बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि रतनपुर पंचायत अंतर्गत बनाडीह फाइंड पर करनाल जल काली पूजा से ही मृत अवस्था में पड़ा हुआ है। इसके कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि दीपावली एवं छठ पर्व में पानी का खपत सबसे अधिक होता है। पानी बंद होने से ग्रामीण पानी के लिए बगल के गांव जाकर भटक रहे हैं, लेकिन विभाग का ध्यान इस पर नहीं जा रहा है

किसानों द्वारा बनाए गए कुएं आज अपने जीर्णोद्धार के लिए देख रहा है। अगर कुएं का निर्माण पूरा किया जाए तो खेतों में हरियाली वापस आ सकता है।

बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना घर-घर नल जल योजना जब से प्रारंभ हुआ है तब से जल का बर्बादी बढ़ गया है। इसलिए पंचायत सरकार के द्वारा जब तक सोख्ता का निर्माण नहीं कराया जाएगा तब तक जल संरक्षण संभव नहीं है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी गूगल दी पंचायत के केवल गांव से विकास कुमार बता रहे हैं कि बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना घर-घर नल जल योजना का लाभ उनके घरों तक नहीं पहुंच रहा है

नल से जल नहीं गिर पा रहा है जिसके कारण वार्ड वासी को शुद्ध पानी नसीब नहीं हो रहा है

पूर्वी गूगलडीह पंचायत के केवल गांव वार्ड नंबर 3 में बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना घर-घर नजरिया योजना का लाभ प्रजापति समाज एवं ताकि समाज के लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

केवल गांव के प्रजापति समाज को बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना घर-घर नल जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

गिद्धौर: जल संरक्षण वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या है। जल संरक्षण को लेकर शासन-प्रशासन गंभीर तो है लेकिन जमीनी स्तर पर यह उतर नहीं पाई है। सरकार इसके संरक्षण के लिए जल-जीवन-हरियाली सहित अन्य कई योजनाएं चला रखी है। जबकि प्रत्येक घरों को नल का जल देने के लिए मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना संचालित है। घरों में सही तरीके से पानी मिल रहा है या नहीं यह देखने वाला कोई नहीं है। नल जल योजना का पानी सड़कों पर बहाया जा रहा है। अनदेखी की वजह से जल की बर्बादी खुलेआम हो रही है। गिद्धौर प्रखंड के अंतर्गत रतनपुर पंचायत की वार्ड संख्या 02 में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना पानी की बर्बादी का सबब बना हुआ है। पीएचडी विभाग के द्वारा बिछाई गई नल जल योजना की पाइप जगह-जगह से लीकेज है जिससे प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है उक्त वार्ड में करीब 1 साल पहले ही पाइप बिछाया गया था लेकिन गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने कारण पाइप कई जगह से लीकेज होने लगी है। कई जगह पर नल जल योजना का पाइप टूटा हुआ है जिसके कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी सड़के एवं गलियों में बह रहा है जिससे जगह-जगह पर पानी का जल जमाव हो गया है। स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं पीएचडी विभाग के लापरवाही कारण यहां पानी की बर्बादी हो रही है जबकि मामूली खर्च में टूटे हुए पाइप की मरमती कराकर प्रतिदिन हजारो लीटर हो रही पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है। पाइप लीकेज होने के कारण पानी का प्रेशर भी कम रहता है जिस कारण मोहल्ले में पानी सही से नहीं पहुंचता है। जबकि नियमित पानी भी नहीं आने से लोगों को परेशानी होती है।

बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से तुलसी पंडित से हुई। तुलसी पंडित यह बताना चाहते है कि मोबाइल वानी की प्रेरणा से मनरेगा योजना के तहत उन्होंने एक यूनिट पौधा लगाया है । उनको पौधा लगाने की जानकारी मोबाइल वाणी के माध्यम से मिला था। उनके क्षेत्र के आंगनवाड़ी में मोबाइल वाणी के द्वारा पौधा रोपण को लेकर एक बैठक की गई थी। जिसमे इनके द्वारा पौधा लगाने हेतु मोबाइल वाणी के अधिकारियों से एक यूनिट पौधों की मांग की गई थी। जिसके बाद उनके क्षेत्र के वार्ड सदस्य के द्वारा मनरेगा के तहत उनको पौधा उपलब्ध करा दिया गया था । लगभग दो सौ पौधा लगाया गया। पौधा लगाने से बहुत फ़ायदा हुआ। बारिश भी अच्छी हुई। कई लोग उनसे प्रेरित होकर पौधा लगाना चाहते है। मोबाइल वाणी के कारण उनके जीवन में बदलाव आया है। जिसके कारण वह मोबाइल वाणी के कार्य से बहुत खुश है।

इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?