बिहार राज्य के जिला मुजफ्फरपुर ,घर मिणपुर से मोहम्मद सलीम प्रवीण साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार के रिपोर्ट के मुताबिक पांच -छह साल से साढ़े बारह लाख मजदूरों का पंजीकरण करवाया गया था मगर अब तक मजदूरों को लाभ नहीं मिला है । 180 हजार मजदूरों को तीन-तीन हज़ार रूपए का लाभ दिया गया जिसमे रिपोर्ट के मुताबिक आधे से अधिक लाभुकों को इसका लाभ नहीं मिल सका है । इस विषय पर सरकार ताल-मटोल कर रही है।

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श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजिकरण पिछले कई सालों से जारी है।ये बात ठीक है पंजिकरण लाखों की संख्या मे हुए है लेकिन लाभ कुछ सौ लोगों को ही मिल पाया है।ये भी ठीक है सरकार इस विषय पर टाल मटोल कर रही है।मज़दूर इस तरह के टाल मटोल के खिलाफ़ कोई आवाज़ नहीं उठाते इसलिए सरकार को लगता है कि मज़दूर खुश हैं।कुछ मज़दूरों को ये लगता है कि हमारे दुखों की मुक्ति के लिए कोई बाहर का व्यक्ति संघर्ष करेगा और लाभ हमे मिल जाएगा।
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April 1, 2019, 11:09 a.m. | Tags: int-PAJ  

मीनापुर से सलीम परवेज़ साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि सरकार मदद से अगर छोटा उद्योग स्थापित किया जाएगा तो मज़दूरों को समस्याओं से निजात मिलेगा और पलायन भी रुकेगा। स्थानीय रोजगार के अभाव के कारण ही स्थानीय लोग प्रदेश में नौकरी की तलाश में जाते हैं। लेकिन देखा जाता हैं कि दूसरी जगह पलायन करने के बाद भी उन्हें कई समस्या होती हैं। वहाँ उन्हें महीनों रोज़गार की तलाश में बैठना पड़ता हैं। अगर नौकरी मिल भी जाती हैं तो उनकी मज़दूरी का सही से भुगतान नहीं होता। बताते हैं कि उनके क्षेत्र में मनरेगा के तहत काम नहीं हो रहा हैं। पहले जो भी कार्य हुआ हैं उसमें भ्रष्टाचार ही देखा जाता हैं। क्षेत्र के मुखिया स्थानीय लोगों से धोखाधड़ी कर पैसा ले लेते हैं। अगर सरकार स्थानीय क्षेत्र पर रोज़गार के साधन उपलब्ध करवाऐंगे तो स्थानीय लोगों को आसानी से अपने क्षेत्र में उचित रोज़गार मिलेगा।

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला से साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से मुना कुमार बता रहे है कि मुजफ्फरपुर जिला में करीब आठ लाख मजदूर निबंधित है। लेकिन सरकार के द्वारा उस निबंधन में समय -समय में बदलाव किया जाता है। जिस कारण कामगार मजदूरों को पैसा नहीं दिया जा रहा है, और मजदूरों को परेशान किया जाता है । साथ ही उन्होंने बताया कि बिहार सरकार हर समय कुछ न कुछ नए नियम ला कर मजदूरों को परेशान करती है। वे कहते है कि सरकार के द्वारा जो मजदूरों का निबंधन किया जाता है, वो प्रक्रिया भी काफी जटिल है। जिस कारण मजदूर भाई निबंधन भी नहीं करा पाते हैं।

बिहार राज्य के मुज़्ज़परपुर जिला के मीनापुर से रघुनाथ ठाकुर साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि श्रम विभाग द्वारा मजदुर कार्ड बने तीन साल हो गए हैं पर आज तक बिहार सरकार के द्वारा वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जो श्रम अधीक्षक हैं वो टाल-मटोल करते आ रहे हैं।

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला से बिनोद जी साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है , कि श्रमिक विभाग द्वारा बनाया गया 2012 से 2018 तक के मजदुर कार्ड की राशि को श्रमिक विभाग के द्वारा श्रमिकों को प्राप्त नहीं हो सका है।उसके बाद भी नया मजदुर कार्ड बनाया जा रहा है। लेकिन जो मजदूरों को बिहार शताब्दी योजना से लाभ प्राप्त होना था, उस योजना का लाभ भी मजदूरों को प्राप्त नहीं हो सका है। सरकार के लापरवाही के कारण करीब 6 वर्ष बीत चुकें हैं ,परन्तु आज तक मजदूरों को राशि नहीं मिल पाई है।सरकार के द्वारा कहा गया था की 15000 हजार की राशि मजदूरों को दी जाएगी, उसके बाद सरकार द्वारा कहा गया की 39000 हजार की राशि दिया जयेगा , परन्तु वें राशि भी मजदूरों को आज तक नहीं मिल पाया है ।

मध्यप्रदेश राज्य के इंदौर जिला के प्रजापत नगर से माया जी सेवा वाणी इंदौर के माध्यम से बताते है की सेवा वाणी इंदौर काबिले तारीफ है। वे हर दिन सेवा वाणी इंदौर को सुनती है इसके माध्यम से उन्हें कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिल पाती है। जैसे सरकार के द्वारा निकाल जाने वाली कोई भी सरकारी योजना आदि कि जानकारी सेवा वाणी इंदौर के माध्यम से मिलता है।

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के मालीघाट से सुनील कुमार साझा मंच के माध्यम से भोजपुरी भाषा में देश भक्ति लोक गीत प्रस्तुत कर रहें हैं। इस गीत के माध्यम से यह कहना चाहते हैं कि "हमारा देशवा पर सबके गुमान नीक बा"।

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के मालीघाट से सुनील कुमार साझा मंच के माध्यम से राजस्थानी लोक गीत प्रस्तुत कर रहें हैं। इस गीत के माध्यम से यह कहना चाहते हैं कि "पहले चांदी के सिक्के चलते थे,अब चलता है कागज का नोट जमाना बदल गया "।