तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला के करीपुथुर से अरुण की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद मुख़्तसिम से हुई। मोहम्मद मुख़्तसिम ने बताया कि वो लगभग 20 सालों से करीपुथुर में कार्य कर रहे है। लॉक डाउन में घर से पैसे मंगवा का गुज़ारा किए। अभी काम शुरू होने के बात स्थिति सामान्य हो गयी। करीपुथुर में रहने वाले प्रवासियों ने कोई भी व्यापार चालु नहीं किया है।इनके अनुसार उनके पास दर्ज़ी का टैलेंट होने के कारण उन्हें खुद करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उनकी कंपनी में ईएसआई पीएफ की भी सुविधा दी जाती है पर उन्हें ही जो इसके लाभ को लेना चाहते है। इन्होने ये भी बताया कि लॉक डाउन के बाद कई कंपनियों में बहुत प्रवासी श्रमिक आये जिनसे कम्पनियाँ एग्रीमेंट करवा कर बंदी बना कर रखे हुए है। जिन्हे तमिल की जानकारी थी वो पैसा दे कर खुद को छुड़ाए वही बहुत से श्रमिक भाग कर आ गए। कई अभी भी कम वेतन पर उन कंपनियों में काम कर रहे है। बहुत से लोग पीस रेट व कंपनी शिफ्ट में ही कार्य करते है। कंपनी शिफ्ट में लगातार काम करना पड़ता है कंपनी के अनुसार वही पीस रेट में वैसा नहीं होता ,इसमें अपनी मर्ज़ी अनुसार कार्य करते है