श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत सोनू भाई से हुई सोनू बताते हैं महंगाई के दौर में दिहाड़ी बहुत कम है महीने में 15 दिन काम भी बहुत मुश्किल से होता है₹500 बिहार है घर से बहुत दूर जाना पड़ता है जिसमें ₹100 किराए में लग जाते हैं राशन कार्ड भी नहीं है मजदूरी कार्ड भी नहीं है सरकार ध्यान नहीं देती है

श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत साउथ अहमद से हुई साउथ भाई बताते हैं कि महंगाई बहुत ज्यादा है मजदूरी करते हैं किराए पर रहते हैं मगर हमारा राशन कार्ड नहीं बनाएं जिसकी वजह से बहुत ज्यादा समस्या हो रही है

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नई दिल्ली।। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वार्षिक वित्तीय खर्चों की पूर्ति के लिए, देश को कल्याण की दिशा दिखाने के लिए सरकार द्वारा जनता से किए वादों को पूरा करने के लिए मंगलवार के दिन लोकसभा में बजट 2024 पेश किया। बजट का लक्ष्य अपुष्ट था।बजट के माध्यम से गरीब, महंगाई, युवा और अन्नदाता की समस्याओं को केंद्रित कर कांग्रेस के न्याय फार्मूला को अघोषित हासिल करने की चेष्टा दिखाई दी है। जहां सदन का केंद्र बैंगनी किनारे वाली क्रीम रंग की साड़ी पहनकर सदन में पहुंचीं वित्त मंत्री सीतारमण तक सीमित था बस्ता खुलते ही बजट की प्रस्तुती पर खिसक गया।आरंभ से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर भरोसा जताने और लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का जनादेश देने के लिए देश की जनता को धन्यवाद दिया गया। श्रीमति सीतारमण के अनुसार बजट रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर तैयार किया गया है।साथ ही साफतौर पर यह भी स्पष्ट किया की जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी नीतिगत अनिश्चितता की चपेट में है… समय की धरा प्रवाह में भारत की आर्थिक वृद्धि को स्थापित किया जाना जटिल प्रक्रिया से संभव होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि देश की मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है और चार प्रतिशत की ओर से बढ़ रही है। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने बजट पेश होने से पहले कहा कि वो उम्मीद कर रही हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से कुछ राहत दिलाएंगी और सरकार प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ नहीं बल्कि ‘जन की बात’ करेगी।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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