हरियाणा राज्य के झज्जर ज़िला के बहादुरगढ़ से मनोहर लाल कश्यप की बातचीत श्रमिक वाणी के माध्यम से श्रमिक चन्दन से हुई। चन्दन बताते है कि ये चप्पल जूता बनाने वाली कंपनी में काम करती है। कंपनियों में काम पहले के मुताबिक सुधार हुआ है। लेकिन कंपनी में वेतन अपने मनमर्ज़ी अनुसार देती है। श्रमिक का ग्रेड पे 10,200 का रहता है लेकिन किसी श्रमिक को इतना पैसा नहीं मिलता है। ठेकेदारी के माध्यम से काम करते है तो वेतन काट कर दिया जाता है। श्रमिक मज़बूरी में कम वेतन पर ही काम करते है। कंपनियां भी श्रमिकों को कुछ महीने के लिए रखती है ,काम नहीं रहने पर श्रमिकों को निकाल दिया जाता है। सरकार कहती है कि वेतन बढ़ाया गया है ,लेकिन कुछ ही कंपनियाँ है जो अपने श्रमिकों को सही से वेतन दे रही है। यातायात किराया बढ़ गया ,तेल का भाव बढ़ गया लेकिन कंपनी में वेतन नहीं बढ़ी है। श्रमिकों का महीने का 2000 रूपए किराया लगता है ,लेकिन कंपनी से श्रमिकों को यात्रा भत्ता नहीं मिलता है। पीएफ तो कट रहा है लेकिन कंपनी अपने प्लान के अनुसार आधा जमा करती है। जैसे अगर श्रमिकों को 600 रूपए पीएफ कटता है तो कंपनी अपने प्लान अनुसार आधा जमा करती है।
