तमाम दावों के बाद भी सच्चाई यही है कि आज भी देश में महिलाएँ और लड़कियां गायब हो रही है और हमने एक चुप्पी साध राखी है। दोस्तों, महिलाओं और किशोरियों का गायब होना एक गंभीर समस्या है जो सामाजिक मानदंडों से जुड़ी है। इसलिए इसे सिर्फ़ कानूनी उपायों, सरकारी कार्यक्रमों या पहलों के ज़रिए संबोधित नहीं किया जा सकता। हमें रोजगार, आजीविका की संभावनाओं की कमी, लैंगिक भेदभाव , जैसे गंभीर चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इसकी रोकथाम के लिए सोचना होगा। साथ ही हमें लड़कियों को शिक्षित करने और उन्हें सशक्त बनाने की भी आवश्यकता है। तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- लड़कियों को मानसिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं? *----- आप इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं? साथ ही आप सरकार से इस मुद्दे पर क्या अपेक्षाएं रखते हैं? *----- आपके अनुसार लड़कियों और महिलाओं को लापता होने से बचाने के लिए क्या किया जा सकता है?

झारखण्ड राज्य के रांची जिला से सुनील सरजी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की हमारे देश में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन जैसे कारकों को ध्यान में रखना चाहिए । देश भर में गाड़ियों की संख्या बहुत बढ़ गई और उनसे निकलने वाले धुएं की वजह से गर्मी ज्यादा होती है। मौसम लगातार खराब होता जा रहा है और पर्याप्त रूप से भी बारिश नहीं हो रही है। लोगो को इस पर ध्यान देने की जरुरत है।

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पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से राज्य में "एक पेड़ मां के नाम अभियान" चलाया जा रहा है। राज्य में प्रशासन ने महिलाओं के प्रति कृतज्ञता व सम्मान की दृष्टि से इस कार्यक्रम का आयोजन राज्य स्तर पर किया है। महिला सुरक्षा शाखा द्वारा पौधरोपण अभियान की इस कड़ी में 23 जुलाई 2024 को पुलिस महानिरीक्षक म.सुरक्षा जोन कार्यालय एवं महिला हेल्पलाइन (1090) के कार्यालय परिसर में एडीजी श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, आईजी श्रीमती हिमानी खन्ना एवं एआईजी श्रीमती किरणलता केरकेट्टा (महिला सुरक्षा) के साथ कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पौधरोपण किया।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

इस एपिसोड में जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों को एक किसान परिवार की कहानी के माध्यम से दिखाया गया है। बदलते मौसम पैटर्न, अनियमित वर्षा, और कृषि पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गई है। साथ ही, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए समुदाय-स्तर पर कार्रवाई करने का आह्वान किया गया है।

शराब पिने से श्रमिक का हुआ सेहत ख़राब

बारिश से लोगों को मिली राहत

भारतीय संविधान किसी के आर्टिकल 14 से लेकर आर्टिकल 21 तक समानता की बात कही है, इस समानता धार्मिक आर्थिक राजनीतिक और अवसर की समानता का जिक्र किया गया है। इस समानता किसी प्रकार की जगह नहीं है और किसी को भी धर्म, जाति और समंप्रदाय के आधार पर कोई भेद नहीं किये जाने का भी वादा किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के हालिया फैसले में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वह धर्म की पहचान के आधार भेदभाव पैदा करने की कोशिश है।दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? क्या आप सरकार के फैसले के साथ हैं या फिर इसके खिलाफ, जो भी हो इस मसले पर आपकी क्या राय है? आप इस मसले पर जो भी सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें

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