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पलामू, झारखंड से शंकर पाल साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लगातार हो रही बारिश से मक्का-दलहन की खेती करने में बहुत परेशानी हो रही है, मोदी जी के द्वारा लद्दाख दौरा कर सैनिकों का उत्साहवर्धन करना एक प्रशंसनीय कदम है, कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की शहादत दुःख की बात है, झारखंड में तेइस सौ पंचानबे लोग कोरोना संक्रमित हो गए हैं, काम-धंधे बंद हो जाने से जीवन-यापन काफ़ी मुश्किल हो गया है लेकिन सरकात द्वारा बाँटे जा रहे मुफ़्त राशन से किसानों को बहुत राहत है। सभी लोगों से निवेदन है कि मास्क लगाकर चलें और कोरोना के बचें।

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पलामू, झारखंड से शंकर पाल साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बताना चाहते हैं कि मार्च से ही बच्चों की पढ़ाई बंद हो जाने की वजह से उनका समय खेल-कूद में बीत रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं होने से उनकी पढ़ायी की दिनचर्या बाधित हो गयी है। दसवीं-बारहवीं का परिणाम भी अभी तक नहीं आया है। अगर सरकार ग्रामीण स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पढ़ाई करने की अनुमति दे देती तो अच्छा रहता। बारिश से खेती का काफ़ी नुक़सान हो चुका है। कोरोना-संक्रमण के बढ़ते प्रभाव से भी लोग परेशान हैं। झारखंड सरकार से इनका निवेदन है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पढ़ाई की अनुमति दी जाए।

पलामू, झारखंड से शंकर पाल साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बताना चाहते हैं कि कोरोना-संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच झारखंड में कुछ लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे। अपना बचाव करने के सरकार के कथन के बावजूद कुछ लोग लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे। झारखंड में कोरोना-मामलों की संख्या तेईस सौ चौसठ और इससे मरने वालों की संख्या तेरह हो चुकी है तथा सत्रह सौ तिरानबे एवं सक्रिय मामले पाँच सौ इकहत्तर है। पलामू में दो दिन से मौसम साफ़ होने से किसान खेती को लेकर उत्साहित हैं।

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पलामू, झारखंड से शंकर पाल साझा मंच मोबाईल वाणी को अशोक पाल से बात कर बता रहे हैं कि आज बिहार में वज्रपात से लगभग अस्सी लोगों की मौत हो गयी है। सरकार इस वज्रपात को रोकने का कोई प्रयास नहीं कर रही है। ये साझा मंच मोबाईल वाणी से वज्रपात रोकने के उपाय के बारे में जानकारी माँग रहे हैं।

पलामू, झारखंड से शंकर पाल साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि आज मौसम साफ़ होने पर किसानों के द्वारा धान और मक्के की बुवाई के बाद अचानक आई बारिश से की गयी बुवाई खराब हो गयी। साथ ही घर से थोड़ी दूरी पर शीशम के पेड़ पर हुए वज्रपात से वह शीशम का पेड़ बीच से फत गया। इसलिए बारिश होने पर पेड़ के नीचे छुपने से मना किया जाता है।

पलामू, झारखंड से शंकर पाल साझा मंच मोबाईल वाणी को बता रहे हैं कि पिछले तीन दिनों से मौसम साफ़ रहने से किसान अपने खेतों की जुताई-बुवाई में लग गए हैं। झारखंड में कोरोना-संक्रमण की बढ़ती संख्या लपगों को चिंतित कर रही है और वे जल्द इसके ठीक होने तथा इसकी दवा उपलब्ध होने की प्रार्थना कर रहे हैं। झारखंड में अब तक कोरोना के बाईस सौ एक मामले पाए गए हैं, जिनमें पंद्रह सौ बीस ठीक हो चुके हैं और ग्यारह की मृत्यु हो चुकी है।