दिल्ली एनसीआर के गुरुग्राम रोड से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से निखिल कुमार से हुई। निखिल कुमार कहते है कि वो लेबर चौक ठेकेदारी के माध्यम से काम करते है। 12 घंटे के काम में 400 रूपए दिहाड़ी मिलती है। कार्यक्षेत्र में कोई सुरक्षा की सुविधा नहीं मिलती है। सप्ताह में ठेकेदार द्वारा दिहाड़ी मिलती है लेकिन कभी ठेकेदार द्वारा पैसे नहीं दिया जाता है। एक बार कई दिनों तक काम किये थे और ठेकेदार ने सात हज़ार रूपए नहीं दिए थे। कही भी काम करने जाते है तो ठेकेदार द्वारा सुरक्षा के कोई साधन उपलब्ध नहीं करवाते है। अपने से ही ले जाना पड़ता है ,सिर पर बोझ ढोने के लिए पगड़ी ले जाते है। एक साल से यह काम कर रहे है ,कभी काम मिलता है तो कभी नहीं मिलता है। गोरखपुर में काम नहीं मिलता है इसलिए शहर आये है। शहर में रूम रेंट ,बिल आदि मिला कर तीन हज़ार होता है जिसे महीने में निकालना बहुत मुश्किल होता है। खाने पीने का जुगाड़ उधारी में चलाते है। लेबर कार्ड बना हुआ है ,जिसमे कुछ पैसे आते है ,उसी से जीवन चल रहा है