा के प्रति साक्षात्कार लिए जिसमे उन्होंने महिला हिंसा होने का प्रमुख कारण जानकारी का अभाव बताया है.उन्होंने कहा है की जिस तरह महिलाओ में एक समान सम्मान मिलना चाहिए उसमे कही न कही मानसिकता में जागरूकता की कमी के कारण घरेलु हिंसा होती है।समाज में जागरूकता के लिए सबसे ज्यादा प्राथमिकता शिक्षा को देनी चाहिए क्योकि जबतक महिलाये शिक्षित नहीं होगी,अपने अधिकारों को नहीं जानेगी तब तक यह संभव नहीं है।वही बराबरी का दर्जा पाने का जितना पुरुष को अधिकार है उतना महिलाओ को भी होना चाहिए।महिला हिंसा के प्रति स्थानीय प्रसाशन की भूमिका होती है की अगर कही भी हिंसा होती है तो स्थानीय प्रसाशन की जिम्मेवारी होती है की उसपर कड़ी से कड़ी कार्यवाई करे।वही इनका कहना है की अगर सच्चाई से कानून का पालन किया जाये तो धीरे-धीरे समाज में मानसिकता में कमी आएगी।
जिला जमुई से रजनी कुमार सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री विजय प्रकाश जी का साक्षात्कार लिए जिसमे रजनी जी यह जानना चाहते हैं कि- महिलाओं के साथ हो रहे घरेलु हिंसा का प्रमुख कारण क्या है इस विषय पर विजय प्रकाश जी ने कहा कि महिलाओं के साथ होने वाले घरेलु हिंसा का मुख्य कारण जागरूकता की कमी है यह सामान्य परिवार,निम्न स्तर के परिवारों में अधिक देखा जाता है।इसे रोकने के लिए समाज के लोगो में एकता लाना,लोगो को शिक्षित करना,जागरूकता अभियान चलाना,समाज किस तरह से ऊंचाई पर जाए और महिलाओं के साथ हो रहे शोषण के मामलों को खत्म करने के लिए सभी लोगों में एकजुटता लाने के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने की जरुरत है।माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी परवरिष दे तभी घरेलु हिंसा में कमी हो सकती है। साथ ही स्थानिए प्रसाशन निरपक्ष हो कर किसी भी मामले को अच्छे से जांच करे एवं महिला को प्रताड़ित करने वाले को सजा दे।पुरुषो को कभी महिलाओं को हीन भावना से नहीं देखना चाहिए उन्हें भी सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। आज यह जरुरी है की महिलाओं को सम्मान के साथ आगे बढ़ने का मौका दे और उन्हें भी रोजगार के मार्ग में आगे बढ़ाए।
Alok Kumar Singh from Jamui, Bihar interviewed social worker Mr. Shivshankar. As per his opinion the main reason behind gender based violence is strong patriarchal mentality. Apart from that low literacy rate is also contributing to the fact. In Bihar women literacy rater is lower than male literacy rate. Along with that women don't get much opportunities in life like men. This leads to a situation where women don't express their feelings and situation to others and become victims of violence. He also suggested that dowry system should be abolished at the first place to tackle gender based violence in the society. Encouraging women education and creating equal opportunity for women should be also an important step towards fighting gender based violence.
दिलीप पांडेय जी जिला जमुई से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि मनरेगा मजदूरों के निजी जमीन पर तालाब खोदवाए जायेंगे और इसके चारों और फलदार पौधे लगाए जायेंगे। मजदुर इन तालाबों में मत्स पालन करेंगे और पौधों की देख -रेख भी करेंगे। इस महत्वकांझी योजना का आगाज़ 1 मई से शुरू किया जायेगा। दिलचस्प बात यह है कि जब कार्डधारी परिवार को पौधे की देख -रेख के बदले पांच वर्ष तक 1400 सौ रूपए महीना मानदेय मिलेगा। योजना का लाभ उन हज़ारो मजदुर का होगा जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहते है और सरकार जिन्हे रोजगार उपलभ्ध नहीं करा पा रही है,अब उन्हें भटकने की जरुरत नहीं होगी ,जब कार्डधारी परिवार तालाब खोदवाने के लिए मनरेगा कार्यालय में आवेदन देंगे। यहाँ से स्वीकृति मिलने के बाद तालाब खोदवाए जायेंगे। इस योजना से बिहार में मत्स उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और मछलियों के लिए दूसरे राज्यों में निर्भरता कम होगी। तालाब खोदवाने में मानव वर्ग का प्रयोग ,नई योजना से सिर्फ कार्डधारी परिवार को ही नहीं बल्कि आस पास के बेरोजगार को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे क्योंकि तालाब खोदवाने के लिए मानव बल का ही सहारा लिया जायेगा। मनरेगा के तहत मजदूरों की आर्थिक स्तिथि व सेहत सुधारने की अन्य योजना पर इस वित्तीय वर्ष में काम आएगा
दिलीप पांडेय जी जिला जमुई से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि बांका में इन दिनों निर्माण हेतु अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट से 4000 मेगा वाट की विधुत की आपूर्ति की जाएगी,इस स्थापना को लेकर कार्य में तेजी हुई है। प्रशासन के द्वारा 24 सौ एक्कड़ से अधिक की जमीन उपलभ्ध करा दी गई है ,इसके लिए शीघ्र ही जमीन अधिग्रहण कार्य शुरू किया जायेगा।केंद्र सरकार ने इसके लिए प्रथम चरण में 500 करोड़ की राशि आबंटित की गई है। वहीँ बिहार मेगा पावर प्लांट टर्मिनेशन लिमिटेड की टीम स्थल का निरिक्षण कर कार्य की रिपोर्ट सौंप दी गई है। यहाँ उपाधित 4000 मेगा वाट की विधुत बिहार सहित चार राज्यों की आपूर्ति की जाएगी। इस प्लांट में प्रतेक दिन डेढ़ लाख की गिलन पानी व पानी के लिए गंगा नदी का सहारा लिया जायेगा। जबकि कोयला भागलपुर जिले के महगावां से आबंटित होगी ,इसके लिए सरकार से बात भी कर ली गई है। साथ ही पानी के लिए पड़ोसी जिला मुंगेर व भागलपुर गंगा नदी का सर्वे किया जा रहा है। इस जानकारी को पावर प्लांट के इंचार्ज ने दिया है ,उन्होंने बताया कि मेगा पवार प्लांट के लिए कोयला कॉल लीकेज आबंटित की गई है जबकि पानी की आपूर्ति गंगा नदी से होगी ,इसके लिए सर्वे शुरू हो गई है।
जमुई जिला से सूर्यकान्त जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि स्कूली बच्चों से छात्रवृति के नाम पर पैसा लिया गया है।स्कूल के हेडमास्टर द्वारा प्रत्येक छात्र से 250 रुपये प्रति छात्र करके लिया गया है जबकि छात्रवृति का लाभ स्कूली बच्चों को नहीं मिला है।साथ ही बच्चों से नामांकन शुल्क भी अधिक वसूला गया है जहाँ नामांकन शुल्क 150 रुपये है वहीं बच्चों से 450-500 रुपये करके लिया जा रहा है। वे कहते हैं कि सरकार द्वारा इतनी सुविधा दिए जाने के बाद भी शिक्षक मनमानी करते हैं।