मधुबनी जिला के खुटौना प्रखंड से संतोष कुमार जी कहते हैं रेनू कुमारी जी के साक्षात्कार पता चलता कि मुंबई में भी आज बड़ी उम्मीदें के साथ लोग पहुंचते हैं लेकिन जब वहां पहुंचने के बाद इसकी सपने चकनाचूर हो जाता है या तो वह अच्छी नौकरी नहीं कर पाते हैं अगर अच्छी नौकरी मिलती है तो काम ज्यादा करवाते हैं जिसके कारण उत्तर भारतीय अपनी मेहनत के बल पर मोटी रकम को कर पाते हैं लेकिन उन्हें तरह-तरह की भाषा के दूसरों पर भी किया जाता है दूसरी तरफ उत्तर भारतीय को लगता है कि अगर शहर हम पहुंच गए तो कुछ अच्छी कमाई करके जाए जिसके लिए अनाप-शनाप रेट पर वहां पर काम करने लगते हैं जिसका यहां जो वहां के लोग मुकदमे को लगता है भाषा के साथ साथ दूसरी यात्रा भी देते हैं इसका नतीजा होता है उसे शहर छोड़ कर गांव की तरफ आ जाना अगर सरकार दिन में सपने सजी हुई रह जाती है और फिर अपने वतन को वापस आ जाते हैं तो मैं सरकार से गुजारिश करता हूं कि कल कारखाना एवं गांव में उचित रोजगार मुहैया कराए जाएं तो रेनू कहती है कि उनसे अच्छा दूसरा वेतन नहीं होता है धन्यवाद
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राज्य बिहार के जिला मधुबनी के प्रखंड खुटौना से चन्देस्वर राम चंदू जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि किसान की स्थिति बत्तर होते जा रही है। सरकार किसानों के लिए अनेकों योजना चला रही है। लेकिन योजना का लाभ किसान तक नहीं पहुँच रही है। सरकार की घोषणा के अनुसार मधुबनी जिला के प्रखंडों में किसान मेला, किसान जागरूकता आदि अभियान चलायी जा रही है।नेता और पार्टी कार्यकर्ताओं के लोग अपने-अपने चहेते को बुलाते हैं। और कमीशन पर लाभ प्राप्त करते हैं। जिसके कारण किसानों को योजना के बारे में पता नहीं चल पाता है और किसान शिविर में नहीं आ पाते हैं। सरकार की योजना की राशि वितरण में अफसर मनमानी करते हैं। दाल,मसहूर,अरहर , मकई में दाने नहीं निकल पाए। पूंजी बर्बाद हो गई। जिसके कारण किसानों का दूर शहर में पलायन जारी है।
राज्य बिहार के जिला मधुबनी प्रखंड खुटौना से चन्देस्वर राम चंदू जी मधुबनी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि किसान प्रकृति की मार से परेशान नजर आ रहे है।किसान जीएसटी और नोटबंदी से अभी उबरे भी नहीं थे कि इसी बीच प्रकृति की मार ने उन्हें घुटने के बल लाकर खड़ा कर दिया है।बदलते मौसम और पैक्स मानसून की मार से किसान खाली हाथ नजर आ रहे है।जो किसान अपनी खेतो में दाल और मकई लगाए है वे ज्यादा परेशान है।विभिन्न क्षेत्रो में किसानो द्वारा लगाए गए फसलों में दाना नहीं आने से लाखों की संख्या में किसान मर्माहत है। इस बार वे बेहतर उत्पाद की बांट जोह रहे थे ,पर ऐसा नहीं हुआ।प्रशासन ठण्ड और पाला जैसे कारण बता कर अपने पल्ला झाड़ने में लगा है। सरकार को चाहिए की इस स्थिति में किसानो को हर संभव मदद करें,अन्यथा किसान टूट जायेगा।
राज्य बिहार के जिला मधुबनी प्रखंड खुटौना से चन्देस्वर राम चंदू जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बजट में रोजगार,शिक्षा और कृषि जो अर्थवयवस्था का प्रमुख आधार माना जाता है।वैसे भी वर्तमान सरकार इन क्षेत्रों में वाजिब सुधार करती नहीं दिख रही है।शायद यही वजह है की आर्थिक समीक्षा को आंकड़े का संज्ञान लेते हुए बजट में इन क्षेत्रो की मजबूती के लिए प्रभावी कदम उठाये गए है।स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए बजट में ध्यान दिया गया है।इधर जीएसटी में भी निरंतर सुधार देखने को मिल रहा है।इसको प्रभावी बनाने के लिए बजट में कुछ प्रावधान भी किये गए है। अत: आम बजट लाभकरी सिद्ध होंगे और विकास दर में इजाफा करेंगे।