तमिलनाडु तिरुपुर से अरुण साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि एक महिला वर्कर ने नवंबर' 2020 में तिरुपुर कि एक कंपनी में  लगभग 10 दिनों के लिए काम किया था। उनके पास कोई बैंक खाता नहीं होने के कारण उन्हें नकद राशि दी जा रही थी। कंपनी के एच.आर ने कहा कि दस दिनों  की सैलरी उन्हें दिसंबर में दी जाएगी, लेकिन दिसंबर में उनकी सैलरी नहीं दी गई। जनवरी 2021 में जब महिला वर्कर अपनी सैलरी लेने गई तब उनसे एक रेसिग्नेशन लेटर देने के लिए कहा गया। 1 फरवरी 2021 को फिर से महिला वर्कर को आने को कहा गया। जब वह 1 तिथि को अपना सैलरी लेने गई, तो एच.आर ने उनसे अगले महीने आने के लिए कहा। महिला वर्कर ने परेशान होकर साझा मंच की टीम को फोन किया। तब साझा मंच की टीम ने उनसे कंपनी के एच.आर का नंबर भेज कर लोकल यूनियन मेंबर्स से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मदद करने से इनकार कर दिया कि वह उस कंपनी के साथ बिजनेस कर रहे हैं। फिर साझा मंच की टीम ने एच.आर को सीधे फोन किया और पूछा की महिला वर्कर की सैलरी ना देने का कारण क्या है? एच.आर ने कहा कि वे कंपनी के ऑडिट में व्यस्त हैं, इसलिए अभी वेतन देने में असमर्थ हैं लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि वे 18 फरवरी को उनकी सैलरी दे देंगे। जैसा कि कंपनी के एच.आर ने महिला वर्कर को आने को कहा था, इसलिए महिला वर्कर ने 18 तारीख को अपनी वर्तमान कंपनी से छुट्टी लेकर पूर्व कंपनी में वेतन लेने गयी , लेकिन फिर से उन्हें अगले महीने आने के लिए कहा गया । महिला वर्कर ने साझा मंच को फिर से फोन किया और बताया कि कंपनी सिक्योरिटी गार्ड उन्हें एच.आर से मिलने कंपनी के अंदर नहीं जाने दे रहा हैं, और साथ ही वह महिला वर्कर से ठीक तरीके से बात भी नहीं कर रहा हैं।  साझा मंच की टीम ने एच.आर को 5-6 बार फोन करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया, इसलिए साझा मंच की टीम ने उन्हें एसएमएस भेज कर महिला मजदूर की सैलरी का भुगतान ना करने का कारण पूछा। साझा मंच की टीम ने महिला मजदूर को तब तक घर नहीं जाने के लिए कहा, जब तक कंपनी के एच.आर उसे सैलरी नहीं दे देते।  एचआर को 4 से 5 बार एसएमएस भेजने के बाद उन्होंने आखिरकार जवाब दिया और बताया कि वे उनकी सैलरी दे दी जाएगी । फिर एचआर ने उस महिला वर्कर को सीधे फोन किया और शाम 5 बजे तक आने को कहा जिसके बाद साझा मंच की टीम की मदद से महिला वर्कर को उनका बकाया वेतन 4800 रुपए दे दिए गए। महिला वर्कर के साथ एक और वर्कर की सैलरी भी दे दी गई, जिसका वेतन भी बहुत दिनों से रुका हुआ था। महिला वर्कर को सैलरी मिलने के बाद उन्होंने साझा मंच की टीम को फोन कर अपना आभार प्रकट किया। साथ ही साझा मंच की टीम द्वारा महिला वर्कर को सुझाव दिया गया कि इसके बाद जब भी वह किसी भी कंपनी में काम करें तो वहां वह आई.डी कार्ड और सैलरी स्लिप की मांग जरूर करें।