हमारे संवाददाता रफ़ी की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से एक रेलवे सफाईकर्मी से हुई। बातचीत के दौरान सफाईकर्मी ने बताया कि करीब आठ वर्षो से खबोल कंपनी के तरफ से सफाई का काम कर रहे हैं। उन्हें कुछ भी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होती हैं। ड्यूटी करने पर ही कांट्रेक्टर के तरफ से पैसा मिलता हैं। छुट्टी के दिन कार्य करने पर कोई अतिरिक्त वेतन नहीं मिलता। पी.एफ का पैसा कटता हैं लेकिन पी.एफ नंबर के बारे कुछ जानकारी नहीं हैं।ड्यूटी 12 घंटे की होती हैं लेकिन इमरजेंसी के दौरान किसी भी वक़्त ड्यूटी पर आना पड़ जाता हैं। इसलिए 24 घंटा गाड़ी पर ही बिताना पड़ता हैं। सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन 18,000 निर्धारित हैं लेकिन इन सफाईकर्मियों को कम ही वेतन मिलता हैं। प्रति दिन के दर से 398 रूपए मिलते हैं। ईएसआई कार्ड बनी हैं पर कोई सुविधा नहीं मिलती हैं। आगे बताते हैं कि उन्हें वेतन भी सही समय पर वेतन नहीं मिलता हैं।पहले वेतन हाथ पर मिलता हैं लेकिन अभी एक साथ सभी कर्मचारियों के खाते में वेतन पहुँच जाता हैं। बाकि सुविधा को छोड़ केवल रेलवे द्वारा पास की सुविधा दी गई हैं।
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उत्तर प्रदेश इलाहबाद से अनुपम कुमार साझा मंच के माध्यम से एक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं